अमेरिका में पिछले कुछ समय में कई हिंदू मंदिरों (Hindu Temple) को निशाना बनाया गया है. इस दौरान हेट क्राइम के भी कई मामले सामने आए हैं. इसको लेकर US कांग्रेस के पांच भारतीय मूल के सदस्यों (5 US Congress members) ने अमेरिकी न्याय विभाग (US Department of Justice) और FBI से इस साल हुई घटनाओं की जानकारी मांगी है. इन सांसदों ने हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों के कारण हिंदू समुदाय के चिंतित होने की बात कही है.
राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, श्री थानेदार, प्रमिला जयपाल और अमी बेरा ने न्याय विभाग से जुड़े क्रिस्टन क्लार्क को एक पत्र लिखा है. इसमें लिखा गया,
मंदिरों पर हमलों को लेकर 5 सांसदों ने FBI से मांगा जवाब, पूछा- 'आप क्या कर रहे, यहां हिंदू डरे हुए'
US कांग्रेस के पांच भारतीय मूल के सदस्यों ने US Department of Justice और FBI से हिंदू मंदिरों से जुड़ी घटनाओं की जानकारी मांगी है. इन्होंने पत्र में क्या-क्या लिखा है.

“न्यूयॉर्क से लेकर कैलिफोर्निया तक हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों के कारण हिंदू अमेरिकी समुदाय चिंतित है. दुर्भाग्य है कि इन हमलों के आरोपियों के बारे में भी कोई सुराग नहीं है. इस वजह से समाज के लोग डरे हुए हैं.”
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पत्र में आगे लिखा गया,
लगातार हो रहे हिंदू मंदिरों पर हमले“हमें अमेरिका में धार्मिक, जातीय, नस्लीय और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत का मुकाबला करने के लिए एक साथ काम करना होगा. हमारा आपसे अनुरोध है कि हमें ये बताया जाए कि हेट क्राइम को रोकने के संबंध में विभाग की क्या रणनीति है. हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप हमें 18 अप्रैल से पहले हिंदुओं के खिलाफ हुए हेट क्राइम और मंदिरों में हुई तोड़फोड़ से संबंधित डेटा की जानकारी दें. घटनाओं की संख्या उनका समय और उनके पीछे की मंशा परेशान करने वाले सवाल खड़े करती है.”
साल 2024 की शुरुआत में ही कैलिफोर्निया में 'शेरावाली मंदिर' पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए थे. इससे कुछ दिन पहले कैलिफोर्निया के शिव दुर्गा मंदिर में भी चोरी की घटना हुई थी. जबकि कैलिफोर्निया के स्वामी नारायण मंदिर पर भी हमला किया गया था. इन हमलों और नारों के तार खालिस्तानी संगठनों से जुड़े थे.
हाल ही में गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की कोशिश और निज्जर मर्डर को लेकर अमेरिका ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे. अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी (Eric Garcetti) ने ANI के साथ इंटरव्यू में कहा था कि किसी भी देश या शख्स को रेड लाइन क्रॉस नहीं करनी चाहिए. जिसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि अमेरिकी राजदूत वही कहेंगे, जो उनकी सरकार की सोच है. अभी मामले की जांच चल रही है और हमारे पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है.