ओमिक्रॉन के खतरे के बावजूद सरोजिनी नगर में दिखे नजारे पर HC ने पुलिस-NDMC को ढंग से लपेट दिया
केंद्र सरकार ने कहा- चौथी लहर देख रही है दुनिया.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस और एनडीएमसी से कहा है,#WATCH | The crowd of shoppers swells at Sarojini Market in Delhi as people shop for winters and the festive season. pic.twitter.com/s1en4oelJx
— ANI (@ANI) December 22, 2021
'यह स्थिति बहुत भयानक है. भगदड़ मच सकती थी, जहां सैकड़ों लोगों की मौत हो सकती है. सैकड़ों लोग एक दूसरे को धकेल रहे हैं. ये सभी एक नदी की तरह बह रहे हैं.'सुनवाई में सरोजनी नगर थाने के एसएचओ और एनडीएमसी के अफसर कोर्ट के समक्ष पेश हुए. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर एक की भी मौत हुई तो दो लोग जिम्मेदार होंगे, पुलिस और एनडीएमसी अफसर. जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने कहा कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि सड़क पर दुकान लगाने वालों की संख्या अदालत द्वारा तय की गई संख्या से भी ज्यादा थी, इसके बावजूद एनडीएमसी और पुलिस ने कोई ऐक्शन नहीं लिया. कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि कोरोना संकट के मद्देनजर दिए गए उसके पिछले आदेशों का भी पालन नहीं हो रहा है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मार्केट में लोगों के आने पर नजर रखें. एनडीएमसी अधिकारी से कोर्ट ने साफ कहा,
हम आपको आखिरी मौका दे रहे हैं कि आप इसे ठीक कर लें वरना हम आपको सस्पेंड कर देंगे. आप अतिक्रमण को लेकर किस तरह से ड्राइव चला रहे हैं? अतिक्रमण को रोकने का या कलेक्शन (घूस) का?वहीं, एसएचओ ने कहा कि पुलिस लोगों को आने से नहीं रोक सकती, हालांकि उसने फेरीवालों पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की है.
चौथी लहर आ चुकी है
ओमिक्रॉन संकट को लेकर अदालतों के साथ सरकारें भी चिंता में हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार 24 दिसंबर को फिर से चेतावनी जारी की है. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा,
'दुनिया महामारी की चौथी लहर की गवाह बन रही है. 23 दिसंबर को दुनियाभर में 9 लाख कोरोना केस दर्ज किए गए. यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और अफ्रीका की तुलना में एशिया में अभी भी कोरोना मामलों की संख्या कम है. (लेकिन) हमें और सतर्क रहने की जरूरत है.'
भारत समेत दुनियाभर की सरकारों की चिंता की वजह बना है कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट. बीते महीने के अंत में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया ये वेरिएंट अब तक 108 देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुका है. जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिये कई देशों में हजारों ओमिक्रॉन संक्रमितों की पुष्टि हुई है. यूरोप-अमेरिका में प्रतिदिन दर्ज होने वाले केसों में जबर्दस्त तेजी आई है. इसके लिए ओमिक्रॉन को ही जिम्मेदार माना जा रहा है. हालांकि इसे डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम जानलेवा बताया गया है, फिर भी अब तक हुई 26 मौतों ने दुनियाभर की सरकारों के माथे पर बल तो ला ही दिए हैं.
भारत की बात करें तो यहां अब तक 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 358 ओमिक्रॉन केसेज दर्ज किए गए हैं. राहत देने वाली बात ये है कि इनमें से 114 लोग ठीक हो चुके हैं और किसी भी संक्रमित की मौत नहीं हुई है. कोई 183 संक्रमितों का विश्लेषण किया गया, जिसमें 121 लोग ऐसे मिले हैं जो विदेशों से लौटे हैं. 44 लोग ऐसे हैं, जो दूसरे देशों से लौटे लोगों के संपर्क में आने के बाद संक्रमित हुए. 18 लोगों के बारे में अबतक जानकारी नहीं मिल पाई है.
सरकार की चिंता एक बड़ी वजह ये है कि पूरी तरह वैक्सिनेटेड होने के बावजूद 87 लोग ओमिक्रॉन की चपेट में पाए गए हैं. इनमें से तीन लोग तो ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की तीन डोज लग चुकी हैं.