"जंग सिर्फ हथियारों से नहीं, हौसलों से जीती जाती है…" भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया फिल्म का ये डायलॉग आज भी देशभक्ति के हर एहसास को जगा देती है. उस दौर में जब पाकिस्तान ने भुज एयरबेस को धूल में मिलाने की ठान ली थी, भारत ने न सिर्फ जवाब दिया, बल्कि टूटी हुई रनवे को आम ग्रामीण महिलाओं की मदद से महज़ 72 घंटे में दोबारा चालू कर दिया था.
हवा में ही बर्बाद कर हो जाएंगे पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट और मिसाइलें, भारत ये एयर डिफेंस की ताकत जान लीजिए
India's Air Defense System: भारत ने पहलगाम के जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया. पाकिस्तान और PoK के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दिया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जवाबी हमले की गीदड़ भभकी दे रहे हैं. मगर हमला तो दूर भारत की हवाई सरहद पार करने से पहले भी उन्हें सौ बार सोचना पड़ेगा. वजह है भारत का बेमिसाल एयर डिफेंस सिस्टम.

आज इतिहास खुद को नए अंदाज़ में दोहरा रहा है. भारत-पाक सीमा पर फिर से तनाव है. बड़े शहरों में एयर डिफेंस मॉक ड्रिल चल रही हैं, जैसे आसमान से किसी बड़े खतरे के बादल मंडरा रहे हों. राजधानी से लेकर सीमावर्ती इलाकों तक रडार चौकन्ने हैं, मिसाइल लॉन्चर फुल चार्ज पर हैं और वायुसेना हाई अलर्ट पर.
अब बड़ा सवाल - क्या भारत तैयार है किसी भी हवाई हमले से निपटने के लिए? आइए, आसान भाषा में जानते हैं कि भारत किन-किन एयर डिफेंस हथियारों से लैस है और एक हमले की स्थिति में क्या रणनीति अपनाई जाएगी.
सीधे शब्दों में कहें तो - ये देश का हवाई कवच है. जैसे घर की सुरक्षा के लिए दरवाज़ा होता है, वैसे ही देश की हवाई सुरक्षा के लिए एयर डिफेंस सिस्टम होता है. इसका काम है - आसमान से आने वाले किसी भी दुश्मन को रोकना, चाहे वो मिसाइल हो, लड़ाकू विमान हो या फिर ड्रोन.
भारत के सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम-एक नज़र मेंAKASH मिसाइल सिस्टम (Made in India की शान)
- रेंज: 25–30 किमी
- भारतीय DRDO द्वारा विकसित
- फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और ड्रोन को टारगेट करता है
- रडार के ज़रिए ट्रैकिंग और स्वचालित जवाबी हमला
SPYDER (इजरायली फुर्ती भारत के हाथ)
- रेंज: 15–20 किमी
- इजरायल से आयातित
- तेज़ रिएक्शन, छोटे हमलों के लिए आदर्श
BARAK-8 (भारत-इजरायल की संयुक्त ताकत)
- रेंज: 70–100 किमी
- समुद्र और ज़मीन दोनों से लॉन्च हो सकता है
- क्रूज़ मिसाइल, एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर — सबका दुश्मन

MR-SAM और LR-SAM
- रेंज: MR-SAM (Medium Range-Surface To Air Missile) – 70 किमी | LR-SAM (Long Range-Surface To Air Missile) – 150 किमी
- हाई-स्पीड टारगेट्स के खिलाफ
- वायुसेना और नौसेना दोनों के लिए
S-400 ट्रायंफ (भारत का आसमानी ब्रह्मास्त्र)
- रेंज: 400 किमी तक
- रूस से आयातित
- एक साथ 80 टारगेट ट्रैक कर सकता है, 36 को खत्म कर सकता है
- चीन-पाकिस्तान दोनों की नींद उड़ाने वाला सिस्टम
QR-SAM (तेज़, मोबाइल और देसी)
- रेंज: 25–30 किमी
- भारत में विकसित
- टैंक जैसी मोबाइल यूनिट- युद्ध के मैदान में तैनात करने योग्य
XRSAM (आने वाला गेमचेंजर)
- रेंज: 250–350 किमी
- S-400 जैसा स्वदेशी संस्करण
- अभी विकास की प्रक्रिया में है
NASAMS-II (अमेरिका से मिलने वाला शहरों का रक्षक)
- रेंज: 25–40 किमी
- खासतौर पर राष्ट्रपति भवन, संसद जैसे इलाकों के लिए
- एयरक्राफ्ट और क्रूज़ मिसाइल दोनों को मार गिरा सकता है
- Rohini Radar - निगरानी के लिए
- Swathi Radar - दुश्मन के हथियार की पोजिशन ट्रैक करता है
- Aslesha Radar - हल्का, मोबाइल और प्रभावशाली

AWACS (Airborne Warning and Control System)- ये एक उड़ता हुआ रडार स्टेशन है. जो हवाई खतरों पर नजर रखता है.
अगर कल युद्ध छिड़ जाए, तो भारत की क्या रणनीति होगी?
- रडार सबसे पहले खतरे को डिटेक्ट करेंगे
- SPYDER और Akash जैसे छोटे रेंज वाले सिस्टम तुरंत जवाबी हमला करेंगे
- S-400, BARAK-8 और MR-SAM लंबी दूरी से मिसाइलें गिराएंगे
- वायुसेना के Rafale, Sukhoi और Mirage एक्शन में आ जाएंगे
- NASAMS-II और QR-SAM VIP इलाकों की रक्षा करेंगे
- ड्रोन-रोधी तकनीक भी एक्टिवेट कर दी जाएगी
100% सुरक्षा कभी नहीं हो सकती. लेकिन भारत आज जितनी तेज़ी से अपने एयर डिफेंस सिस्टम को मज़बूत कर रहा है, वो दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश है. भारत दो तरह से अपने एयर डिफेंस को मजबूत कर रहा है.
- ‘मेड इन इंडिया’ सिस्टम - Akash, QR-SAM, XRSAM
- विदेशी एडवांस तकनीक - S-400, BARAK-8, NASAMS-II
आने वाले समय में भारत हाइपरसोनिक इंटरसेप्टर, लेज़र वेपन और AI आधारित रडार सिस्टम की दिशा में भी काम कर रहा है.
अब आसमान भी भारत का हैअब दुश्मन चाहे मिसाइल चलाए, ड्रोन भेजे या फाइटर जेट उड़ाए- भारत उन्हें जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है. हर सीमा पर तैनात रडार, हर दिशा में घात लगाए मिसाइल सिस्टम और हर पल सतर्क वायुसेना है हमारी वायुसेना और यही भारत की असली ढाल है. क्योंकि अब भारत सिर्फ ज़मीन नहीं, आसमान में भी अजेय बन चुका है.
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