'बोहेमियन रैप्सॉडी': उस रॉकस्टार की कहानी जो एड्स से मरा और लोग रात भर रोए
2019 में सबसे ज्यादा ऑस्कर अवॉर्ड जीती है ये फिल्म.
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फ्रेडी मरक्यूरी की जड़ें भारत में थीं. यहां से वो लड़का म्यूजिक की दुनिया के लैजेंड्री पॉप आइकन्स में से एक बना. (फोटोः 20 सेंचुरी फॉक्स)
"मैं भी तुम्हे पसंद करता हूं फ्रेडी. आना, और मुझे ढूंढ़ना, जब तुम ये फैसला कर लो कि तुम खुद को पसंद करते हो."इस अवॉर्ड सीज़न की एक अन्य चर्चित फिल्म 'अ स्टार इज़ बॉर्न' में एक अमेरिकी युवती म्यूजिक इंडस्ट्री में प्रवेश करने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसे कहा जाता कि उसकी नाक बहुत बड़ी है. फिर एक कंट्री सिंगर उसे सुनता है और उसे अपने साथ गवाता है. वो स्टार बन जाती है. जैसे ही वो स्टार बनती है, म्यूजिक इंडस्ट्री का मार्केट उसे बदलने लगता है. और वो उसे स्वीकार करके आगे बढ़ती जाती है. वहीं 'बोहेमियन रैप्सॉडी' में ब्रिटेन में रहने वाला भारतीय मूल का एक पारसी लड़का भी रॉक म्यूजिक का दीवाना है. उसके दांत बहुत बड़े हैं, उसका फैशन, अदाएं लोगों की भौंहें ऊंची करने वाली है. लेकिन वो अपने म्यूजिक को क्रिएट करने की प्रक्रिया में किसी मार्केट, किसी फॉर्मूले की नहीं सुनता. वो कहीं कोई समझौता नहीं करता. जब ईएमआई जैसे बड़े म्यूजिक लेबल का मालिक उसके नए एल्बम के 6 मिनट लंबे, गैर-फॉर्मूला सिंगल का नाम 'बोहेमियन रैप्सॉडी' रखने से मना कर देता है तो वो अपने बैंड के साथ वो कंपनी ही छोड़कर चला जाता है.- जिम हटन, जो बाद में फ्रेडी का बॉयफ्रेंड बनता है. जब पहली बार वे मिलते हैं तब अकेले पड़े फ्रेडी ने अपने घर में पार्टी दी होती है. लोग आते हैं, और चले जाते हैं. फ्रेडी फिर अकेला है. पियानो बजा रहा है, कमरे में एक वेटर खाली बोतलें, ग्लास जमा करने आया है. फ्रेडी उसे पीछे छूता है. जिम चौंकता है, दृढ़ आंखों के साथ बोलता है - "भले ही मैं आज रात तुम्हारे यहां काम कर रहा हूं लेकिन तुमने दोबारा अपना हाथ मुझ पर रखा तो मैं घूंसा जड़ दूंगा. समझे?" फ्रेडी चौंकता है. माफी मांगता है. दोनों पास बैठते हैं. बातें करते हैं. जिम उसे किस करता है. जब फ्रेडी कहता है - मैं तुम्हे लाइक करता हूं. तो जिम उससे ये जीवन-परिवर्तक बात कहता है और चला जाता है.

इससे काफी पहले, जब 'स्माइल' नाम के एक छोटे से बैंड का लीड सिंगर छोड़कर चला जाता है, और वो लड़का कहता है कि मुझे सिंगर रख लो, तो बैंड का ड्रमर हंसी उड़ाते हुए कहता है - "इन दातों के साथ नहीं भाई." इसके जवाब में वो कहता है - "मैं चार अतिरिक्त कृतन्क दांतों/ incisors के साथ जन्मा था. मेरे मुंह में जो ज्यादा जगह है उसका मतलब है ज्यादा रेंज (गाने की)". इसके बाद वो पार्किंग में ही उनके सामने गाने लगता है और उनके मुंह खुले रह जाते हैं.
