साल 1987 का. तारीख 24 जून. अर्जेंटीना की सांता फे प्रोविंस (Santa Fe Province) में रोसारियो (Rosario) नाम की एक जगह में एक खिलाड़ी का जन्म हुआ. साल 1998 में इस खिलाड़ी को एक बीमारी डायग्नोज हुई. बीमारी थी ग्रोथ हार्मोन (Growth hormone deficiency) की. लेकिन ये बीमारी भी इस खिलाड़ी के सपनों को रोक न सकी. ‘लिटिल ब्वॉय फ्रॉम रोसारियो’, ‘लियो’ (Leo) और ‘पुल्गा’ (Pulga) जैसे नामों से जाने जाने वाले इस खिलाड़ी ने अपनी अगुवाई में अर्जेंटीना (Argentina) को FIFA वर्ल्ड कप 2022 (FIFA World Cup 2022) जिताया. खिलाड़ी का नाम है 'लियोनल आंद्रेस मेसी' (Lionel Andres Messi).
पिता के क्लब से पहला मैच, देश छोड़ा, बीमारी से लड़े, मेसी की कहानी किसी सपने से कम नहीं है
मेसी की कप्तानी में अर्जेंटीना ने 36 साल बाद फीफा विश्वकप जीता.

लियोनल मेसी का फुटबॉल का सफर पहली बार पांच साल की उम्र में शुरू हुआ था. बार्सिलोना डॉट कॉम के मुताबिक, साल 1992 में उन्होंने अपने पिता के क्लब ‘ग्रैंडोली’ से फुटबॉल खेलना शुरू किया था. जिसके बाद साल 1995 में मेसी ‘नेवेल्स ओल्ड बॉयज क्लब’ चले गए. 11 साल की उम्र में मेसी को पता चला कि उन्हें ग्रोथ हार्मोन की कमी है. मेसी की इस बीमारी में हर महीने 40 हजार रुपये से ज्यादा का खर्चा था. जिसकी वजह से ‘रिवर प्लेट’ नाम के क्लब ने उन्हें लेने से इनकार कर दिया.

एफ सी बार्सिलोना के सपोर्टिंग डायरेक्टर कार्ल्स रिक्सेच को जब मेसी के टैलेंट के बारे में पता चला, तो उन्होंने मेसी को अपने क्लब बुला लिया. क्लब ने मेसी के मेडिकल का खर्च उठाने के लिए उनसे स्पेन जाकर नई जिंदगी शुरू करने को कहा. यहां से मेसी का नया फुटबॉल सफर शुरू हुआ. 13 साल की उम्र में मेसी अपना देश छोड़ बार्सिलोना चले गए. जहां पर बार्सिलोना की बी टीम से उन्होंने 30 मैच में 35 गोल दागे.

साल 2004 में मेसी ने तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी के रूप में अपना डेब्यू किया. बार्सिलोना की टीम से. 17 साल 10 महीने और 7 दिन की उम्र में मेसी ने सीनियर टीम के लिए अपना पहला गोल किया. वो ला लिगा में गोल करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने.
मेसी का FIFA वर्ल्ड कप में सफरमेसी ने साल 2008 में FIFA वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द ईयर में दूसरा स्थान हासिल किया. क्रिस्टियानो रोनाल्डो पहले स्थान पर थे. साल 2009 में मेसी ने बार्सिलोना को क्लब का पहला “ट्रेबल” (एक सीजन में तीन प्रमुख यूरोपीय क्लब खिताब जीतना) जिताने में मदद की. उनकी टीम ने ला लीगा चैंपियनशिप, कोपा डेल रे (स्पेन का प्रमुख घरेलू कप), और चैंपियंस लीग का खिताब जीता. मेसी ने इस सीजन में 51 मैच में 38 गोल करे. मेसी को 2010 में वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार भी मिला (इस साल FIFA ने इसका नाम बैलोन डी'ओर कर दिया था).

लियोनल मेसी साल 2005 की FIFA वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में अर्जेंटीना की टीम से खेले. और जीते भी. बीजिंग ओलंपिक 2008 के 5 मैचों में दो गोल कर मेसी ने अर्जेंटीना को गोल्ड मेडल जिताया. इसके बाद साल 2010 के FIFA वर्ल्ड कप में मेसी ने अर्जेंटीना को क्वार्टर फाइनल तक पहुंचाने में मदद की.
2014 के FIFA वर्ल्ड कप में मेसी ने शानदार प्रदर्शन किया. मेसी ने कुल चार गोल किए. जिसकी मदद से अर्जेंटीना ने 24 साल बाद वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाई. हालांकि, अर्जेंटीना फाइनल में जर्मनी से 1-0 से हार गया. मेसी ने इस साल की तरह 2014 वर्ल्ड कप में भी गोल्डन बॉल का अवार्ड जीता था. FIFA वर्ल्ड कप 2022 में मेसी ने 7 गोल किए. इस बार भी उन्हें गोल्डन बॉल का अवार्ड मिला.
लियोनल मेसी के इंटरनेशनल करियर की बात करें तो उन्होंने अर्जेंटीना के लिए कुल 171 मुकाबले खेले हैं. जिनमें उनके नाम 96 गोल है. जो अर्जेंटीना के लिए सबसे ज्यादा हैं. मेसी ने साल 2014 विश्व कप में भी टीम को फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अलावा पिछले साल हुए कोपा अमेरिका कप में अर्जेंटीना को जीत दिलाने में भी मेसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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