एक तरफ इंडियन आर्मी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 38 आतंकियों को हौंक आई है. दूसरी तरफ जनता को 15 लाख वाले चेक का दीदार हो गया है. 15 लाख का चेक तो याद ही होगा. लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने जो 'जुमलावादी' वादा किया था कि काला धन वापस लाएंगे तो सबके खाते में 15-15 लाख आएंगे. तो वही 15 लाख का चेक अब दिख गया है.
इधर पाकिस्तान को हौंका, उधर 15 लाख का चेक भी आ गया!
जिन्हें 15 लाख के चेक का इंतज़ार था. दर्शन कर लो.

लेकिन ज्यादा दांत न चियारो. ये चेक लेकर बैंक जाओगे तो ऐसे पूजे जाओगे कि सीधे मुतन्ने में जगह मिलेगी.
बात ये है कि यूपी में चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस हौंक के कोशिश कर रही है कि स्टेट में उसकी हवा बन जाए. अब मुलायम, मायावती और अमित शाह जैसों से लड़ना है तो कुछ अलग तो करना ही पड़ेगा. अलग करने के चक्कर में राहुल गांधी की रैलियों में 15-15 लाख के बहो-बड़े फर्जी चेक बंटवाए जा रहे हैं. कंगाल बैंक इंटरनेशनल के चेक. ये देखो.
वैसे कुछ भी कहो. जिसने भी ये चेक बनाया है, वो जरूर एसबीआई की किसी चिनौटी टाइप ब्रांच का क्लर्क रहा होगा. सारे कॉलम में ऐसी चीजें लिखी हैं, जैसे किसी ने पान मसाला दबाकर व्यंग्य किया है. जारीकर्ता की जगह 'भारतीय जुमला पार्टी और प्रधान-सेवक' लिखा गया है. सिग्नेचर की जगह लाल रंग से 'फेंकू' लिखा गया है और चेक का नंबर भी 420 से शुरू हो रहा है.
बाकी सब छोड़िए. चेक पर तारीख लिखी है, '32-13-5015'. अब बताओ ससुरा. 15 लाख के लिए इतने साल कौन जिएगा. बाबा रामदेव चाहे फेफड़े खोलकर रख दें, इत्ती लंबी पारी तो न खेल पाएंगे.
अच्छा चेक तो फिर भी फर्जी चेक है. यूपी में निच्चू वाले पोस्टरों की तो पुरानी परंपरा है. कभी आदित्यनाथ को राम दिखाया गया तो कभी मायावती को काली मां. कांग्रेस ने इसके साथ एक पोस्टर और बनवाया है. जिसमें राहुल गांधी के आते ही नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अरुण जेटली और चौधरी वीरेंद्र सिंह को चूहे की तरह भागते दिखाया है. इस पर लिखा गया है, 'राहुल गांधी की ललकार, जमीन छोड़ भागी सरकार.'
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