गुजरात के सूरत में भारत का पहला बुलेट ट्रेन स्टेशन बनकर लगभग तैयार हो चुका है (First Bullet Train Station). अगले साल ट्रायल रन भी शुरू हो जाएगा. साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि 2029 तक बुलेट ट्रेन ट्रैक पर दौड़ने लगेगी. सूरत के पास 300 किलोमीटर लंबे रास्ते (वायडक्ट) का काम अब पूरा हो चुका है. जिसमें 40 मीटर का फुल-स्पैन बॉक्स गर्डर भी शामिल है. रेल मंत्रालय ने कुछ तस्वीरें जारी की हैं. देखिए.
तैयार हो गया देश का पहला बुलेट ट्रेन स्टेशन... आईं शानदार तस्वीरें
First Bullet Train Station: गुजरात के सूरत के पास 300 किलोमीटर लंबे ट्रैक का काम अब पूरा हो चुका है. देखिए तस्वीरें. और जानिए इस पर कब दौड़ेगी ट्रेन.
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रेल मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि 300 किमी के इस स्ट्रक्चर में से लगभग 257.4 किमी का निर्माण 'फुल स्पैन लॉन्चिंग मेथेड (FSLM) के माध्यम से किया गया है. जिसमें 14 नदी पुल शामिल हैं. FSLM एक पुल निर्माण तकनीक है. जिसमें पूरा पुल डेक एक बार में एक ही जगह पर बनाया जाता है.

देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2017 में हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री PM शिंजो आबे ने 14 सितंबर 2017 को अहमदाबाद में इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था.

मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किमी का सफर बुलेट ट्रेन, मात्र तीन घंटे में तय करेगी. नॉर्मल ट्रेन से अभी इस सफर को तय करने में लगभग आठ घंटे का समय लगता है. बुलेट ट्रेन की अधिकतम स्पीड 320 प्रति घंटे होगी. इस प्रोजेक्ट की लागत 1.08 लाख करोड़ रुपए है.

गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सिंघवी ने ‘एक्स’ पर तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि बुलेट ट्रेन का अगले साल तक ट्रायल रन शुरू हो जाएगा और 2029 तक पूरी सेवा मिलने की उम्मीद है.
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जापान दो बुलेट ट्रेन गिफ्ट करेगाबीते महीने खबर आई कि जापान भारत को दो शिंकानसेन ट्रेन E5 और E3 गिफ्ट करेगा. जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इनकी डिलीवरी 2026 की शुरुआत में हो सकती है. जापान इस वक्त शिंकानसेन की E10 सीरीज पर काम कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, जापान और भारत 2030 की शुरूआत में एक साथ E10 सीरीज की ट्रेन भी पटरी पर उतारने की योजना बना रहे हैं. भारत में इस प्रोजेक्ट का जिम्मा भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी 'नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRC) को दिया गया है.
वीडियो: रेल मंत्रालय ने बताया कहां तक पहुंचा है 'बुलेट ट्रेन' का काम