जिम में घंटों पसीना बहाने वाले, तगड़ी बॉडी और मसल्स बनाने वाले कई लोग सप्लीमेंट्स लेते हैं. ये सप्लीमेंट्स दो तरह के होते हैं. प्रोटीन सप्लीमेंट और क्रिएटिन सप्लीमेंट. प्रोटीन सप्लीमेंट पर हम कई बार बात कर चुके हैं. आज बात होगी खास ‘क्रिएटिन सप्लीमेंट’ की. क्रिएटिन एक तरह का केमिकल है. ये हमारे शरीर में नेचुरल तौर पर बनता है. खाने की कुछ चीज़ों से भी क्रिएटिन पाया जाता है.
एक्सरसाइज करके प्रोटीन ले सकते हैं, लेकिन क्रिएटिन लेना कितना सही?
क्रिएटिन और प्रोटीन दोनों ही मसल्स बनाने के लिए ज़रूरी हैं. आमतौर पर, प्रोटीन सप्लीमेंट वर्कआउट के बाद लिया जाता है, जब शरीर को रिकवरी की ज़रूरत होती है. वहीं, क्रिएटिन सप्लीमेंट मांसपेशियों को एनर्जी देता है. खासकर हाई इंटेंसिटी वर्कआउट के दौरान, ये परफॉर्मेंस बढ़ाने में मदद करता है.

जो लोग बहुत इंटेंस एक्सरसाइज करते हैं. हेवी मसल्स बनाना चाहते हैं, वो प्रोटीन के साथ-साथ क्रिएटिन के भी सप्लीमेंट लेते हैं. मगर क्या वाकई क्रिएटिन सप्लीमेंट लेने की ज़रूरत है? चलिए समझते हैं. लेकिन, पहले जानिए कि ये क्रिएटिन क्या है.
क्रिएटिन क्या होता है?
ये हमें बताया डॉक्टर अंजना कालिया ने.

- क्रिएटिन हमारे शरीर में पाए जाने वाला एक नेचुरल कंपाउंड है.
- ये लिवर, किडनी और पैंक्रियाज़ में मौजूद एंजाइम्स (प्रोटीन) और कुछ अमीनो एसिड्स जैसे आर्जिनिन, मिथियोनिन और ग्लाइसिन की मदद से बनता है.
- ये मुख्य रूप से हमारे दिमाग और मांसपेशियों में स्टोर होता है.
क्रिएटिन का क्या काम है और ये किन चीज़ों में पाया जाता है?
क्रिएटिन का मुख्य काम मांसपेशियों को एनर्जी देना है. जिससे एक्सरसाइज़ करने की ताकत और क्षमता बढ़े. मांसपेशियों में मौजूद फॉस्फोरिक एसिड, क्रिएटिन के साथ मिलकर क्रिएटिन फॉस्फेट बनाता है. ये क्रिएटिन फॉस्फेट ATP (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) को नियंत्रित करने में मदद करता है. ATP हमारे शरीर के सेल्स की एनर्जी का मुख्य सोर्स है.
नॉनवेज क्रिएटिन का एक बड़ा सोर्स है. मछली, रेड मीट, चिकन और दूध से क्रिएटिन मिलता है. हालांकि, इनसे मिलने वाली मात्रा बहुत ज्यादा नहीं होती. करीब 90% क्रिएटिन शरीर खुद नेचुरली बनाता है. यानी खाने से क्रिएटिन मिलता तो है, मगर थोड़ी मात्रा में.

क्रिएटिन और प्रोटीन में मसल्स बनाने के लिए क्या बेहतर है?
क्रिएटिन और प्रोटीन दोनों ही मसल्स बनाने के लिए ज़रूरी हैं. मगर इन दोनों का काम अलग-अलग है. प्रोटीन कई अमीनो एसिड्स से मिलकर बना होता है, जो हमारे शरीर का बिल्डिंग ब्लॉक है. ये हमारे विकास, रिकवरी और मांसपेशियों का घिसाव ठीक करने में काम आते हैं. इसलिए, हमारी डाइट में प्रोटीन होना बहुत ज़रूरी है.
आमतौर पर, हम प्रोटीन वर्कआउट के बाद लेते हैं, जब शरीर को रिकवरी की ज़रूरत होती है. दूसरी तरफ, क्रिएटिन मांसपेशियों को एनर्जी देता है. खासकर हाई इंटेंसिटी वर्कआउट के दौरान, ये परफॉर्मेंस बढ़ाने में मदद करता है. यानी वर्कआउट के समय जो एनर्जी चाहिए होती है, उसमें क्रिएटिन मदद करता है. जबकि प्रोटीन शरीर की मरम्मत और मांसपेशियों की रिकवरी के लिए ज़रूरी होता है.
क्या ज़्यादा क्रिएटिन लेना किडनी के लिए नुकसानदेह है?
अगर आप पूरी तरह फिट हैं. आपको डायबिटीज़, लिवर या किडनी की कोई समस्या नहीं है, तो आप क्रिएटिन सप्लीमेंट ले सकते हैं. हालांकि, अगर आपका लाइफस्टाइल सिंपल है, जैसे आप रोज़ 30-40 मिनट एक्सरसाइज़ करते हैं. वॉक, साइकलिंग या योग करते हैं तो ज़रूरी नहीं कि आपको क्रिएटिन सप्लीमेंट लेना ही पड़े. आप अपनी डाइट के हर मील में एक अच्छा प्रोटीन सोर्स शामिल करें. क्रिएटिन तो शरीर नेचुरली बना ही लेता है और एक्सरसाइज़ करने की क्षमता बनी रहती है. क्रिएटिन सप्लीमेंट उन्हें ही लेना चाहिए जो अपनी परफॉर्मेंस बढ़ाना चाहते हैं. जैसे स्पोर्ट्स पर्सन, एथलीट्स या बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोग. लेकिन, उन्हें ये भी ध्यान रखना है कि उनका लिवर, किडनी और ब्लड शुगर लेवल बिल्कुल ठीक हो. सप्लीमेंट शुरू करते वक्त डोज़ कम रखें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं.
इसके साथ ही पानी खूब पिएं. अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें. आमतौर पर, एक व्यक्ति को दिन में 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए. वहीं सप्लीमेंट लेने वालों को आधा-एक लीटर पानी ज़्यादा पीना चाहिए. इससे शरीर की सफाई ठीक से होती है. जो लोग हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करते हैं, एथलीट्स हैं या बॉडी बिल्डिंग करते हैं, वो 3 से 5 ग्राम क्रिएटिन रोज़ ले सकते हैं.
कुल मिलाकर, अगर आपका लाइफस्टाइल अच्छा है. यानी आप रोज़ थोड़ी देर एक्सरसाइज़ करते हैं. हेल्दी खाते हैं. आपके खाने में प्रोटीन-फाइबर जैसे सभी ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी नहीं है. आप खूब पानी पीते हैं. पर्याप्त सोते हैं. तो आपको किसी सप्लीमेंट की ज़रूरत नहीं है. न तो प्रोटीन सप्लीमेंट की, न ही क्रिएटिन सप्लीमेंट की. लेकिन, अगर आप मसल्स बनाने चाहता हैं तो एक्सपर्ट की सलाह पर क्रिएटिन और प्रोटीन सप्लीमेंट ले सकते हैं.
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