ये कहानी उसी बड़े दांतों वाले लड़के फ्रेडी मरक्यूरी (रामी मलेक) के बारे में है. जो फिल्म में 1970 के लंदन से शुरू होती है. वो हीथ्रो एयरपोर्ट पर बैग उठाने का काम करता है. साथ काम करने वाला एक आदमी उसे गाली देने के अंदाज में 'पाकी' कहकर संबोधित करता है. तो फ्रेडी कहता है मैं पाकिस्तान से नहीं हूं (वो अपनी ब्रिटिश आइडेंटिटी को ही जीता है). आते-जाते, पन्ने पर पेंसिल से पोएट्री लिखता रहता है. रात को नौकरी करके उसका पिता घर में घुस रहा होता है तो वो बाहर जा रहा होता है. पिता को उसका ये रातों को बाहर भटकना पसंद नहीं. कहता है "अच्छे विचार, अच्छे शब्द और अच्छे कर्म" तुम्हे इन्हें हासिल करने की आकांक्षा करनी चाहिए. पलटकर वो जवाब देता है - "आपने तो ऐसा किया, फिर आपको क्या मिला." उसका इशारा पिता के आम जीवन और निम्न मध्यमवर्गीय आर्थिक स्थिति की ओर है. वो बाग़ी है. जिमी हेंड्रिक्स को कम उम्र में सुना तो दीवाना हो गया था. उसकी आकांक्षा तब से म्यूजिक में ऐसा होने की हो गई है. आगे जाकर अपना नाम फारुख से बदलकर फ्रेडी मरक्यूरी रख लेता है. कानूनी तौर पर भी.

वैन बेचकर पहला गाना रिकॉर्ड करते हुए ब्रायन, फ्रेडी और रॉजर. रिकॉर्डिंग स्टूडियो में दिया एक-एक पैसा वसूल कर लेते हैं इतने एक्सपेरिमेंट कर लेते हैं. बर्तन, सिक्के न जाने क्या-क्या बजाकर साउंड पैदा करते हैं. (फोटोः 20 सेंचुरी फॉक्स)
घर से निकलकर पब में जाता है तो 'स्माइल' बैंड के गिटारिस्ट ब्रायन मे और ड्रमर रॉजर टेलर से मिलता है. उन्हें सिंगर की जरूरत है. फ्रेडी उन्हें प्रभावित करता है. ये लोग साथ काम करने लगते हैं. उन्हें बेस प्लेयर जॉन डीकन भी मिल जाता है. चारों गाने बनाने लगते हैं. परफॉर्म करने लगते हैं. लेकिन फिर फ्रेडी उन्हें कहता है कि हमें बड़ा सोचना चाहिए, अपना खुद का एल्बम बनाना चाहिए. वो मान जाते हैं. वे लोग अपनी वैन बेच देते हैं और एल्बम रिकॉर्ड करते हैं. अपने बैंड का नाम बदलकर 'क्वीन' रखते हैं. इसके बाद ये लोग बहुत फेमस होते जाते हैं.
लेकिन सफलता के साथ जटिलताएं भी आती हैं. फ्रेडी की एक गर्लफ्रेंड मैरी तो होती है लेकिन वो अपनी यौन उन्मुखता को अभी भी समझने की कोशिश कर रहा है. उसे लगता है कि वो बाइसेक्शुअल है. लेकिन मैरी कहती है कि वो बाइसेक्शुअल नहीं, गे है. और वो चली जाती है. हालांकि बाद में भी वो दोस्त रहते हैं. फ्रेडी के आगे पुरुष मित्र भी बनते हैं. फैशन डिजाइन का स्टूडेंट रहा फ्रेडी अपने फैशन सेंस को स्टेज पर और लाइफ में आजमाता रहता है. फ्रेडी के गानों, स्टेज पर गाने के तरीकों, रंगीन कपड़ों, लुक्स और उनकी छुपी हुई सेक्शुअल आइडेंटिटी लोगों में उसके लिए एक विशेष किस्म का कौतुहल बनाए रखती है.

