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INDvsPAK: जब विराट कोहली ने पाकिस्तान को इतना मारा कि इतिहास ही बन गया!

उस दिन तो कोहली को कुछ अलग ही हो रखा था.

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विराट कोहली

एशिया कप 27 अगस्त से शुरू हो रहा है. लेकिन इंडियन क्रिकेट फ़ैन्स के लिए इस टूर्नामेंट की शुरुआत 28 अगस्त को होगी. क्योंकि इंडियन क्रिकेट टीम अपना पहला मुकाबला 28 को ही खेलेगी. ये मुकाबला होगा पाकिस्तान के खिलाफ़.

पाकिस्तान, वही टीम जिनके खिलाफ़ साल 2013 से टीम इंडिया सिर्फ ICC और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) टूर्नामेंट्स में ही खेलती है. बीते बरस हुए वर्ल्ड कप में ये टीम्स आखिरी बार आमने-सामने आई थीं. जहां पाकिस्तान ने इंडिया को 10 विकेट से हराया था.

इस जीत के बाद से पाकिस्तान की फॉर्म देखने लायक है. उन्होंने हर टीम के खिलाफ अच्छी क्रिकेट खेली है. और इस समय उनकी T20I रैंकिंग भी कमाल की है. पाकिस्तान की टीम तीसरे नंबर पर है. दूसरी ओर टीम इंडिया के पास भी बहुत शानदार खिलाड़ी हैं. और हमारी टीम T20I रैंकिंग में नंबर वन पर विराज़मान है.

ऐसे में इंडिया-पाकिस्तान के बीच होने वाला यह मैच निश्चित तौर पर देखने लायक होगा. और हर बार की तरह इस बार भी हमें कुछ नए हीरोज देखने को मिलेंगे. और इन हीरोज के मिलने से पहले चलिए आपको पिछले मुकाबलों के हीरोज से मिलवा दिया जाए.

# पहले Asia Cup में बिन्नी और शास्त्री चढ़ गए

इस टूर्नामेंट का पहला एडिशन साल 1984 में खेला गया था. भारत के 1983 वर्ल्ड कप जीतने के ठीक एक साल बाद. इस साल सिर्फ तीन देश इस टूर्नामेंट का हिस्सा थे. भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका. फाइनल मैच इंडिया और पाकिस्तान के बीच खेला गया था.

इस मैच में इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. ये फैसला कितना सही था, इसका फैसला करना थोड़ा मुश्किल है. क्योंकि टीम 46 ओवर में कुल 188 रन ही बना पाई थी. अब हमें ज़हीर अब्बास वाली पाकिस्तान को इससे कम में रोकना था.

मामला थोड़ा सा मुश्किल लग रहा था. लेकिन इस मुश्किल को आसान बनाने में पाकिस्तान ने खुद हमारी मदद कर दी. उनके चार खिलाड़ी रन आउट होकर पविलियन लौट गए. और बाकी का काम रोज़र बिन्नी और रवि शास्त्री ने कर दिया. दोनों ने बाकी बचे छह विकेट्स में से तीन–तीन अपने नाम कर लिए.

# जब खुद ही फंस गया पाकिस्तान!

पहले एडिशन के बाद इंडिया–पाकिस्तान का सामना तीसरे एडिशन में हुआ. क्योंकि दूसरे एडिशन के लिए टीम इंडिया ने श्रीलंका जाने से मना कर दिया था. ख़ैर, इस बार का पाकिस्तान को इंडिया ने फाइनल तक जाने ही नहीं दिया. टूर्नामेंट के पांचवें मुकाबलें में दोनों का आमना-सामना हुआ.

और इस मैच को इंडिया ने टूर्नामेंट में पाकिस्तान का आखिरी मैच बना दिया. इंडिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था. रमीज़ राजा और मोइनुल अतीक ने पाकिस्तान को अच्छी शुरूआत दी. दोनों ने मिलकर टीम को 62 रन तक पहुंचा दिया था. लेकिन यहां से विकेट्स गिरने शुरू हुए.

