RBI ने आज इस बैंक पर इतना फाइन लगाया. केन्द्रीय बैंक ने आज उस संस्थान पर पेनाल्टी लगाई. ऐसी खबरें आप अमूमन पढ़ते ही होंगे. दरअसल आरबीआई ने बैंकों के लिए कई सारे नियम बनाए हुए हैं. बैंक अगर इनका पालन नहीं करते तो शिकायत होने पर आरबीआई मोटा फाइन लगाता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. आरबीआई ने Bank of Baroda पर फाइन (RBI Fined Bank of Baroda With ₹61.4 Lakh) लगाया है. लेकिन इस बार रकम भी काफी बड़ी है और वजह बहुत अजीब. Bank of Baroda पर अपनी मनमानी करने के लिए ₹61.4 लाख का फाइन लगाया गया है.
RBI ने इस बड़े बैंक पर ग्राहकों को लोन नहीं देने के लिए ₹61.4 लाख का फाइन लगाया है
Bank of Baroda ने कई सारे ग्राहकों को सिर्फ (RBI Fined Bank of Baroda With ₹61.4 Lakh) इसलिए लोन नहीं दिया क्योंकि उन्होंने लोन के साथ इन्श्योरेन्स से लेने से मना कर दिया था. बैंक के इसके साथ dormant (निष्क्रिय) पड़े खातों में ब्याज भी नहीं दिया. अब लाखों लग गए.

Bank of Baroda ने कई सारे ग्राहकों को सिर्फ इसलिए लोन नहीं दिया क्योंकि उन्होंने लोन के साथ इंश्योरेंस से लेने से मना कर दिया था. बैंक के इसके साथ dormant (निष्क्रिय) पड़े खातों में ब्याज भी नहीं दिया. अब लाखों लग गए.
इंश्योरेंस नहीं तो लोन नहींदरअसल आप जब भी किसी बैंक या NBFC से कोई लोन लेते हैं तो इसके साथ में इंश्योरेंस भी लेना होता है. पर्सनल लोन जैसे प्रोडक्ट में तो इसकी कोई चर्चा नहीं होती मगर कार, होम या फैक्ट्री के लोन में बिना इंश्योरेंस के बात आगे नहीं बढ़ती है. यहां एक बात और समझना जरूरी है कि कार लोन को छोड़कर बाकी लोन में इंश्योरेंस लेना जरूरी नहीं है. वो भी कार का इंश्योरेंस ना की कार लोन का बीमा.
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मगर ऐसी सलाह दी जाती है कि होम लोन या फैक्ट्री जैसे बड़े अमाउन्ट के साथ इंश्योरेंस लेना चाहिए. बुरे वक्त में काम आता है. लेकिन इसको थोपा नहीं जा सकता है. माने बैंक आपको सलाह दे सकते हैं, प्लान बता सकते हैं. यहां तक की अपना इंश्योरेंस से जुड़ा कोई प्रोडक्ट भी बेच सकते हैं. लेकिन अगर जो आप मना कर दिए तो बैंक आपको मजबूर नहीं कर सकता है.
इसके आधार पर आपका लोन तो कतई रिजेक्ट नहीं कर सकता है. माने सब कुछ सही है मसलन कागज-पत्री और क्रेडिट स्कोर तो लोन मिलना चाहिए. लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा ने ऐसा नहीं किया. इंश्योरेंस नहीं लिया तो लोन रिजेक्ट कर दिया. बैंक ने ऐसा कई सारे ग्राहकों के साथ किया. इसके साथ निष्क्रिय पड़े अकाउंट में ब्याज का पैसा भी नहीं डाला.
दरअसल अगर आपके सेविंग अकाउंट में पैसा पड़ा हुआ तो बैंक को उसके ऊपर ब्याज देना होता है. भले ये रकम बहुत ज्यादा नहीं होती मगर नियम तो नियम है. जब बैंक राशि कम होने पर पैसा काट लेते हैं तो पैसा होने पर ब्याज देना बनता है.
लोन और ब्याज वाले कुल 2,40,035 अकाउंट के साथ इस तरह का कांड हुआ. नतीजतन आरबीआई ने बैंक पर पूरे ₹61.4 लाख का फाइन लगाया है. खैर अकाउंट धारकों को तो ब्याज मिल जाएगा मगर जिनके लोन रिजेक्ट हुए, उनका क्या? वैसे अगर ऐसा कुछ आपके साथ हो, तो आप इसकी शिकायत लिंक पर जाकर कर सकते हैं.
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