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वेस्टइंडीज क्रिकेट को किसने बर्बाद किया? ब्रायन लारा ने सच बोल दिया

वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का प्रदर्शन गिरता जा रहा है. वहीं टीम के खिलाड़ी संन्यास का एलान करते जा रहे हैं. निकोलस पूरन के बाद वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर आंद्रे रसेल ने भी रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है. उनके बाद कई अन्य खिलाड़ी भी संन्यास की घोषणा कर सकते हैं.

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वेस्टइंडीज क्रिकेट की खस्ता हालत पर बोले लारा.

वेस्टइंडीज (West Indies) के कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर टी20 लीग्स का रुख कर रहे हैं. इस नए ट्रेंड को देखकर दिग्गज क्रिकेटर ब्रायन लारा (Brian Lara) काफी निराश हैं. वो इसके लिए खिलाड़ियों को नहीं बल्कि बोर्ड को दोषी मानते हैं.

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लारा ने "स्टिक टू क्रिकेट" पॉडकास्ट में वेस्टइंडीज़ क्रिकेटर्स के रिटायरमेंट के कारणों को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि खिलाड़ी ग्लोबल लीग्स में खेलकर और भी अधिक पैसा कमाने के लिए उचित समय से पहले ही रिटायरमेंट ले रहे हैं.

लीग्स के लिए संन्यास ले रहे हैं खिलाड़ी

लारा के वेस्टइंडीज बोर्ड की आलोचना करने के पीछे एक जायज वजह है. हाल ही में वेस्टइंडीज़ ने एक बेहद शर्मनाक रिकॉर्ड अपने नाम किया है. वेस्टइंडीज हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किंग्सटन टेस्ट में महज 27 रन पर ऑलआउट हो गई. यह टेस्ट क्रिकेट इतिहास में दूसरा सबसे छोटा स्कोर है. लारा के अनुसार, निकोलस पूरन जैसे खिलाड़ी आर्थिक समस्या एवं बोर्ड की तरफ से प्रयासों की कमी के कारण अब वेस्टइंडीज़ क्रिकेट के प्रति वफादार नहीं रहें. लारा ने पॉडकास्ट पर कहा,

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आपके पास कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने करियर को लेकर फैसले ले रहे हैं. निकोलस पूरन जैसे विस्फोटर बल्लेबाज ने महज 29 साल की उम्र में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया, और ईमानदारी से कहूं तो ये साफ है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. दुनिया भर में 5-6 लीग्स हैं, और उनमें खेलकर ये खिलाड़ी अच्छी-खासी कमाई कर लेते हैं.

लारा ने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देश के बोर्ड्स का उदाहरण देते हुए कहा,  

सच्चाई तो यह है कि वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड या प्रशासन ने अपने खिलाड़ियो को नेशनल टीम के प्रति वफादार बनाए रखने के लिए कुछ ठोस कदम उठाया ही नहीं, जैसे की इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देशों के बोर्ड ने किया है. बोर्ड बढ़ती हुई टी20 लीग्स के आकर्षण से खिलाड़ियों को रोकने में भी नाकाम रहा है.

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लारा के मुताबिक अब खिलाड़ी अपने परिवार का ख्याल रखने के लिए दूसरे विकल्पों की ओर देख रहे हैं. उन्होंने कहा,

यह स्वाभाविक है कि हमारे खिलाड़ी दूसरी दिशा ही तलाशेंगे. जब आप केन विलियमसन और ट्रेंट बोल्ट जैसे खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से खुद को अलग करते हुए देखते हैं, या फिर कुछ दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी जैसे विकेटकीपर-बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी बनाकर ऐसे फैसले लेते देखते हैं, तो समझ आता है कि ये लोग बस अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं.

वेस्टइंडीज के कई खिलाड़ी आईपीएल में भी हिस्सा लेते है. इसमें नेशनल टीम के लिए खेल रहे एक्टिव प्लेयर्स से लेकर रिटायर हो चुके खिलाड़ी भी शामिल हैं.

(ये खबर इंटर्न ट्विंकल ने लिखी है.)

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