पाकिस्तान का कोई भी खिलाड़ी मैदान पर टिकने को राज़ी ही नहीं था. टॉप चार को छोड़ दें तो कोई भी खिलाड़ी 10 का आंकड़ा पार नहीं कर पाया था. पाकिस्तान 42.2 ओवर में 142 रन ही बना पाई और उनको इस तरह से पस्त करने का काम किया ऑफ स्पिनर अरशद अयूब ने. अरशद ने अपने नौ ओवर में पांच विकेट निकाले थे.

टीम के लिए बचा हुआ काम मोहिंदर अमरनाथ ने कर दिया. 74 रन की नॉट आउट पारी खेलकर वो टीम इंडिया को फाइनल में ले गए.

इसके बाद के कुछ एडिशंस में इंडिया–पाकिस्तान आपस में खेले ही नहीं. साल 1990 में पाकिस्तान ने इंडिया में हुए एशिया कप में हिस्सा लेने से मना कर दिया. साल 1995 में हुए एनकाउंटर में पाकिस्तान ने पहली बार एशिया कप में इंडिया को हराया. पाकिस्तान ने यह मैच 97 रन से जीता. और फिर साल 1997 में दोनों आमने–सामने तो आए, लेकिन वो मैच ही नहीं हो पाया.

# जीत दिलाने से चूक गए जडेजा

इन सबके बाद दोनों देशों के फ़ैन्स को साल 2000 में एक जबर मैच देखने को मिला. यहां पाकिस्तान ने टॉस जीतकर शानदार बल्लेबाजी की. टीम को बढ़िया शुरुआत मिली, नंबर तीन पर आए मोहमम्द यूसुफ ने शतक लगाया और उनके साथ शाहिद अफरीदी, मोइन खान, अब्दुल रज्ज़ाक के बल्ले से भी रन आए. पाकिस्तान ने इनकी बदौलत 295 रन बना दिए.

अब टीम इंडिया को जीत के लिए 296 रन बनाने थे. जवाब में सौरव गांगुली सिर्फ आठ रन बनाकर पविलियन लौट गए. सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ ने 25 और 26 रन की पारियां खेली. मोहम्मद अज़हरुद्दीन एक रन पर लौट गए. इस बीच अजय जडेजा ने एक छोर से फाइट जारी रखी. लेकिन किसी ने उनका साथ नहीं दिया.

अजय जडेजा ने मैच में 93 रन की पारी खेली. इसमें आठ चौके और चार छक्के शामिल रहे. इस मैच में भारतीय टीम की तरफ से छक्के लगाने वाले जडेजा अकेले खिलाड़ी थे. लेकिन वो भारत को ये मैच जिता नहीं पाए. टीम इंडिया 44 रन से ये मुकाबला हार गई.

# सहवाग ने बचाया लेकिन…

साल 2004 में पाकिस्तानी टीम ने हमें फिर हराया. इस बार उनके लिए शोएब मलिक ने 143 रन की बढ़िया पारी खेली. जवाब में सचिन तेंडुलकर ने 78 रन की पारी खेली. लेकिन और कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक नहीं लगा पाया. और हम ये मैच 59 रन से हार गए.

लगातार दो हार के बाद टीम इंडिया ने एक छोटा सा कमबैक किया साल 2008 में. साल 2008 में इंडिया–पाकिस्तान का हाई वोल्टेज़ मैच दो बार हुआ. पहले मैच में इंडिया ने बाजी मारी और इस मैच में विरेंदर सहवाग ने अपने स्टाइल वाली ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की. उन्होंने पाकिस्तान के 300 का पीछा करते हुए 119 रन खुद ही बना दिए.

बाकी का काम सुरेश रैना, युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी ने कर दिया.

दूसरी बार जब ये टीम आमने–सामने आईं तब ऐसा नहीं हो पाया. सहवाग का बल्ला चला लेकिन इस बार वो कुल 49 रन ही बना पाए. धोनी ने 76 रन बनाए, रोहित शर्मा ने 58. टीम ने बोर्ड पर 308 रन लगाए. लेकिन फिर दूसरी तरफ से यूनुस खान ने सेंचुरी लगाई और मैच खत्म कर दिया.

