इस पोस्ट में हमने केवल ‘कोट्स’ वाले डायलॉग शामिल करने का प्रयास किया है बाकी फ़िल्म के स्पेसिफिक डायलॉग छोड़ दिए गये हैं. जैसे – जब आपके मुंह में बंदूक घुसी हो तो आपके मुंह से व्यंजन नहीं निकलते, आप स्वर-वर्णों में ही बात करते हो या फाईट क्लब का पहला नियम है कि तुम उसके बारे में बात नहीं कर सकते.
लेकिन कोट्स से पहले आपको भूख बढ़ाने के लिए इस फ़िल्म की वार्निंग भी पढ़वाने की इच्छा है. ये भी झझकोर कर रख देती है.
#1- सुनो बे झींगुरों, तुम कोई स्पेशल नहीं हो. तुम कोई अद्वितीय खूबसूरत, बर्फ की फाहों से नाज़ुक नहीं हो. तुम भी सभी की तरह एक क्षय हो रहा कार्बनिक पदार्थ हो.
चेतावनी: यदि इसे पढ़ रहे हो तो ये चेतावनी तुम्हारे लिए ही है. छोटे-छोटे अक्षरों में लिखी इस बकवास का हर अक्षर तुम्हारे जीवन का एक क्षण है. क्या तुम्हारे पास कुछ और नहीं है करने के लिए? क्या तुम्हारा जीवन इतना खाली और नीरस है कि तुम ईमानदारी से यह भी नहीं सोच पा रहे कि इन क्षणों को खर्च करने के लिए एक बेहतर तरीका क्या है? या क्या तुम ‘अधिकारों’ से इतने प्रभावित हो चुके हो कि उन सभी को सम्मान और आभार देते हो जो इसका दावा करते हैं? क्या तुम वो सब कुछ पढ़ चुके हो जो तुमको पढ़ना चाहिए? क्या तुम वो सब कुछ सोच चुके हो जो तुमको सोचना चाहिए? क्या तुम वो सब खरीदते हो जो लोग तुमको रेकमंड करते हैं? अपने घर से बाहर निकलो. विपरीत-लिंग के सदस्य से मिलो. ढेर सारी खरीदारी करना और हस्तमैथुन करना बंद करो. अपना जॉब छोड़ो. एक युद्ध शुरू करो. सिद्ध करो कि जीवित हो. यदि ‘अपनी मानवीयता’ का दावा नहीं करोगे तो महज़ एक ‘आंकड़ा’ एक 'संख्या' बनकर रह जाओगे. - टायलर
#2- प्लेन में ऑक्सीजन मास्क इसलिए दिया जाता है क्यूंकि ऑक्सीजन से नशा होता है और आपात स्थितियों में तो आप और लंबी-लंबी सांसें लेते हो. अचानक ही आप आनंदित हो जाते हो, विनम्र हो जाते हो. अपने भाग्य में लिखे को स्वीकार कर लेते हो – हां यह ठीक है! हिंदू गाय की तरह शांत.
#4- हम इतिहास के मंझोले बच्चे हैं. कोई उद्देश्य, कोई जगह नहीं हमारी. हमारे युग में कोई बड़ा युद्ध नहीं हुआ. हमारे युग में कोई महान अवसाद नहीं है. हमारा बड़ा युद्ध तो दरअसल एक आध्यात्मिक युद्ध है, हमारा महान अवसाद हमारी जिंदगी है.
#3- ‘सब कुछ’ खो चुकने के बाद ही हम ‘कुछ भी’ करने के लिए आज़ाद हो पाते हैं.
#5- हम सब टेलीविजन देखते हुए बड़े हुए हैं. हम सब ये विश्वास करते हैं कि एक दिन हम सभी करोड़पति होंगे, और मूवी स्टार और रॉक स्टार होंगे. लेकिन हम इनमें से कुछ नहीं होने जा रहे. और हम धीरे-धीरे इस बात को जज़्ब कर रहे हैं. और हम बहुत, बहुत नाराज़ हैं.
#7- तुम दरअसल, तुम्हारी नौकरी नहीं हो. तुम तुम्हारे वो पैसे नहीं हो जो बैंक में पड़े हैं. तुम वो कार भी नहीं हो जिसे तुम चलाते हो. तुम तुम्हारी वॉलेट में पड़ी हुई सामग्रियां भी नहीं हो. तुम अपनी बकवास खाकी भी नहीं हो. तुम तो दुनिया के गाने बजानेवाले भांड हो.
