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Direct-to-Mobile (D2M): 1 मई से बिना इंटरनेट और WiFi के मोबाइल पर चलेगा लाइव टीवी, लेकिन...

जल्द ही आप अपने मोबाइल में बिना इंटरनेट और वाईफाई के लाइव टीवी देख पाएंगे. ऐसा होगा Direct-to-Mobile (D2M) तकनीक की मदद से. जल्द मतलब बहुत जल्द. कल यानी 1 मई 2025 से.

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क्या आप अपने मोबाइल पर लाइव टीवी देख सकते हैं? क्या आप अपने मोबाइल पर OTT ऐप्स का एक्सेस कर सकते हैं? आपका जवाब होगा, कौन से जमाने में जी रहे जो ऐसे फालतू के सवाल पूछते हो. आजकल तो मोबाइल पर लाइव न्यूज से लेकर स्पोर्ट्स तक सब सिंगल क्लिक में मिल जाता है. एकदम दुरुस्त फरमाया आपने. मगर क्या आप यही काम बिना इंटरनेट और वाईफाई के कर सकते हैं? आपका जवाब होगा, क्या ही बकवास करते हो यार, बिना डेटा और वाईफाई के तो कछु होगा ही नहीं. लाइव टीवी तो दूर की बात है.

नहीं एकदम पास की बात है. जल्द ही आप अपने मोबाइल में बिना इंटरनेट और वाईफाई के लाइव टीवी देख पाएंगे. ऐसा होगा Direct-to-Mobile (D2M) तकनीक की मदद से. जल्द मतलब बहुत जल्द. कल यानी 1 मई 2025 से.

क्या है Direct-to-Mobile (D2M)?

Direct-to-Mobile (D2M) तकनीक क्या है, कैसे काम करती है, कौन बना रहा है. ऐसे सारे सवालों के जवाब हम देंगे. मगर पहले ये जान लेते हैं कि 1 मई 2025 को क्या होने वाला है. दरअसल 1 मई को मुंबई के Jio World Centre में World Audio Visual & Entertainment Summit (WAVES) 2025 होने जा रहा है. इस इवेंट में Lava और HMD जैसी कंपनियां (D2M) फीचर वाले फोन लॉन्च करने वाली हैं.

ये कम कीमत वाले फीचर फोन होंगे जिनमें लाइव टीवी से लेकर OTT प्लेटफॉर्म का एक्सेस होगा. बात करें इस तकनीक की तो IIT Kanpur ने साल 2022 में ही इस तकनीक को डेवलप कर लिया था. इसके बाद Tejas नेटवर्क (Saankhya Labs) ने आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर इसको फाइनल टच दिया. पिछले साल ट्रायल के तौर पर D2M को बेंगलुरू, कर्तव्य पथ और नोएडा के कुछ इलाकों में चालू भी किया गया था.

Direct-to-Mobile (D2M)
D2M मोबाइल 

D2M तकनीक FM radio और direct-to-home (DTH) ब्रॉडकास्ट वाली तकनीक पर ही काम करती है. ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन से सिग्नल निकलते हैं और ऐन्टीना रेडियो तक पहुंचते हैं. जैसे सेटटॉप बॉक्स सेटेलाइट से सिग्नल लेता है और फिर आपका टीवी चलता है. आपके मन में कीड़ा होगा. ये सब के लिए तो मोबाइल में एक ऐन्टीना चाहिए होगा.

एकदम, (D2M) तकनीक वाले मोबाइल में ऐन्टीना लगा होगा. इसके साथ low-noise amplifiers, baseband filters और receiver भी लगा होगा. अब ऐन्टीना लगा होगा तो वो सिग्नल भी पकड़ेगा. इसके लिए मिलेगा 526MHz-582MHz का स्पेक्ट्रम. सरकार ने इसको D2M के लिए सेव किया है. ज्यादा सिग्नल नहीं घुमाते तो कह सकते हैं कि फोन के अंदर एक मिनी सेटटॉप बॉक्स फिट किया गया है.

Direct-To-Mobile
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(D2M) का सबसे बड़ा उद्देश्य 5G पर आ रहे दबाव को कम करना और देश के कोने-कोने में लाइव टीवी समेत दूसरे कॉन्टेन्ट को पहुंचाना है. हालांकि इस सर्विस के चार्जेज क्या होंगे, वो अभी पता नहीं है. मगर डिवाइस कल लॉन्च हो रहे हैं. वैसे एक बात और जान लीजिए. आपके स्मार्टफोन पर ये तकनीक सपोर्ट नहीं करेगी.

आप डेटा-डेटा खेलो.

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