वर्ल्ड कप में भले ही शेफाली वर्मा (Shafali Verma) की लेट एंट्री हुई हो, लेकिन फाइनल में इस खिलाड़ी ने अपने बल्ले का जलवा दिखाया. ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में शेफाली कुछ खास नहीं कर पाई थींं, लेकिन फाइनल में उन्होंने इसकी कसर पूरी कर दी. वह भले ही अपना शतक पूरा न कर पाई होंं, लेकिन उन्होंने टीम इंडिया को अहम शुरुआत दे दी. हालांकि, इसमें कुछ कसूर साउथ अफ्रीका (South Africa) की फील्डिंग का भी रहा, जिन्होंने शेफाली को अहम जीवनदान दिया.
बीच वर्ल्ड कप एंट्री, फाइनल में धमाका, शेफाली ना होती तो बड़ी मुसीबत हो जाती!
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में Shafali Verma महज 10 रन बनाकर आउट हो गई थीं. शेफाली को इस वर्ल्ड कप की शुरुआत में टीम के लिए नहीं चुना गया था. वो बांग्लादेश के खिलाफ चोटिल हुईं Pratika Rawal की जगह शामिल हुई हैं.


इससे पहले, बारिश के के कारण मैच दो घंटे की विलंब से शुरू हुआ. लेकिन, ओवरों में कटौती नहीं की गयी. इसके बाद भारतीय टीम ने टॉस गंवा दिया था जिसके बाद वह पहले बल्लेबाजी करने उतरी. शेफाली वर्मा लय में नजर आईं. उन्होंने पारी की शुरुआत ही चौके के साथ की. उन्होंने पारी की पहली ही गेंद पर पॉइंट के गैप में चौका लगाया. 15वें ओवर में नदीन डी क्लार्क की गेंद पर शेफाली ने शानदार छक्का भी लगाया. शेफाली ने 18वें ओवर की आखिरी गेंद पर सिंगल लेकर 49 गेंदों में 50 रन पूरे किए.
शेफाली को मिला जीवनदान21वें ओवर में साउथ अफ्रीका ने शेफाली वर्मा को बड़ा जीवनदान दिया. ओवर की पहली गेंद पर शेफाली ने स्लॉगस्वीप करके गेंद को खेला, बॉश के पास कैच लेने का आसान मौका था. हालांकि, वह चूक गईं. उस समय शेफाली 56 रन के स्कोर पर खेल रही थीं. इस जीवनदान के बाद शेफाली अपनी अटैकिंग बल्लेबाजी जारी रखी. हालांकि, 28वें ओवर में शेफाली वर्मा आयनबोंगा खाका का शिकार बनीं. ओवर की पांचवीं गेंद पर शेफाली ने मिड ऑफ पर गेंद को खेला और इस बार लूस ने उनका कैच ड्रॉप कर दिया. शेफाली ने अपनी इस पारी में 78 गेंदों में 87 रन बनाए. इस पारी में सात चौके और दो छक्के लगाए.
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प्रतिका की जगह शामिल हुई हैं शेफालीइससे पहले, शेफाली वर्मा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में महज 10 रन बनाकर आउट हो गई थीं. शेफाली को इस वर्ल्ड कप की शुरुआत में टीम के लिए नहीं चुना गया था. हालांकि, बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया के आखिरी लीग मैच में ओपनर प्रतिका रावल चोटिल हो गई थीं. फील्डिंग करते हुए उन्हें पैर में चोट लगी. इसी कारण शेफाली वर्मा को बीच टूर्नामेंट में टीम में शामिल किया गया. फाइनल में अपनी पारी के साथ उन्होंने खुद को साबित भी कर दिया.
शेफाली ने इस पारी के साथ महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की ओर से सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. इससे पहले, यह रिकॉर्ड पूनम राउत के नाम था, जिन्होंने साल 2017 के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 86 रन बनाए थे. वे अब महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में 50 या उससे अधिक रन बनाने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बन गई हैं. उनसे पहले, यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया की जेस कैमरोन (अब जेस डफिन) के नाम था, जिन्होंने 2013 वर्ल्ड कप फाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ 75 रनों की पारी खेली थी. जेस उस समय 23 साल 235 दिन की थीं.
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