# पाकिस्तान के सामने गंभीर को तो चलना ही है!

साल 2010 में दोनों टीम्स फिर आमने-सामने आईं. पाकिस्तान टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी कर रहा था. और उन्होंने बोर्ड पर 267 रन टांग दिए थे. टीम इंडिया के लिए ओपन करने गौतम गंभीर के साथ विरेंदर सहवाग आए. इस दिन ना सहवाग चले, ना विराट. लेकिन दूसरी तरफ से गौतम गंभीर टिके रहे.

उनका साथ महेंद्र सिंह धोनी ने दिया. गंभीर ने 83 और धोनी ने 56 रन की पारी खेली. और बाकी का बचा काम सुरेश रैना ने कर दिया. लेकिन फिनिशिंग टच आया हरभजन सिंह के बल्ले से. उन्होंने छक्का लगाकर मैच को खत्म किया.

# पाकिस्तान कभी नहीं भूलेगा विराट की ये पारी!

एशिया कप 2012 में विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ़ एक बहुत शानदार पारी खेली थी. इस मैच की शुरुआत कुछ ऐसे हुई, कि पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी. उनके दोनों ओपनर मोहम्मद हफीज़ और नासिर जमशेद ने शतक लगा दिए. और टीम ने बनाए 329 रन.

अब इसको चेज़ करने की बारी थी. इस बार गंभीर शून्य पर लौट गए. ऐसे में मोर्चा संभाला सचिन और विराट ने. सचिन ने अर्धशतकीय पारी खेली. रोहित ने भी 68 रन बनाए. लेकिन मौज कराई विराट ने, इन्होंने एक छोर से 183 रन बना डाले. और इंडिया को आराम से मैच जिता दिया.

# मुश्किल समय में विराट तो चलेंगे ही!

इसके बाद अगले एडिशन में पाकिस्तान ने फिर वापसी की थी. उन्होंने इंडियन टीम को सिर्फ एक विकेट से हराया. शाहिद अफरीदी ने आखिरी दो गेंदों पर रविचंद्रन अश्विन को छक्के लगाकर मैच को खत्म किया था.

लेकिन ऐसी राइवलरी तो लम्बी चलती है. साल 2016 का टूर्नामेंट 20 ओवर का हुआ. और टीम इंडिया ने धमाकेदार खेला. उन्होंने टॉस जीतकर पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया. और उनकी टीम को कुल 83 रन पर ऑल आउट कर दिया. उनके सिर्फ दो खिलाड़ी खुर्रम मंज़ूर और सरफ़राज़ अहमद ही 10 का आंकड़ा पार कर पाए.

हार्दिक पंड्या ने शानदार गेंदबाजी कर तीन विकेट निकाले. लेकिन असली काम विराट कोहली ने किया. उन्होंने 49 रन की पारी खेली. ये पारी ऐसे समय में आई जब ओपनिंग जोड़ी शून्य पर और नंबर चार पर आए सुरेश रैना एक रन बनाकर लौट गए थे.

# रोहित शर्मा ने मौका नहीं दिया!

साल 2022 से पहले आखिरी एशिया कप साल 2018 में हुआ. ये टूर्नामेंट भी UAE में ही हुआ. और यहां पर विराट की जगह रोहित शर्मा टीम इंडिया को लीड करते हुए पहुंचे. इस टूर्नामेंट में दो बार इंडिया वर्सेज़ पाकिस्तान देखने को मिला. और दोनों बार रोहित शर्मा टीम के हीरो रहे.

पहले मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की. शुरुआत उनकी बिल्कुल अच्छी नहीं हुई और टीम पूरे 50 ओवर खेले बिना 162 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. दूसरी तरफ रोहित–शिखर की जोड़ी ने टीम इंडिया को बढ़िया शुरुआत दिलाई. रोहित के तेज पचासे के दम पर इंडिया ने मैच 29 ओवर में ही जीत लिया.

इसके बाद जब सुपर फोर मे दूसरा एनकाउंटर हुआ तो इस बार रोहित ने शतक लगा दिया. इधर भी पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 237 रन बनाए. बदले में शिखर–रोहित दोनों ने शतक लगाकर मैच को आराम से खत्म कर दिया.

सुनील गावस्कर की जगह लेने टीम में आए और अब विराट और अश्विन पर ज्ञान देते है!