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कौन हैं ED के निदेशक संजय कुमार मिश्रा?

संजय कुमार मिश्रा की टेबल पर बड़े-बड़े केस हैं. नेशनल हेराल्ड से लेकर पी चिदंबरम, फारूख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और डीके शिवकुमार के मामले.

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ED के निदेशक संजय कुमार मिश्रा. (फोटो: ANI)

ED (Enforcement Directorate) यानी प्रवर्तन निदेशालय आजकल लगातार खबरों में बना हुआ है. राहुल गांधी पिछले तीन दिन से ED के दफ्तर चक्कर काट रहे हैं. उनसे नेशनल हेराल्ड केस के सिलसिले में पूछताछ हो रही है. इससे पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भी ED ने गिरफ्तार कर लिया था. जैन अब भी न्यायिक हिरासत में ही हैं. लेकिन जो ED सब पर केस दर्ज कर जांच कर रही है, आज उसी ED के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा के रि-अपॉइंटमेंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई. कारण- केंद्र सरकार ने उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया.

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कौन हैं संजय कुमार मिश्रा?

संजय कुमार मिश्रा 1984 बैच के IRS अधिकारी हैं. उन्हें अक्टूबर 2018 में ED का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया. उसके बाद से अबतक प्रवर्तन निदेशालय का जिम्मा उन्हीं के हवाले है. ED के डायरेक्टर बनने से पहले मिश्रा दिल्ली में इनकम टैक्स विभाग के चीफ कमिश्नर थे. बताया जाता है कि संजय कुमार मिश्रा, प्रधानमंत्री कार्यालय में काफी पंसद किए जाते हैं. शायद यही वजह है कि उन्हें ED की जिम्मेदारी दी गई और उसके बाद एक के बाद एक एक्सटेंशन.

दरअसल, पिछले साल संसद के शीतकालीन सत्र से पहले केंद्र सरकार ने दो अध्यादेश पारित किए. उसके बाद संसद सत्र में सरकार दोनों अध्यादेशों को बिल बना कर लाई. फिर ये बिल पास होकर कानू बन गए. ये कानून हैं- पहला, दिल्ली स्पेशल पुलिस स्थापना (संशोधन) एक्ट, 2021. और दूसरा, केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) एक्ट, 2021. पहला कानून CBI के डायरेक्टर से जुड़ा है और दूसरा कानून ED के डायरेक्टर से. इन दिनों बिलों के पास होने के बाद सरकार को ये अधिकार मिल गया है कि वो CBI और ED के निदेशकों के कार्यकाल को एक बार में एक साल के लिए बढ़ा सकती है, जबकि पद पर बैठे व्यक्ति के कार्यकाल की अवधि पांच साल ना हो जाए. इसके पहले तक इन पदों के कार्यकाल की सीमा 2 साल थी.

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इस कानून का लाभ पाने वाले ED के पहले डायरेक्टर हैं संजय कुमार मिश्रा. इधर मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में संजय कुमार मिश्रा के इसी एक्सटेंशन के खिलाफ एक याचिका दाखिल की है. आजतक के संजय शर्मा की खबर के मुताबिक, मिश्रा को दिए गए कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने के लिए पहले भी दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं.

हाई प्रोफाइल केस की जांच

बताया जाता है कि संजय मिश्रा ना सिर्फ सत्ता के गलियारों में पसंद किए जाते हैं, बल्कि अपने विभाग में भी उनके काम को काफी सराहा गया है. संजय मिश्रा ने उन लोगों के नामों की लिस्ट जुटाने में अहम भूमिका निभाई, जिनके जेनेवा के HSBC बैंक में खाते थे. इस बैंक के खाताधारकों पर आरोप है कि अघोषित आय छिपाने के लिए विदेशी बैंक में पैसे जमा कराए.

इसके पहले इनकम टैक्स विभाग में रहते हुए मिश्रा नेशनल हेराल्ड के उसी मामले की जांच कर चुके हैं, जिसमें ED फिलहाल राहुल गांधी से पूछताछ कर रही है. इसके अलावा मिश्रा NDTV के इनकम टैक्स से जुड़े केस भी जांच कर चुके हैं. फिलहाल ED के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा की टेबल पर कुछ अहम केस हैं. उनमें सबसे हाई प्रोफाइल केस यही नेशनल हेराल्ड केस है, जिसमें राहुल गांधी से पूछताछ हो रही है और सोनिया गांधी को भी समन दिया गया है. इसके अलावा INX मीडिया केस, जिसमें पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर केस है.3,600 करोड़ रुपये का VVIP चॉपर स्कैंडल भी उनकी लिस्ट में है. वहीं जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी उनके पास है. कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस. इसके अलावा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर केस है भी उनकी टेबल पर है.

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