मोहम्मद सिराज़ ने कमाल कर दिया है. Siraj ने Asia Cup 2023 Final में श्रीलंका के खिलाफ़ एक ही ओवर में चार विकेट निकाल डाले. इतना ही नहीं, सिराज यहीं नहीं रुके. बारहवें ओवर तक वह गिरे सात में से छह विकेट अकेले ले चुके थे. ऐसे में हमने सोचा कि आपके साथ एक राज़ शेयर किया जाए.
सिराज ये काम ना करते, तो बैटर्स का जीना हराम ना होता!
सिराज 2.0 ने श्रीलंका में इतिहास रच दिया.

तो चलिए, जान लीजिए सिराज इतने खतरनाक कैसे बने.
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हैदराबाद-सिकंदराबाद, सिराज भाई जिंदाबाद. मोहम्मद सिराज. टीम इंडिया के मियां भाई. सिराज कुछ वक्त पहले तक तथाकथित क्रिकेट फ़ैन्स में उपहास का पात्र थे. उनका ज़िक्र हंसी-मजाक में आता था. लोग जोक करते थे कि सिराज हैं तो रन बनेंगे ही. लेकिन इसी सिराज ने बीते कुछ महीनों में कमाल का सुधार किया है. जसप्रीत बुमराह चोट के चलते टीम इंडिया से बाहर हैं. और सिराज ने काफी हद तक उनकी कमी पूरी कर रखी है.
सिराज अपनी लाइन और लेंथ से लगातार बल्लेबाजों को परेशान कर रहे हैं. कमाल की बोलिंग कर वह विकेट्स भी ले रहे हैं. न्यूज़ीलैंड के साथ चल रही वनडे सीरीज़ में सिराज ने कहर ढा रखा है. और इसीलिए आज बात सिराज पर.
# Siraj 2.0
साल 2020 की ऐतिहासिक बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी. ऑस्ट्रेलिया में सिराज का टेस्ट डेब्यू. कमाल का प्रदर्शन. भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर में मात दी. फास्ट फॉरवर्ड टू IPL2022. सिराज फिर से वही ढेरों रन देने वाले, मजाक का पात्र बनने वाले पेसर बन चुके थे. अब उनकी ब्रांडिंग वन फॉर्मेट प्लेयर के रूप में होने लगी. कहा जाने लगा कि सिराज बस लाल गेंद से होने वाले टेस्ट मैच के लिए ही ठीक हैं.
और ये सब, तब हो रहा था जब सिराज इंटरनेशनल क्रिकेट में अच्छा कर रहे थे. साल 2022 के 15 वनडे मैच में उनके नाम 24 विकेट्स थे. वो भी 4.61 की इकॉनमी के साथ. जबकि चार T20I मैच में उन्होंने 6.69 की इकॉनमी के साथ सात विकेट निकाले थे. इसके बाद भी लोग सिराज की आलोचना ही कर रहे थे. फिर आया साल 2023.
हमने पहले श्रीलंका और फिर न्यूज़ीलैंड के साथ घर में वनडे सीरीज़ खेली. इन सीरीज़ में सिराज ने पांच मैच में कुल 38.5 ओवर बोलिंग की. और इन ओवर्स की तक़रीबन हर गेंद ने फ़ैन्स को सीट से उछलने पर मजबूर कर दिया. सिराज़ साल 2023 के पांच मैच में पांच मेडेन ओवर फेंक चुके हैं. इस दौरान उन्होंने 3.83 की इकॉनमी से कुल 14 विकेट्स लिए हैं. यह विकेट 10.57 के ऐवरेज और 16.57 की स्ट्राइक रेट से आए हैं.
यानी वह हर विकेट के लिए बहुत कम रन दे रहे हैं और साथ ही विकेट लेने के लिए बहुत ज्यादा गेंदें भी नहीं लगा रहे. लेकिन सिराज में ये बदलाव आया कैसे? उन्होंने अपने गेम में ऐसा क्या बदला, जिससे वह इतने खतरनाक हो गए? इसका जवाब जानने के लिए आपको सिराज की बोलिंग को क़रीब से देखना होगा.
करियर की शुरुआत में सिराज राइट हैंडर को फेंकी जाने वाली अपनी इनस्विंग के लिए फेमस थे. लेकिन कुछ वक्त के लिए उन्होंने अपनी ये कला खो दी. इस बारे में हैदराबाद की क्रिकेट को क़रीब से फॉलो करने वाले क्रिकेट जर्नलिस्ट आर कौशिक ने मनीकंट्रोल में एक लेख लिखा है. कौशिक लिखते हैं,
'शुरुआत में सिराज का मुख्य हथियार राइट-हैंडेड बैट्समेन को फेंकी जाने वाली इनस्विंगर थी. वक्त के साथ उन्होंने आउटस्विंगर भी डेवलप की, लेकिन इन सबके बीच वह इनस्विंगर फेंकना ही भूल गए. नया हथियार पाकर सिराज बहुत खुश थे, लेकिन उन्हें पुराने के खोने का अफसोस भी था. सिराज अपनी इनस्विंगर को वापस पाने के लिए बेताब थे. और उन्होंने तक़रीबन इसे दोबारा हासिल भी किया. लेकिन इस बार ये आई वॉबेल सीम डिलिवरी के रूप में. लेकिन ये डिलिवरी एक लॉटरी की तरह है. इसमें गेंद अंदर आती तो है, लेकिन हर बार नहीं. कई बार गेंद सीधी भी निकल जाती है.'
वॉबेल सीम यानी गेंद को पकड़ते वक्त बोलर की पहली दो उंगलियां सीम के किनारे-किनारे रहती हैं. यानी सीम इन उंगलियों के बीच में रहती है. जबकि नॉर्मल तरीके से गेंद पकड़ते वक्त बोलर की ये दो उंगलियां सीम को लगभग पूरी तरह से कवर किए रहती हैं.
और जैसा कि सिराज ने इस गेंद की अनिश्चितता के बारे में तिरुअनंतपुरम मैच के बाद कहा भी. सिराज ने खुद बताया कि उन्हें भी नहीं पता होता कि यह गेंद कितनी स्विंग होगी. ऐसे में आप खुद सोचिए कि बल्लेबाज को कितना पता होता होगा. इतना ही नहीं. सिराज जिस तरह से अपनी शॉर्टपिच गेंदों को यूज करते हैं, वो भी कमाल है. आप न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ हुआ पहला वनडे याद करिए. सिराज ने किस तरह से शॉर्टपिच गेंदों का इस्तेमाल कर कीवी बल्लेबाजों को हताश किया था.
फिल्मी अंदाज में कहें तो सिराज 2.0 एकदम सही वक्त पर रिलीज हुई है. जसप्रीत बुमराह लंबे वक्त से बाहर हैं. और इसी बरस वर्ल्ड कप होना है. इस वर्ल्ड कप तक अगर बुमराह लय में आ गए. तो हमारे पास दो कमाल के बोलर्स होंगे. जो नई और पुरानी, दोनों गेंदों से लगभग बराबर खतरनाक हैं. और फिर इन्हें केंद्र में रख हम आसानी से अपनी बोलिंग यूनिट तैयार कर सकते हैं.
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