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जिस वेबसाइट से फेवरेट प्रोडक्ट मंगा रहे वो फर्जी तो नहीं, पता करने का सॉलिड जुगाड़ मिल गया

ये स्टोरी पढ़ने के बाद सस्ता दिखाकर माल बेचने वालों का धंधा नहीं चलेगा.

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फर्जी वेबसाइट का पता-ठिकाना. (तस्वीर: Unsplash.com)

हमारे एक दोस्त ने सोशल मीडिया पर एक झमाझम ऐड देखा और लिंक में दिख रही वेबसाइट पर जाकर उसको ऑर्डर भी कर दिया. लेकिन जब प्रोडक्ट हाथ में आया तो होश फाख्ता हो गए. बॉक्स में कुछ और ही निकला. जब वापस करने की बात आई तो अब कोई जवाब नहीं. इतना पढ़कर आपको लगेगा कि हम ई-कॉमर्स वेबसाइट्सस, जैसे फ्लिपकार्ट या एमेजॉन, के बारे में बात कर रहे तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. यहां बात हो रही है ऐसी वेबसाइट्स की जिनके आकर्षक विज्ञापन गूगल से लेकर दूसरे प्लेटफॉर्म पर नजर आते हैं, लेकिन काम होता है फर्जीवाड़े का.

बाजार की भाषा में कहें तो ऐसे प्लेटफॉर्म जो डायरेक्ट मार्केटिंग करते हैं और प्रोडक्ट खरीदने के लिए सीधे अपनी वेबसाइट का लिंक देते हैं. ऐसी ही कई वेबसाइट्स पर ग्राहकों को ठगने का धंधा चल रहा है. हम ये नहीं कहते कि सारी वेबसाइट ऐसा कर रही हैं, लेकिन जब हमने भी कुछ वेबसाइट पर ऑर्डर करके देखा तो नतीजा पहले जैसा. हमें लगा इसका कोई परमानेंट जुगाड़ तलाशना चाहिए. एकदम जड़ से उखाड़ना टाइप. खोजबीन के दौरान हमें एक टूल मिला जो फर्जी वेबसाइट को पहचान सकता है. बाकायदा इनको रेटिंग भी दे सकता है. ठगी से बचना है तो इसका प्रोसेस बहुत काम का है.

स्कैम ऐडवाइजर

अब इसके नाम Scam Adviser से ही काफी कुछ पता चल जाता है. जिस वेबसाइट की जन्म-कुंडली पता करनी है बस उसका नाम टाइप करने की देर है. वेबसाइट पर उसका ट्रस्ट स्कोर सामने आ जाएगा. इतना ही नहीं, वेबसाइट से जुड़े जितने और डोमेन हैं, जैसे ‘.com’ या फिर '.in', वे सब भी अलग-अलग सामने दिखते हैं.

वेबसाइट ट्रस्ट स्कोर के साथ क्या करती है उसके बारे में भी डिटेल जानकारी उपलब्ध होती है. कई सारी तकनीकी चीजें भी सामने नजर आती हैं. जैसे वेबसाइट कितनी पुरानी है. डोमेन कब से रजिस्टर्ड है. एक वेबसाइट चलाने के लिए जो जरूरी सर्टिफिकेट हैं उनका भी जिक्र है.

ऐसा नहीं है कि सिर्फ तारीफ ही तारीफ है. अगर कुछ गड़बड़ है तो उसका भी जिक्र है. हमने समझने के लिए एमेजॉन को चेक किया. आपके मन में सवाल होगा वो तो पहले से विश्वनीय है. ठीक बात, इससे स्कैम ऐडवाइजर पर हमारा यकीन बढ़ेगा.

एमेजॉन

एमेजॉन टाइप करते ही उसकी दुनिया-जहान की सारी वेबसाइट नजर आती हैं. ट्रस्ट स्कोर भी पूरा 100 में 100. वेबसाइट को नेगेटिव रिव्यू भी मिलते हैं, उसका भी जिक्र है. नेगेटिव रिव्यू से मतलब ग्राहक को जो दिक्कतें होती हैं उसकी बात हो रही है. वेबसाइट में कोई झोल नहीं, वो साफ पता चलता है.

एमेजॉन के बाद बारी फ्लिपकार्ट की. इसका ट्रस्ट स्कोर भी 100 है. लेकिन कई सारी जरूरी बातें भी लिखी हुई हैं. जैसे इस प्लेटफॉर्म पर कुछ फर्जी सेलर भी रजिस्टर्ड हैं या फिर वेबसाइट पर कई ऐसे प्रोडक्ट भी लिस्टेड हैं जिनको स्कैम करने वाले भी बेचते हैं.

वैसे फ्लिपकार्ट के मालिकाना हक वाली वेबसाइट Myntra के बारे में ऐसा कुछ नहीं लिखा है. ट्रस्ट स्कोर भी सौ प्रतिशत है.

ऊपर बताई तीनों वेबसाइट तो असली हैं. अब ये अलग बात है कि ग्राहक यहां भी कई बार परेशान होता है. लेकिन ये प्लेटफॉर्म इसका सोल्यूशंस देते हैं, भले देर से सही. कस्टमर केयर से लेकर तमाम दूसरे तरीके हैं इनसे कॉन्टैक्ट करने के. अब जरा फर्जी वेबसाइट का उदाहरण देखते हैं.

chamkilla.in. वेबसाइट क्या करती है, उसके बारे में जानने की जरूरत नहीं क्योंकि स्कोर है 36. साफ लिखा है कि फर्जी वेबसाइट है. किसी बहुत खतरे वाले देश में इसका ठिकाना है.

आगे आपने चेक करना है. बस इतना और जान लीजिए कि ऐसी वेबसाइट अच्छे विज्ञापन और बहुत सस्ते दाम के नाम पर अपना जाल फैलाती हैं. अगर एक लाख का आईफोन 5 हजार में मिल रहा तो समझ लीजिए फिशिंग है. फिर भी आपको कांटे में फंसना है तो एक बार स्कैम ऐडवाइजर पर चेक कर लीजिए. 

आखिर में एक चेतावनी. कोई भी वेबसाइट इन ठगों को पूरे तरीके से नहीं पकड़ सकती. जब तक पता चले तब तक इन्हें चलाने वाले अपना डेरा उठाकर दूसरी जगह निकल लेते हैं. ऐसी किसी वेबसाइट से अगर ऑर्डर कर भी रहे तो कैश ऑन डिलीवरी अच्छा विकल्प है. 

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