1985 में हुए मशहूर 'लाइव एड' कॉन्सर्ट में फ्रेडी (रामी मलेक) का पात्र. इस इवेंट में उनके बैंड 'क्वीन' ने 'बोहेमियन रैप्सॉडी', 'रेडिया गा गा', 'हैमर टू फॉल', 'वी विल वी विल रॉक यू' और 'वी आर द चैंपियंस' जैसे गानों पर परफॉर्म किया.
बाद में पता चलता है कि उसे एड्स है. लेकिन तब तक दोस्तों से संबंध खराब कर चुका है. उसकी आखिरी तमन्ना है कि इथोपिया में भूख से मर रहे लोगों की मदद के लिए हो रहे विराट चैरिटी म्यूजिक कॉन्सर्ट में परफॉर्म कर सके जिसमें विश्व के बड़े से बड़े आर्टिस्ट परफॉर्म करने वाले हैं. उसके अलावा उसे जिम हटन को भी जाकर ढूंढ़ना है ताकि उसे कह सके कि अब वो खुद से प्यार करने लगा है.
'बोहेमियन रैप्सॉडी' का नाम 2019 के अवॉर्ड सीजन में बार-बार सुने जाने की प्रमुख वजह रामी मलेक (मि. रोबोट) हैं जिन्होंने फ्रेडी का रोल किया है और वो इसके लिए अधिकतर जगह बेस्ट एक्टर की ट्रॉफी जीतते रहे. अब ऑस्कर भी जीते हैं. एक कौतुहल ये है कि इस बायोपिक में वो मैनरिज़्म, शारीरिकता और अंदाज में फ्रेडी के कितना करीब जा पाए हैं. हालांकि फिल्म में इस मौलिकता को उन्होंने पाया या नहीं पाया होगा, उन्होंने अपने अभिनय से एक समानांतर फ्रेडी जरूर बनाकर खड़ा कर दिया है, जिसे देखना निराशाजनक नहीं है. इस फिल्म को इग्नोर न कर पाने की एक बड़ी वजह इसका पॉप आइकन फ्रेडी की कहानी होना है. 1991 में जब फ्रेडी सिर्फ 45 की उम्र में एड्स के कारण गुजर गए तो उनके फैन्स सारी रात रोए. एक अतृप्ति उन्हें रही है फ्रेडी को और देखने की, सुनने की, उनके अब भी आस-पास होने की.
फ्रेडी तब समलैंगिक थे जब ब्रिटेन में इसका अपराधीकरण हटा ही था लेकिन समाज और मीडिया इसे अनैतिक ही मानता रहा. मीडिया हमेशा उन्हें उनके सेक्स के लिए घेरता रहा, उनके म्यूजिक से ज्यादा इसकी बातें करता रहा. लेकिन फ्रेडी का असली जीवन तो म्यूजिक ही था. जब वो एड्स की वजह से तेजी से मर रहे थे तो बजाय लाइफ को ठहरकर देखने या रुक जाने के, वे और तेजी से गाने बनाने, उनके वीडियो शूट करने में रात-दिन लगे रहे. फ्रेडी को म्यूजिक से प्यार था या सिर्फ ग्लैमर पसंद था, इसका जवाब भी इससे मिलता है. आप किस चीज के प्रति सही मायनों में पैशन रखते हैं ये तब श्रेष्ठ पता चलता है जब आपके पास बस चंद ही दिन बचे हों. फ्रेडी को मौत नहीं दिखी, म्यूजिक दिखा.
ऑस्कर-2019 में 'बोहेमियन रैप्सॉडी':पांच नामांकन मिले.
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