चुनावों के दौरान इन नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर हमले किए थे. क्या-क्या नहीं कहा था. योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर की एक रैली में सीएम अखिलेश यादव को टोंटी चोर तक बता दिया था. उन्होंने कहा था,
ये लोग अपना मकान सरकारी जमीन और सरकारी पैसे से बनाते थे. बाद में अपने नाम से दिखा देते थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा-खाली कराओ. हमने पुलिस से कहा खाली करा दो भाई, तो टोंटी चोरी करके ले गए. देखा न, आपने तमाम प्रकार के लोगों के नाम सुने होंगे. अब तो टोंटी चोर नाम भी सामने आ गया है. ये लोग जनता के संसाधनों पर डकैती डालते थे.अखिलेश यादव इसका जवाब दिया था. एक रैली में अखिलेश ने कहा था,
ये बाबा मुख्यमंत्री जी, हमारे घर में इन्होंने अधिकारियों को भेजा और कहा कि हम उसमें से टोंटी निकाल ले गए. याद है कि नहीं याद है. हमने भी उनसे कह दिया है और जनता से हम अपील करेंगे कि जनता हमें मौका दे. उन्होंने जिन अधिकारियों को भेजा था वहीं लोग आपके घर जाएंगे और तब तक ढूढेंगे जब तक कोई चिलम न मिल जाए.संसद में फूट-फूट कर रोए थे योगी
बात 2006 की है. यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी. पूर्वांचल में कई जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा फैली थी. संसद में योगी ने इसका जिक्र किया था. अपनी बात कहते-कहते रो पड़े थे. कहा था सपा सरकार उनके खिलाफ षड़यंत्र कर रही है. योगी ने जान का खतरा बताया था. कहा था कि गोरखपुर जाते हुए शांति भंग करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया. जिस मामले में सिर्फ 12 घंटे बंद रखा जा सकता था, उस मामले में 11 दिन जेल में रखा गया.

संंसद में अपनी बात कहते-कहते रो पड़े थे योगी
योगी ने यूपी पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. पूछा था कि क्या वह इस सदन के सदस्य नहीं हैं. अगर ये सदन उन्हें संरक्षण नहीं दे सकता तो वह इसे छोड़कर जाना चाहते हैं. योगी ने कहा था कि उन्होंने परिवार और मां-बाप को छोड़ा, इसके बावजूद राजनीतिक पूर्वाग्रह के लिए उन्हें अपराधी बनाया गया.
इस घटना को 13 साल हो गए. अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. उन्हीं मुलायम सिंह यादव का हालचाल जानने पहुंचे हैं जिन्होंने उन्हें जेल भेजवाया था. आप कहेंगे कि हम इस घटना की याद क्यों दिला रहे हैं. इसलिए कि सोशल मीडिया पर किसी राजनीतिक पार्टी और नेता के समर्थन और विरोध में गिरने से पहले हजार बार सोचें. नेताओं के चक्कर में लोग दोस्ती को भी ताक पर रख दे रहे हैं. रिश्तों को भूल जा रहे हैं. राजनीति के चक्कर में रिश्ते खराब मत करिए. हम और आप लड़ते रहेंगे. इसका कोई अंत नहीं है. लेकिन राजनीतिक वैसी ही, अपनी गति से चलती रहेगी. जैसी चलती है. शिष्टाचर सीखना है तो इन नेताओं से सीखिए. जिनके चक्कर में आप एक दूसरे का गला काटने तक पर आमादा हैं.
यूपी में करारी हार के बाद मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को क्या-क्या सुनाया?