किताबों से जुड़े लल्लनटॉप (Lallantop) के प्रीमियम वीकली शो किताबवाला (Kitabwala) में इस बार हम चर्चा कर रहे हैं प्रलव ध्यानी की पुस्तक हाइजैक्ड (Hijacked) पर. इस किताब में लेखक प्रलव ध्यानी ने सोमाली समुद्री डाकुओं द्वारा 331 दिनों तक बंदी बनाए जाने का अनुभव साझा किया है. कैद के दौरान जीवित रहने और उनके द्वारा झेले गए अत्याचारों की कहानी बयां की है. किताब में उन्होंने बताया कि पूरी केबिन क्रू को सोमालिया में एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया. वहां से उनकी रिहाई के लिए उनके शिप कंपनी के साथ बातचीत शुरू हुई. 331 दिनों तक पुरुषों का यह छोटा समूह, जो अपने परिवारों के लिए पालन-पोषण के लिए अलग-अलग देशों से एक साथ आए थे. प्रलाव और उसके चालक दल के साथियों को फिर से आज़ाद होने में ग्यारह महीने लग गए. उनकी कहानी जानने के लिए देखें वीडियो.