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आफ्टर मार्केट से कार को लग्जरी बनाने की सोच रहे, लेकिन वहां ये चीजें नहीं मिलतीं

आफ्टर मार्केट में आपको एक से बढ़कर एक एक्सेसरीज मिल जाएंगी. अलॉय व्हील के ऑप्शन सैकड़ों मिल जाएंगे. अब आपको इसमें से क्या लगवाना और क्या नहीं, वो आपका विवेक. लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी हैं, जिन्हें आप आफ्टर मार्केट से नहीं लगवा सकते.

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गाड़ी में बदलाव कराने के लिए कई लोग आफ्टर मार्केट का रुख करते हैं. (फोटो-Pexels)

'आफ्टर मार्केट से ये लगवा लो. आफ्टर मार्केट से वो लगवा लो. कार के बेस मॉडल को टॉप का बना दो.' जितना आजकल आफ्टर मार्केट-आफ्टर मार्केट चल रहा है, उसे देखकर लगता है कि आपको कार में कुछ भी चाहिए, बस आफ्टर मार्केट से लगवा लो. वहां आपको एक से बढ़कर एक एक्सेसरीज मिल जाएंगी. अलॉय व्हील के ऑप्शन सैकड़ों मिल जाएंगे. अब आपको इसमें से क्या लगवाना और क्या नहीं, वो आपका विवेक. लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी हैं, जिन्हें आप आफ्टर मार्केट से नहीं लगवा सकते. क्योंकि इन्हें बाहर से लगवाने का मतलब है मानो पूरी कार खोल देना. उसके बाद भी वो चीजें सही से काम करें, उसकी गारंटी नहीं.

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वेंटिलेटेड सीट 

कार के केबिन का तापमान एसी खुद ठंडा रखता है. लेकिन गर्मी बहुत ज्यादा हो और कमर में पसीना आने लगे, तब काम आती है वेंटिलेटेड सीट. ये आपके शरीर को ठंडा रखती है. वेंटिलेटेड सीट में लगे माइक्रो-परफोरेशन और छोटे फैन के जरिए हवा सर्कुलेट होती है. इससे पसीना सूखता है और शरीर 'ठंडा-ठंडा, कूल-कूल' रहता है. इस टेक्नोलॉजी के लिए खास सीट डिजाइन और एयर चैनल की जरूरत होती है. इसलिए इसे आप आफ्टर मार्केट से नहीं लगवा सकते हैं. लेकिन आप वेंटिलेटेड सीट कवर मार्केट से ले सकते हैं.

डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर

मॉडर्न कार सिर्फ मॉडर्न ही नहीं, बल्कि स्मार्ट भी काफी है. इनमें लगे सेंसर गाड़ी में आने वाली कई परेशानियों को भांपकर ड्राइवर को आगाह कर देते हैं. टायर की हवा कम हो गई, तो उसका सिंबल डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर पर मिल जाएगा. इंजन में कोई समस्या आ गई, तो उसके बारे में भी आज की कारें खुद बता देती हैं. ये सब की जानकारी डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर पर दिखाई देती है. मगर इसे बाहर से फिट करवाना सिर्फ अपने पैसे बर्बाद करना है. ये सिर्फ फैक्ट्री से लगा हुआ ही अच्छा होता है. 

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डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर (फोटो-Pexels)
रियर AC भी भूल जाइए

रियर AC और रियर AC वेंट्स में फर्क होता है. रियर AC एक पूरी यूनिट होती है. जिसमें कूलेंट पाइप, कूलिंग कॉइल और ब्लोअर होता है. जबकि रियर AC वेंट्स में सिर्फ ब्लोअर होता है. इसमें फ्रंट AC की ठंडी हवा को डक्टिंग की मदद से पीछे भेजा जाता है. आप रियर AC वेंट्स आफ्टर मार्केट से लगवा सकते हैं. लेकिन रियर AC नहीं. वैसे, रियर AC वेंट्स को भी लगवाना प्रैक्टिकल नहीं है. 

EBD और उसके सिस्टम

एंटी-लॉक ब्रेक सिस्टम (ABS) सभी वेरिएंट में स्टैंडर्डाइज्ड है. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक डिस्ट्रीब्यूशन (EBD) अभी भी एक ऑप्शन है. हालांकि, ABS और EBD दोनों एक ही सेंसर पर निर्भर करते हैं. EBD से मिलने वाले डेटा का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ESP) और ट्रैक्शन कंट्रोल के लिए किया जाता है. एक एक्सीडेंट से बचाने में ये बड़ा रोल प्ले कर सकती है. लेकिन आप इन्हें अपनी कार में आफ्टर मार्केट से फिट नहीं करवा सकते हैं.

बटन से ब्रेक लगाना

हैंड ब्रेक को हाथ से पकड़कर ऊपर की तरफ नहीं उठाना, तो सिर्फ बटन दबा दो. कितना आसान है ना. इलेक्ट्रॉनिक हैंड ब्रेक सिर्फ एक बटन होता है, जो हैंड ब्रेक का काम करता है. ये फीचर महंगी कारों में मिलता है. इसे भी आप आफ्टर मार्केट से नहीं लगवा सकते हैं.

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डिफॉगर की विजिबिलिटी

डिफॉगर फीचर पूरे रियर ग्लास एरिया में लगे हीटिंग एलिमेंट के जरिए शीशे को गर्म करके विजिबिलिटी को बरकरार रखता है. कहें तो ऐसे समय में ये विन-विन सिचुएशन है. ये फीचर काफी जरूरी है. लेकिन कई कार कंपनियां कॉस्ट कटिंग के लिए ये फीचर कुछ कारों के बेस वेरिएंट में नहीं देती है. ऊपर से इन्हें आफ्टर मार्केट से भी नहीं लगवाया जा सकता. 

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