बात पिछले साल की है. अप्रैल महीने में कैंडिडेट्स का आयोजन होना था. पुरुष वर्ग में तीन भारतीय शामिल थे. डी गुकेश, आर प्रज्ञानंदा और विदित गुजराती. टूर्नामेंट से पहले मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) से विजेताओं को लेकर प्रेडिक्शन करने को कहा गया था. तब कार्लसन ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि कोई भारतीय ये टूर्नामेंट जीतेगा. इस बयान के बाद जैसे भारतीय चेस खिलाड़ियों ने ठान लिया कि जब-जब मौका मिलेगा वो कार्लसन को इसका जवाब देंगे. शायद यही कारण है कि एक साल के अंदर जहां गुकेश कार्लसन को दो बार हरा चुके हैं, अब प्रज्ञानंद ने भी कार्लसन को करारी मात दी है.
अब प्रज्ञानंद ने दी मैग्नस कार्लसन को मात, 'लूज़र ग्रुप' में खेलने को किया मजबूर
इसी महीने की शुरुआत में वर्ल्ड चैंपियन सुपर यूनाइटेड रैपिड और ब्लिट्ज चेस टूर्नामेंट में डी गुकेश ने मैग्नस कार्लसन को मात दी थी. अब फ्रीस्टाइल फॉर्मेट में प्रज्ञानंद ने कार्लसन को हराया है.
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प्रज्ञानंद ने फ्रीस्टाइल ग्रैंड स्लैम टूर में 16 जुलाई को वर्ल्ड नंबर वन मैग्नस कार्लसन को मात दी. इसके लिए प्रज्ञानंद को महज 39 मूव की जरूरत पड़ी. इस जीत के साथ प्रज्ञानंद ने तो क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया लेकिन कार्लसन पर इस हार का बुरा असर हुआ. Chessbase.com के मुताबिक, इस हार ने कार्लसन को बहुत फ्रसटेट कर दिया. वो पूरी तरह फोकस नहीं कर पा रहे थे. इस मैच के बाद वो अमेरिका के वेस्ली के खिलाफ विनिंग पॉजिशन से मैच गंवा बैठे. वहीं लेवोन एरोनियन के खिलाफ भी वो टाई ब्रेकर में जाकर मुकाबला हारे.
हार का मैग्नस कार्लसन पर हुआ बुरा असरइन दोनों हार के कारण मैग्नस कार्लसन लूजर्स ब्रेकेट (Loosers Bracket) में चले गए हैं. अब वो इस टूर्नामेंट में मैच तो खेलेंगे लेकिन खिताब नहीं जीत पाएंगे. वो अब अपना बेस्ट करके भी तीसरे स्थान तक ही पहुंच पाएंगे. भारतीय खिलाड़ी इस साल लगातार कार्लसन को अपने प्रदर्शन से ये बता रहे हैं कि इस खेल में अब भारतीय खिलाड़ियों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है.
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भारतीय खिलाड़ियों से लगातार हार रहे हैं कार्लसनइसी महीने की शुरुआत में वर्ल्ड चैंपियन सुपर यूनाइटेड रैपिड और ब्लिट्ज चेस टूर्नामेंट में गुकेश ने मैग्नस कार्लसन को मात दी थी. इस हार से कार्लसन उस टूर्नामेंट से भी बाहर हो गए थे. वहीं नॉर्वे चेस 2025 में गुकेश ने कार्लसन को पहली बार क्लासिकल फॉर्मेट में हराया था. गुकेश की जीत के बाद दिग्गज खिलाड़ी गैरी कास्पोव ने कहा था कि अब मैग्नस कार्लसन का वर्चस्व खतरे में है.
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