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16 साल में पहली बार समय से पहले केरल में आ गया मानसून, पता है ऐसा हुआ क्यों?

Monsoon in Kerala: सामान्य तौर पर केरल में 1 जून के आसपास मानसून आता है और 8 जून तक पूरे देश को कवर कर लेता है. 17 सितंबर के आसपास ये उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है. लेकिन इस बार कहानी अलग है.

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केरल में तय समय से पहले ही मानसून आने वाला है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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कुमार कुणाल

केरल में अपने तय समय से करीब एक सप्ताह पहले ही मानसून (Monsoon in Kerala) की एंट्री होने वाली है. पिछले 16 सालों में ये पहला मौका है जब राज्य में मानसून अपने तय समय से इतना पहले आने वाला है. 

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कल यानी 25 मई तक केरल में मानसून की एंट्री हो जाएगी. राज्य में इसके लिए सभी अनुकूल परिस्थितियां विकसित हो गई हैं. इसके कारण कम दबाव वाले कई हिस्सों में पिछले दो दिनों में भारी बारिश हुई है.

ऐसा हुआ क्यों?

IMD के अनुसार, अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव वाला क्षेत्र (low-pressure system) बना है. इसके साथ ही, दक्षिण से उत्तर की ओर तेज हवाएं चल रही हैं और बादल लगातार बन रहे हैं. ये तीनों कारण हैं जो मानसून को आगे बढ़ने के लिए एकदम सही माहौल दे रहे हैं.

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जानकारों का कहना है कि मौसम के इन बदलावों से पता चलता है कि क्लाइमेट चेंज के कारण मौसम अब पहले से ज्यादा अनिश्चित होता जा रहा है. अब ये तय करना मुश्किल हो गया कि बारिश कब और कितनी होगी.

1972 में तो ये हुआ था

सामान्य तौर पर केरल में 1 जून के आसपास मानसून आता है और 8 जून तक पूरे देश को कवर कर लेता है. 17 सितंबर के आसपास ये उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है.

पिछली बार 2009 और 2001 में मानसून अपने तय समय से पहले ही केरल में प्रवेश कर चुका था. इन दोनों सालों में 23 मई को मानसून आया था. साल 1918 में ये केरल में तय समय से बहुत पहले आ गया था. उस साल राज्य में ये 11 मई को आ चुका था. 

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कई सालों के दौरान मानसून के पहुंचने में देरी भी हुई है. सबसे अधिक देरी 1972 में हुई. उस साल 18 जून को केरल में मानसून पहुंचा. पिछले 25 सालों का आंकड़ा देखें तो सबसे अधिक देरी साल 2016 में हुई जब 9 जून को राज्य में मानसून ने प्रवेश किया.

मौसम विभाग का आगे का अनुमान

इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने केरल, कर्नाटक के कुछ तटीय क्षेत्रों के साथ-साथ कोंकण और गोवा में अलग-अलग जगहों के लिए भविष्यवाणी की है. इसके अनुसार, 24 मई को इन जगहों पर भारी बारिश हो सकती है.

IMD का ये भी कहना है कि केरल और तटीय कर्नाटक में 29 मई तक भारी बारिश की संभावना है. साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं.

मौसम विभाग ने कहा कि अगले पांच दिनों में तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ेंगी.

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