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हत्या के उस आरोपी की कहानी, जिसके मर्डर से मंगलुरु में तनाव फैल गया है

Suhas Shetty Murder Case: VHP के कार्यकर्ता कर्नाटक के चिकमंगलूर में सोमवार, 5 मई को प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन स्थानीय पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. जिस मर्डर केस में ये कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, उसकी पूरी कहानी क्या है?

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मामले में 8 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. (फ़ोटो - आजतक/PTI)

मंगलुरु में 30 साल के हिंदुवादी कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्या के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. सुहास शेट्टी बजरंग दल का कार्यकर्ता रह चुका है और वो ख़ुद दो हत्या के मामलों में आरोपी था. उसकी हत्या के बाद से ही कर्नाटक में तनाव का माहौल है. बताते हैं क्या है इस मर्डर केस (Suhas Shetty Murder Case) की पूरी कहानी.

मर्डर के बाद तनाव

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले में पड़ने वाला मंगलुरु शहर. यहां 1 मई की देर रात बाजपे पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर कुछ लोगों ने सुहास शेट्टी की हत्या कर दी. इस हत्या के बाद, विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने 2 मई को बंद का आह्वान किया था. मंगलुरु शहर में दुकानें बंद कर दी गई थीं.

3 मई को पुलिस कमिश्नर अनुपम अग्रवाल ने मंगलुरु में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर मामले की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने बताया कि गिरफ़्तार किए गए आठ लोगों में मोहम्मद फाजिल का भाई आदिल मेहरूफ भी शामिल है. वही मोहम्मद फाजिल, जिसकी जुलाई 2022 में सुरथकल में हत्या कर दी गई थी. सुहास शेट्टी फाजिल की हत्या का मुख्य आरोपीी था.

कैसे हुई प्लानिंग

द हिंदू की ख़बर के मुताबिक़, आदिल मेहरूफ मंगलुरु के पास बाला गांव का रहने वाला है. पुलिस कमिश्नर अनुपम अग्रवाल ने बताया कि उसने सुहास शेट्टी की हत्या के लिए सात हमलावरों को ‘हायर किया’. इन हमलावरों ने आदिल से 5 लाख रुपये मांगे, जिसमें से 3 लाख रुपये का भुगतान उसने कर दिया था.

महरूफ के अलावा 29 साल के अब्दुल सफवान, 25 साल के नियाज और 32 साल के मोहम्मद मुसम्मीर को बाजपे के शांतिगुड्डे से गिरफ़्तार किया गया. बाला गांव के 29 साल के कलंदर शफ़ी और मंगलुरु के जोकट्टे गांव के 28 साल के मोहम्मद रिज़वान गिरफ़्तार किया गया. जबकि 20 साल के एम. नागराज और 19 साल के रंजीत चिक्कमगलुरु ज़िले के कलासा तालुक के रहने वाले हैं.

अब्दुल सफवान इस मर्डर का मुख्य आरोपी बताया गया. जांच से पता चला कि ये हत्या सुहास शेट्टी और उसके साथियों से अब्दुल सफवान को मिली धमकी का नतीजा था. पुलिस कमिश्नर अनुपम अग्रवाल ने आगे बताया कि सुहास शेट्टी के साथियों धनराज, पुनीत और प्रशांत ने 2023 में अब्दुल सफवान पर हमला किया था.

तब से अब्दुल सफवान को सुहास शेट्टी और उसके साथियों से अपनी जान का खतरा था था. सुहास शेट्टी को नाकाम करने के लिए अब्दुल सफवान ने एक ग्रुप बनाया. जिसमें कलासा के नागराज और रंजीत शामिल थे. उसने मेहरूफ से भी संपर्क किया. जिसने सुहास शेट्टी की हत्या के लिए बाद में 3 लाख रुपये की सुपारी दी.

हत्या के 15 दिन पहले से ये ग्रुप सुहास शेट्टी की गतिविधियों पर नज़र रख रहा था. ये ग्रुप सुहास पर दो बार हमला करने की कोशिश भी कर चुका था. इसी कोशिश में उन्हें 1 मई को सफलता मिल गई. सफवान और छह अन्य हमलावरों ने एक कार और एक पिकअप वाहन किराए पर लिया.

सुहास शेट्टी अपने पांच दोस्तों के साथ कार में यात्रा कर रहा था. तभी इस ग्रुप ने किन्नीपदावु में सुहास शेट्टी का रास्ता रोका. फिर उन्होंने सुहास शेट्टी और उसके एक दोस्त पर हमला किया. इससे सुहास शेट्टी गंभीर रूप से घायल हो गया. बाद में सुहास शेट्टी ने मंगलुरु के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया.

इधर हमले के बाद हमलावर पिकअप वाहन छोड़कर कुछ दूर तक कार में ही चले गए. वो बाजपे के पास एक घर में छिपे हुए थे. क्योंकि पुलिस ने पूरे शहर में वाहनों की जांच बढ़ा दी थी. पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हत्या के दो वीडियो को बारीकी से देखा. ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके.

पुलिस ने ह्यूमन इंटेलिजेंस और तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया. फिर हमलावरों को बाजपे स्थित उनके घर तक ट्रैक किया और उन्हें गिरफ़्तार कर लिया. पुलिस कमिश्नर अनुपम अग्रवाल ने ये भी बताया कि पुलिस दो अन्य व्यक्तियों की तलाश कर रही है. जिन पर हमलावरों की मदद करने का संदेह है.

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पुलिस कमिश्नर से वीडियो में दिख रही बुर्का पहने दो महिलाओं के बारे में भी पूछा गया. तब उन्होंने कहा कि उनकी पहचान कर ली गई है और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है.

इधर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने एक ‘सांप्रदायिकता विरोधी टास्क फोर्स’ (Anti-Communal Task Force) के गठन की बात कही है. उन्होंने कहा कि ये फोर्स ख़ास तौर पर दक्षिण कन्नड़ और उडुपी ज़िले में काम करेगी. साथ ही, भड़काऊ बयान देने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा,

इसका नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक (IGP) करेंगे. इसे स्थायी रूप से स्थापित किया जाएगा.

इस मामले में लेटेस्ट अपडेट ये है कि VHP के कार्यकर्ता कर्नाटक के चिकमंगलूर में सोमवार, 5 मई को प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन स्थानीय पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है.

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