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32 साल पहले आई थी पहली इलेक्ट्रिक कार, भारत में मची थी धूम, फिर इस वजह ने बंद करवा दी

Lovebird India’s First Electric Car: भारत की पहली इलेक्ट्रिक कार की बात आती है, तो लोगों के मन में अक्सर Mahindra REVA का नाम आता है. ये कार 2001 में लॉन्च हुई थी. लेकिन देश की पहली इलेक्ट्रिक कार रेवा नहीं बल्कि Lovebird थी.

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1993 में Lovebird को ऑटो एक्स्पो में रिवील किया गया था. (फोटो-Go Mechanic)

देश में इस समय इलेक्ट्रिक गाड़ियों की धूम है स्पेशली शहरों में. तकरीबन हर कंपनी इलेक्ट्रिक गाड़ी बना रही है. लेकिन जब भी देश की पहली ईवी का नाम आता है, तो लोगों की जुबान पर अक्सर REVA का नाम आता है. महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ये 2 सीटर कार 2001 में लॉन्च की थी. ये कार एक बार फुल चार्ज में 60 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती थी. इस कार ने भारत में इलेक्ट्रिक कारों को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई, इसमें कोई शक नहीं. लेकिन असल में ये देश की पहली इलेक्ट्रिक कार नहीं थी. 

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इलेक्ट्रिक का पहला प्यार तो Lovebird थी 

रिपोर्ट्स के मुताबिक,‘Lovebird’ भारत की पहली इलेक्ट्रिक कार थी. इस ईवी को Eddy Current Controls ने जापान की Yaskawa Electric कंपनी के साथ पार्टनरशिप में बनाया था. इसका प्रोडक्शन तमिलनाडु में किया गया था. 1993 में Lovebird को ऑटो एक्स्पो में रिवील किया गया था. इसे कई अवॉर्ड्स भी मिले थे. भारतीय सरकार को भी ये कॉन्सेप्ट काफी पसंद आया था और उन्होंने इसके प्रोडक्शन को ग्रीन सिग्नल भी दिया था.  

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भारत की पहली इलेक्ट्रिक कार (फोटो-Go Mechanic)
Lovebird क्यों नहीं मार्केट में टिकी?

Lovebird दो-सीटर कार थी. इसमें एक रिचार्जेबल बैटरी से चलने वाली DC (डायरेक्ट करंट) इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल होताथा. हालांकि, इसकी बैटरी आज की बैटरी जैसी एडवांस नहीं थी. उस समय व्हीकल में एक लेड-एसिड पैक का इस्तेमाल किया गया था. बाकी, इस कार में अपना इलेक्ट्रॉनिक चॉपर सिस्टम भी था, जिससे स्पीड पर बेहतर कंट्रोल मिलता था. इस गाड़ी में चार स्पीड गियरबॉक्स के साथ एक रिवर्स गियर मिलता था. ये ईवी शहरी या छोटे टाउन ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी. दावा है कि ये गाड़ी सिंगल चार्ज में 60 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती थी. लेकिन चार्ज होने में ये गाड़ी 8 घंटे तक का समय ले लेती थी.

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90 के दशक में लॉन्च हुई Lovebird तीन डिजिट यूनिट भी नहीं बेच पाई थी. यानी इस कार की 100 यूनिट्स की भी बिक्री नहीं हो पाई थी. इसलिए कुछ समय बाद इसे धीरे-धीरे बंद कर दिया गया. लेकिन इस गाड़ी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को लोगों के बीच पहचान दी थी. लोगों को बताया था कि पेट्रोल और डीजल के अलावा भी गाड़ी बिजली से चल सकती है. जिसके बाद मार्केट में महिंद्रा रेवा को लेकर आई और अब इतनी ईवी मार्केट में हैं कि सबके नाम भी किसी व्यक्ति को नहीं पता होंगे.

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