22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Attack) के बाद भारत ने कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं. आतंकियों की धरपकड़ के साथ-साथ भारत सरकार ने पूरे देश में युद्ध की मॉक ड्रिल ( War Mock drill) करवाने के आदेश जारी किए हैं. दूसरी तरफ पाकिस्तान हर दिन नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है. बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान ने एक चीज बहुत अच्छे से सीखी है कि किसी चीज के बारे में इतना बढ़ा-चढ़ाकर पेश करो कि लोगों को लगे, वाकई में ये संभव है. ऐसे ही दावे पाकिस्तान अपने F-16 Fighting Falcon फाइटर जेट को लेकर करता है. ये पाकिस्तान के बेड़े का सबसे एडवांस फाइटर जेट है. दूसरी ओर भारत के पास फ्रेंच मेड Rafale है.
भारत के Rafale का मुकाबला कर पाएगा F-16? पाकिस्तान के दावों में कितना दम?
Rafale vs F-16: पाकिस्तान का F-16 एक चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है, जबकि Rafale 4.5 जेनरेशन का लड़ाकू विमान है. अगर दोनों मुल्कों में जंग हुई तो इन दोनों Fighter jets की टक्कर तय मानी जा रही है.

बीते दिनों पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ ने दावा किया कि उन्होंने Rafale जेट्स के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को जाम कर दिया है. अब उन्होंने किसको जाम किया? ये तो ख़्वाजा आसिफ ही जानते होंगे. यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट में पाकिस्तान के इन दावों का खंडन किया गया है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पाकिस्तान का F-16 एक चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है, जबकि Rafale 4.5 जेनरेशन का विमान है. इसलिए दोनों विमानों की कोई तुलना नहीं. बावजूद इसके पाकिस्तान लगातार दुष्प्रचार फैला रहा है.

पाकिस्तान शायद ये भूल गया है कि 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय भारत ने Rafale नहीं बल्कि मिराज-2000 जेट्स का इस्तेमाल किया था. तब पाकिस्तान का एयर डिफेंस मिराज को भी इंटरसेप्ट नहीं कर सका था, इसलिए Rafale जैसे को लॉक करना तो बहुत दूर की बात है. तो समझते हैं कि भारत के Rafale और पाकिस्तान के F-16 में क्या अंतर है? आसान भाषा में कहें तो आमने-सामने की लड़ाई हुई तो कौन बीस पड़ेगा?

Rafale को फ्रांस की कंपनी Dassault Aviation ने बनाया है. ये एक डबल इंजन वाला 4.5 जेनरेशन का विमान है. Rafale को सबसे पहले 2006 में फ्रांस ने अपनी वायुसेना में शामिल किया था. तब से अब तक Rafale ने नाटो सेनाओं के साथ अपनी काबिलियत साबित की है. दूसरी ओर F-16 को अमेरिका की कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है. F-16 एक चौथी पीढ़ी का विमान है. इसे चौथी पीढ़ी का सबसे रफ एंड टफ विमान माना जाता है. लॉकहीड मार्टिन की वेबसाइट के मुताबिक 28 देश इस फाइटर जेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. पहली बार इस विमान की उड़ान 1976 में हुई थी. इसकी एक खासियत जिसकी वजह से ये पायलट्स को काफी पसंद आती है, वो है इसकी बबल के जैसी कैनोपी. इसकी वजह से पायलट्स को बेहतर विजिबिलिटी मिलती है.

दोनों विमानों में रडार सिस्टम को देखें तो Rafale का रडार 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट्स को ढूंढ सकता है. वहीं F-16 का रडार 84 किलोमीटर के दायरे में 20 टारगेट्स को ढूंढ सकता है. Rafale के बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल्स से लैस होने के कारण ये 150 किलोमीटर की दूरी से F-16 को निशाना बना सकता है. इसके लिए Rafale को मीटीयोर मिसाइल्स से लैस किया गया है. जबकि F-16 में लगी AMRAAM मिसाइल्स Rafale को 100 किलोमीटर से निशाना बना सकती हैं. ऐसे में Rafale को यहां 50 किलोमीटर की बढ़त मिलती ह

कुल जमा बात ये है कि Rafale हर मामले में F-16 से बीस साबित होता है. मैनुवर करने के दौरान F-16 हल्का होने से वजह से कलाबाजी तो अच्छी करता है, लेकिन G-Force प्रोटेक्शन कम होने की वजह से पायलट पर इसका बुरा असर पड़ता है और वो उड़ान के दौरान ही बेहोश हो सकता है. वहीं, Rafale में 9G तक की प्रोटेक्शन मिलता है जिससे मैनुवरिंग करने के दौरान भी विमान स्टेबल रहता है. रेंज के मामले में F-16 कुछ बेहतर है, लेकिन Rafale की बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल ये कमी पूरी कर देती है. पेलोड के मामले में भी Rafale बेहतर है. कुल मिलाकर देखें तो Rafale एक नया और उन्नत विमान है जो F-16 से बेहतर है. हालांकि ये दोनों विमान नाटो के अभ्यास के अलावा कभी आमने-सामने नहीं आए हैं.
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