सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल की चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) से जुड़ी अपील खारिज कर दी. सीनियर एडवोकेट डॉ. आदिश सी अग्रवाल ने चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के 15 फरवरी वाले फैसले की स्वत: समीक्षा की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी.वाई चंद्रचूड़ को खत लिखा था. वहीं CJI ने आदिश अग्रवाल की इस अपील को पब्लिसिटी करार दिया. CJI ने कहा कि कोर्ट इसकी इजाजत नहीं देगा और उनकी अपील पर विचार नहीं किया जाएगा.
इलेक्टोरल बॉन्ड पर CJI को चिट्ठी लिखी, सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर वकील को हड़का दिया
खत में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने CJI से अपील की थी कि वो चुनावी बॉन्ड पर फैसले की समीक्षा करें. सुप्रीम कोर्ट ने अग्रवाल की अपील खारिज कर दी है.

डॉ. अग्रवाल ने CJI को लिखे अपने खत में भारत में कॉर्पोरेट डोनरों पर संभावित प्रतिकूल प्रभावों के बारे में चिंता जाहिर की थी. उन्होंने तर्क दिया था कि कॉर्पोरेट दानदाताओं के नाम और दान की गई राशि का खुलासा करने से राजनीतिक पार्टियां उनका उत्पीड़न कर सकती हैं. कहा था कि ऐसे में कॉर्पोरेट डोनरों के नाम और चंदे की रकम का खुलासा न किया जाए.
ये भी पढ़ें- इलेक्टोरल बॉन्ड पर फैसला रोकने को राष्ट्रपति को पत्र, बार एसोसिएशन को पता लगा तो अध्यक्ष को क्या सुना दिया?
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक CJI ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल को सुनने से इनकार करते हुए कहा,
“डॉ. अग्रवाल, आप एक सीनियर वकील होने के अलावा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. आपने मुझे एक खत लिखकर मेरे स्वत: संज्ञान अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए कहा है. ये सब पब्लिसिटी के लिए है. हम इसकी इजाजत नहीं देंगे.”
सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा (Electoral bond data) को लेकर 18 मार्च को एक बार फिर सुनवाई हुई. कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को आदेश दिया है कि वो 21 मार्च तक चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड के अल्फान्यूमेरिक नंबर उपलब्ध कराए. इससे ये पता चल पाएगा कि किस व्यक्ति या कंपनी ने किस राजनीतिक दल को चंदा दिया.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद ही SBI ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी डिटेल 13 मार्च को चुनाव आयोग के साथ शेयर की थी. इसके अगले दिन 14 मार्च को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर 763 पेजों की दो लिस्ट अपलोड की. एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और व्यक्तियों की जानकारी दी गई. इसमें नाम के साथ बॉन्ड खरीदने की तारीख और बॉन्ड की रकम की जानकारी है. दूसरी लिस्ट में राजनीतिक दलों को मिले बॉन्ड की डिटेल है.
यहां पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट में CJI चंद्रचूड़ को नहीं बोलने दे रहा था वकील, तभी आवाज आई- चिल्लाओ मत!
वीडियो: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से अब कौन से डॉक्यूमेंट वापस मांग लिए?