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ये नाइटहुड क्या है जिसके मिलते ही सब कोई 'सर' हो जाता है?

भारत वालों को मिलती है क्या?

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सर लुईस हैमल्टन MBE (फोटो – एपी)
  ‘अराइज... ब्रियन ऑफ टार्थ. ए नाइट ऑफ द सेवेन किंगडम्स.'
तालियों की गूंज. और लेडी ब्रियन बन गईं सर ब्रियन ऑफ टार्थ. गेम ऑफ थ्रोंस वाले अब तक समझ गए होंगे. जिन्होंने नहीं देखा वो आठवें सीजन का दूसरा एपिसोड देख लें. कहने का मतलब यही है कि यूरोप वालों में ये बहुत पुराना ट्रेडिशन है. और कई देशों में ये अब भी कायम है. इन देशों में ग्रेट ब्रिटेन भी आता है जहां बीते 15 दिसंबर को फॉर्मूला वन रेसर लूईस हैमल्टन को नाइट बनाया गया है. अब वह सर लुईस हैमल्टन हो गए हैं. ऐसे में हमने सोचा कि क्यों ना इस नाइटहुड की पूरी पड़ताल की जाए. तो चलिए आपको शुरू से बताते है कि ये नाइटहुड होता क्या है और किसको दिया जाता है? नाइटहुड इंग्लैड का सर्वोच्च सम्मान है. ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश अंपायर, यानि की ब्रिटिश अंपायर की तरफ से ये सम्मान या ये टाइटल उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने लंबे समय तक कला, विज्ञान, मेडिकल या सरकार में महत्वपूर्ण योगदान दिया होता है. इन शॉर्ट, किसी भी तरीके से देश की सेवा की होती है. # कैसे बने Knight? ठी वैसे ही, जैसे आजकल की वेब सीरीज में दिखाते हैं. रानी या राजा, नाइट बनने जा रहे व्यक्ति के दोनों कंधों पर तलवार छुआकर ये सम्मान देते है. ये अभी भी बिल्कुल वैसे ही दिया जाता है. नाइटहुड तीन कैटेगरी में बंटी होती है- CBE, OBE और MBE. CBE का मतलब होता है- कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश अंपायर. ये सबसे ऊपर के दर्जे का सम्मान होता है. आपको बता दें फर्स्ट वर्ल्ड वॉर के टाइम पर इसे किंग जॉर्ज पांचवें लेकर आए थे. ये उन लोगों को दिया जाता था जो यूके में ही रहकर युद्ध के दौरान अपनी ओर से देश की मदद कर रहे थे. CBE पाने वाले खिलाड़ियों की बात करें तो टेनिस में एंडी मरे, रेसर जॉन स्टीवर्ट, क्रिकेटर जेम्स एंडरसन, एलेस्टेयर कुक को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. इसके बाद आता है OBE मतलब ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश अंपायर. ब्रिटिश अंपायर की रैंकिंग में ये दूसरा सर्वोच्च अवॉर्ड है. इस अवॉर्ड से सम्मानित खिलाड़ी हैं, एंड्रयू स्ट्रॉस, ज्यॉफ्री ‎बॉयक़ॉट, विवियन रिचर्ड्स और बेन स्टोक्स. MBE मेम्बर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश अंपायर. ये तीसरा सबसे सर्वोच्च अवॉर्ड है. और इस सम्मान को पाने वाले की लिस्ट में साइकलिस्ट क्रिस्टोफर एंड्रयू, रिचर्ड हैडली, जोस बटलर और जो रूट शामिल हैं. इस अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले प्लेयर्स के नाम के आगे सर या डेम लग जाता है. पुरुष के नाम के आगे सर जबकि महिलाओं के नाम के आगे डेम. # Indian Knights बता दें कि स्पोर्ट्स जगत में सबसे पहले ये अवॉर्ड पाने वाले खिलाड़ी फ्रैंसिस लेसी है. उन्हें साल 1926 में इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. और जैसा कि आपने देखा ही, हमने ऊपर इतने सारे खिलाड़ियों के नाम लिए उनमें कई खिलाड़ी विदेशी भी हैं. अर्थ साफ है, ब्रिटिश सरकार दुनिया भर के खिलाड़ियों को इस अवॉर्ड से सम्मानित करती है. शर्त ये होती है कि उन्होंने अपनी फील्ड में शानदार काम किया हो. हालांकि भारतीय खिलाड़ियों को अगर ये अवॉर्ड लेना है तो उनको सरकार से परमिशन लेनी होगी. अगर इज़ाजत मिल जाती है, तो ही वो ये सम्मान ले सकते है. लेकिन तब भी वो अपने नाम के आगे सर या डेम की उपाधि नहीं लगा पाएंगे. बता दें कि क्रिकेटर, विजयनगरम के महाराजकुमार पुष्पति विजय आनंद गजपति राजु को 1936 में आठवें किंग एडवर्ड ने इस सम्मान से सम्मानित किया था. लेकिन उन्होंने आजादी के बाद इस सम्मान को त्याग दिया.