#6- पर्याप्त लंबी समय-रेखा में हर किसी के जीवित रहने की संभावना अंततः शून्य हो जाती है.
#8- जीवन के बारे में, दोस्ती के बारे में और खास तौर पर अपने बारे में जो भी जानते हो सब भूल जाओ.
#10- सभ्यता की बुनियादी धारणाओं को नकार दो, विशेषकर संपत्ति के महत्व को.
#9- ये तुम्हारी ज़िंदगी है और हर पल इसका एक पल खत्म हो रहा है.
#11- आत्मसुधार हस्तमैथुन है.
#13- हमने आधुनिक जीवन शैली के लिए कई बहुमुखी समाधान खो दिए हैं.
#12 अपेक्षाओं से छुटकारा पाना ही असली आज़ादी है.
#14- हम उपभोक्ता हैं, जीवन शैली के जुनून से उपजे बाई-प्रोडक्ट. हत्या, अपराध, गरीबी - ये बातें मेरी चिंता का विषय नहीं हैं. मुझे चिंता है - सेलिब्रिटी पत्रिकाओं की, 500 चैनलों वाले टीवी की, मेरे अंडरवियर में किसी बंदे के नाम की, रोगेन, वियाग्रा, ऑलेस्ट्र्रा की.
#16- जब लोगों को लगता है कि आप मरने वाले हैं तब जाकर वे वास्तव में आपको सुनते हैं. अन्यथा तो वे अपने बोलने की बारी का इंतज़ार करते हैं.
#15 अपने कूल्हों पर पंख लगा लेने से तुम मुर्गे नहीं बन जाओगे.
#17- पहले तुम्हें समर्पण करना होगा, पहले तुम्हें जानना होगा. डरना नहीं, जानना होगा कि – एक दिन तुम मर जाओगे.
#19- दर्द के बिना, बलिदान के बिना, हमारे पास कुछ नहीं होगा. अंतरिक्ष में छोड़े गये पहले बंदर की तरह.
#18- ये विज्ञापन हमें कपड़ों और कारों को खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं. हमसे वो नौकरियां करवाते हैं जिन नौकरियों से हमें घृणा है, ताकि हम वो बेकार की चीज़ें ख़रीद सकें जिनकी हमें कतई जरूरत नहीं.
#20- कभी भी पूर्ण न होवो. परफेक्ट होना छोड़ दो. विकसित होते रहो. फेंके जा चुके पासों की अनिश्चितता बने रहने दो.
#22- जब लड़ाई खत्म हो चुकी, कुछ भी हल नहीं हुआ, लेकिन कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं रहा. हम सभी को ऐसा महसूस हुआ मानो हम बच गए.
#21- पहले तुम चीज़ों के मालिक होते हो फिर चीज़ें तुम्हारी मालिक हो जाती हैं.
#23- अनिद्रा बड़ी मज़ेदार चीज़ है. हमेशा ही ऐसी स्थिती बनी रहती है कि न तो आप सो ही रहे होते हो न आप जाग ही रहे होते हो.
#25- अनिद्रा में कुछ भी असली नहीं लगता. सब कुछ बहुत दूर लगता है - एक प्रतिलिपी की प्रतिलिपी की प्रतिलिपी.
#24- जब अंतरिक्ष की खोजों में तेज़ी आएगी तब व्यापर-संघ उनके नाम रखेगा - आईबीएम तारकीय क्षेत्र, माइक्रोसॉफ्ट गैलेक्सी, प्लैनेट स्टारबक्स.
#26- हे ईश्वर! एक पूरी की पूरी पीढ़ी गाड़ियों में पेट्रोल भर रही है, वेटर बनी हुई है, ‘नौकरी’ नाम की ग़ुलामी कर रही है.
#28- हम सभी एक ही खाद की ढेर के हिस्से हैं.
#27- अगर चुप रहो तो, लोग हमेशा कही जा सकने वाली सबसे खराब बात की कल्पना करने लगते हैं.
#29- लड़ चुकने के बाद, आपके जीवन में बाकी सब चीज़ों की आवाज़ धीमी हो जाती है.
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