The Lallantop

मछली और दूध के कॉम्बो से सफेद दाग़ होने वाली बात में कितनी सच्चाई है?

मेरी फैमिली से लेकर सोशल मीडिया तक में दो पक्ष बने हुए हैं.

post-main-image
मुझे लगता है कि मैं बहुत खूबसूरत लगती हूं - मॉडल विनी हार्लो
भारत के कुछ कोनों में लोग कहते हैं कि मछली खाने के बाद दूध पीने से ल्यूकोडर्मा रोग हो जाता है. मने शरीर में सफेद दाग बन जाते हैं. विश्व की कई अन्य संस्कृतियों में भी मछली और दूध के योग के दुष्परिणाम गिनाए जाते रहे हैं.
आइए पहले आपको बताते हैं कि ल्यूकोडर्मा होता क्या है?
ल्यूकोडर्मा के हिंदी अर्थ को तो हम जानते ही हैं – शरीर में सफेद दाग का बन जाना. लेकिन शरीर में ये सफेद दाग कैसे बनता है? जब शरीर को कोई विशेष रंग देने वाली कोशिकाएं किसी जगह पर मर जाती हैं तो वहां की त्वचा का रंग चला जाता है और वो सफ़ेद हो जाती है.
क्या मछली और दूध एक साथ खाने से ऐसा होता है?
नहीं! बहुत सिंपल उत्तर है. इसमें किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ की कोई और राय नहीं है. भारत में न केवल बंगाल, बल्कि पूरे विश्व में तरह तरह के मछली + दूध के कॉम्बिनेशन पाए और खाए जाते रहे हैं.
बंगाल में मछली भी चाव से खाते हैं और चावल से भी. जब चावल से खाते हैं तो उसे माछेर भात कहते हैं. और मछली और दूध या दूध से बने प्रोडक्ट्स का जाने अनजाने कॉम्बो बनता रहता हैं.
बंगाल में मछली भी चाव के साथ खाई जाती है और चावल के साथ भी. जब चावल से खाते हैं तो उसे माछेर भात कहते हैं. और मछली और दूध या दूध से बने प्रोडक्ट्स का जाने अनजाने कॉम्बो बनता रहता हैं.

कई जगहों पर मछली को मेरिनेट करने के लिए दूध/दही और अन्य मसालों का उपयोग किया जाता है, तो कई जगहों पर मछली अगर खाने में पहला या दूसरा ‘कोर्स’ है तो दूध अंतिम ‘कोर्स’. और इन जगहों में से किसी भी जगह में ल्यूकोडर्मा के सामान्य से अधिक मामले नहीं पाए गए हैं.
कुछेक आयुर्वेद के विशेषज्ञ बेशक दोनों के मेल को ल्यूकोडर्मा का प्रमुख कारण मानते हैं, लेकिन इसका न तो कोई वैज्ञानिक आधार ही स्थापित हो पाया है और न ही किसी सर्वे में ऐसा देखने में आया है.
तो क्या मछली और दूध के मेल से कुछ अन्य रोग संभव हैं?
इस मसले पर बेशक वैज्ञानिक ‘हां’ और ‘नहीं’ में बंटे हुए हैं. लेकिन फिर भी ज़्यादा वोट ‘नहीं’ को मिलते हैं. जहां ज़्यादातर वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि आपको मछली और दूध से अलग-अलग किसी प्रकार की कोई एलर्जी नहीं है तो इनके मेल से भी कुछ होने की संभावनाएं नहीं है, वहीं कुछ डॉक्टर्स और डाईटीशियन मानते हैं कि कोई बड़ा प्रभाव बेशक नहीं होगा लेकिन हां दोनों को एक साथ खा लिया जाए तो पाचन तंत्र को ओवरटाइम करना पड़ेगा. मतलब अपच की समस्या हो सकती है.
माछेर दूध (तस्वीर साभार: दी हेल्थ ऑरेंज)
माछेर दूध (तस्वीर साभार: दी हेल्थ ऑरेंज)

वैसे मछली में प्रोटीन की काफी मात्रा होती है और डाईट का एक गोल्डन रूल ये है कि दूध के साथ ज़्यादा प्रोटीन वाली कोई भी चीज़ एक अच्छा कॉम्बिनेशन नहीं बनाती. और इसका कारण केवल और केवल पचाने में लगने वाली मेहनत है बस.
अच्छा अंत में ये बात भी जान लीजिये कि ये ल्यूकोडर्मा छूत की बीमारी नहीं है. और कोई भी ल्यूकोडर्मा का शिकार इंसान उतना ही सामान्य है जितना हम. विनी हार्लो से लेकर संतोष गंगवार जैसे कितने ही सफल लोगों ने कभी इस शॉर्टकमिंग को अपने और सफलता के बीच नहीं आने दिया.


ये भी पढ़ें:

सुना था कि सायनाइड का टेस्ट किसी को नहीं पता, हम बताते हैं न!
क्या होता है रुपए का गिरना जो आपको कभी फायदा कभी नुकसान पहुंचाता है
जब हादसे में ब्लैक बॉक्स बच जाता है, तो पूरा प्लेन उसी मैटेरियल का क्यों नहीं बनाते?
टेस्ला को ग़लत साबित करने के लिए एडिसन ने एक आदमी को मरवा डाला था!
प्लेसीबो-इफ़ेक्ट: जिसके चलते डॉक्टर्स मरीज़ों को टॉफी देते हैं, और मरीज़ स्वस्थ हो जाते हैं
रोज़ खबरों में रहता है .35 बोर, .303 कैलिबर, 9 एमएम, कभी सोचा इनका मतलब क्या होता है?
उम्र कैद में 14 साल, 20 साल, 30 साल की सज़ा क्यूं होती है, उम्र भर की क्यूं नहीं?
प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से पहले उसके नीचे लिखा नंबर देख लीजिए
हाइपर-लूप: बुलेट ट्रेन से दोगुनी स्पीड से चलती है ये
ATM में उल्टा पिन डालने से क्या होता है?




Video देखें:

पंक्चर बनाने वाले ने कैसे खरीदी डेढ़ करोड़ की जगुआर, 16 लाख रुपए की नंबर प्लेट?