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मां का शव कंधे पर ले जा रहा था, जिसने फ्री में एम्बुलेंस दिलाई, पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया

गरीब की मदद करना, कुछ एम्बुलेंस वालों को बहुत अखर गया

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महिला के शव को कंधे पर उठाए राम प्रसाद (बाएं) और की सांकेतिक फोटो (फोटो: ट्विटर/आज तक)

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के जलपाईगुड़ी (Jalpaiguri) में शख्स पैदल ही अपनी मां के शव को अपने घर ले जा रहा था. शख्स का घर अस्पताल से करीब 30 किलोमीटर दूर था. तभी एक NGO ने उनकी मदद की. मदद के तौर पर एनजीओ ने उन्हें एम्बुलेंस मुहैया करवाई. जिसके बाद मदद करने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया.

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हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक राम प्रसाद दीवान नाम का एक शख्स अपने पिता के साथ अस्पताल से अपनी मां का शव लेकर घर जा रहा था. राम प्रसाद का घर अस्पताल से करीब 30 किलोमीटर दूर था. तो ऐसे में उनके लिए शव को पैदल ले जाना आसान नहीं था. राम प्रसाद ने जब एम्बुलेंस वालों से बात की तो रेट बताया गया 3000 रुपए. राम प्रसाद की जेब में सिर्फ 900 रुपए ही थे. इसके बाद राम प्रसाद और उनके पिता जॉय कृष्णा दीवान शव को सिर पर रखकर निकल गए. वो 300 मीटर चले होंगे कि ‘ग्रीन जलपाईगुड़ी’ नाम के एक एनजीओ ने उन्हें मदद मुहैया करवाने की बात कही. एनजीओ ने उन्हें उनके गांव तक मुफ्त एम्बुलेंस दिलवा दी.

NGO वाले को ही पकड़ लिया?

इसके कुछ घंटे बाद एनजीओ के सेक्रेट्री अंकुर दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी पर जलपाईगुड़ी के एसपी बिस्वाजीत महतो ने बताया,

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‘एनजीओ के सेक्रेट्री अंकुर दास को प्राइवेट एम्बुलेंस ओनर्स एसोसिएशन के सेक्रेट्री द्वारा की गई शिकायत के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया है. अंकुर पर आरोप है कि उन्होंने एम्बुलेंस एसोसिएशन के सेक्रेट्री को बदनाम करने की साजिश की है.’

एसपी के मुताबिक केस दर्ज होने के बाद अंकुर दास को मानहानि की धारा 500, धारा 120बी और 34 के तहत अरेस्ट किया गया.

एम्बुलेंस एसोसिएशन वालों ने क्या बताया?

जलपाईगुड़ी की प्राइवेट एम्बुलेंस ओनर्स एसोसिएशन के सेक्रेट्री दिलीप दास ने बताया कि उन्होंने अंकुर के खिलाफ शिकायत इसलिए दर्ज करवाई क्योंकि, कंधे पर लाश ले जाने वाला पूरा सीन अंकुर ने प्लान करवाया था. और ये करवा के वो उन्हें बदनाम करना चाह रहा था.

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शव ले जाने वाले शख्स का क्या कहना है?

इस मामले में 9 जनवरी को मृतक महिला के पति जॉय कृष्णा दीवान ने ममता बनर्जी को एक चिठ्ठी लिखी. उन्होंने इसमें लिखा,

'मेरे ऊपर मेरी बीवी का शव कंधे पर उठाने के लिए किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया गया. प्राईवेट एम्बुलेंस वालों ने हमसे 3000 रुपए मांगे थे, जिसके लिए हम राजी नहीं थे. तभी अचानक से अंकुर ने आकर हमारी मदद की थी.'

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है. जलपाईगुड़ी के मेडिकल कॉलेज ने मामले की जांच शुरु कर दी है.  

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