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'जिनके खुद के घर शीशे के हैं...' गंभीर ने बिना नाम लिए कॉमेंटेटेर्स को गंदा लपेट लिया

भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा कि कुछ ऐसे लोग हैं जो कि भारत में कॉमेंटेटर की नौकरी से पैसा कमाते हैं और फिर NRI होने के फायदे उठाते हैं. ऐसे लोग उनपर सवाल उठा रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं.

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गौतम गंभीर ने बिना किसी का नाम लिए अपने आलोचकों को जवाब दिया है. (Photo- PTI)

टीम इंडिया (Team India) के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को उनके अग्रेसिव और बेबाक अंदाज के लिए जाना जाता है. गंभीर भले ही अब मैदान पर न दिखते हो लेकिन बतौर कोच भी उनकी बेबाकी कम नहीं हुई है. गंभीर ने एक टीवी शो में खुलकर उन लोगों  को जवाब दिया है, जो उनके कोच बनने के बाद से लगातार सवाल उठा रहे हैं.

गंभीर ने साथ ही कुछ कॉमेंटेटर्स पर भी सवाल उठाए हैं. गंभीर के मुताबिक कुछ लोग इंडियन क्रिकेट को अपने घर की जागीर समझने लगे हैं. उन्होंने ABP न्यूज के एक कार्यक्रम में कहा, 

कोच बने हुए मुझे सिर्फ आठ महीने हुए हैं. जैसे मैंने आपको पहले बोला कि अगर रिजल्ट नहीं आएंगे तो मुझे आलोचना का सामना करने में कोई दिक्कत नहीं है. लोगों का काम है आलोचना करना और वह करे. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो 20-25 साल से कॉमेंट्री बॉक्स में बैठे हैं उन्होंने मेरी हर चीज पर सवाल उठाया है. उनको लगता है हिंदुस्तान की क्रिकेट उनके घर की जागीर है. हिंदुस्तान की क्रिकेट किसी के घर की जागीर नहीं है. 140 करोड़ भारतीयों की पहचान है.  वो वैसे ही रहेगी.

BCCI ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीतने वाली भारतीय टीम के लिए 58 करोड़ रुपये के कैश प्राइज की घोषणा की थी, जिसमें कोचिंग स्टाफ भी शामिल थे. गावस्कर ने गंभीर से सवाल किया था कि जिस तरह राहुल द्रविड़ ने अपने साथियों से ज्यादा पैसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था क्या मौजूदा कोच भी ऐसा करेंगे? गंभीर ने बिना नाम लिए कहा कि उन्हें किसी को नहीं बताना कि पैसों का क्या किया. गंभीर ने कहा, 

उन्होंने मेरे कोचिंग से लेकर, मेरे रिकॉर्ड से लेकर, कनकशन से लेकर और यहां तक कि प्राइज मनी तक सवाल उठा दिये कि चैंपियंस टॉफी में प्राइज मनी मिली थी. मुझे इस देश को बताने की जरुरत नहीं है कि मैंने कहां पर पैसा छोड़ा है और कहां पैसा लगाया है.  इस देश को ये पता  होना चाहिए, जरूर होना चाहिए कि ऐसे लोग पिछले कितने साल से NRI बन के देश में काम कर रहे हैं, देश से पैसा कमाते हैं और बाहर लेके जाते हैं. मैं 11:55 पर सेक्योरिटी चेक या एमिग्रेशन नहीं करता कि मेरे 180 दिन बीत चुके हैं. मैं हिंदुस्तानी हूं और आखिरी सांस तक हिंदुस्तानी रहूंगा. टैक्स बचाने के लिए NRI नहीं बनूंगा.

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गौतम गंभीर ने किसी का नाम लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 

आप खोजकर बताएं इस देश को कि कौन कितने साल से NRI बने हुए हैं. जिनके खुद के घर शीशे के भी नहीं, गत्ते के होते हैं उनको दूसरों के घर पे पत्थर नहीं मारने चाहिए. मैं अपने कोजी क्लब, गैंग, लॉबी के बारे में नहीं सोचता हूं. मैंने कभी ना कभी इस बारे में सोचा है. मैंने ये जॉब ली है तो मेरा काम है कि हर हिंदुस्तानी को खुश करना, इंडिया को गर्व महसूस करवाना और मैं उस जॉब को मैं ईमानदारी से काम कर रहा हूं. 

गंभीर ने आगे कहा,

ये पर्सेप्शन भी चेंज होना बहुत ज़रूरी है कि ट्रॉफी मैंने नहीं जीती, किसी कप्तान ने नहीं जीती, किसी प्लेयर ने नहीं जीती, हम सब ने मिलकर जीती है. कोई एक कोच, कप्तान, कोई एक सीनियर प्लेयर, कोई एक जूनियर प्लेयर आपको कोई ट्रॉफी नहीं जिता सकता. उस ड्रेसिंग रूम में जितने लोग बैठे थे. स्टाफ से लेकर, कप्तान तक और हेड कोच तक, सबका कॉंट्रिबूशन है इस देश को चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में. वह वैसे ही रहना चाहिए.

गौतम गंभीर ने यहां विराट कोहली के साथ अपने रिश्तों को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि विराट कोहली हमेशा उनके दोस्त थे और हमेशा रहेंगे और संन्यास लेना उनका निजी फैसला है. 

 

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