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बस्तर नक्सली हमला: CRPF के तीन जवानों की जान माओवादियों के स्नाइपर ने ली थी

ये मुठभेड़ तब हुई जब सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर टेकलगुडेम के जंगलों में बने एक नए पुलिस कैंप की घेराबंदी कर रहे थे. इसी दौरान करीब 400 से 500 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया.

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स्नाइपर के हमले में CRPF की कोबरा बटालियन के दो जवान और एक कांस्टेबल शहीद हुए हैं. (फोटोसोर्स- PTI)

सेंट्रल रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के तीन जवान नक्सलियों (Naxals) के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए हैं. छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के बस्तर (bastar) इलाके में लगभग 100 मीटर की दूरी से नक्सलियों के एक स्नाइपर ने तीनों जवानों की गोली मार दी. ये मुठभेड़ तब हुई जब सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम  सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर टेकलगुडेम के जंगलों में बने एक नए पुलिस कैंप की घेराबंदी कर रहे थे. इसी दौरान करीब 400 से 500 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया.

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चार घंटे मुठभेड़ चली

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर टेकलगुडेम के जंगलों में पुलिस का एक नया कैंप लगा है. मंगलवार 30 जनवरी को सुरक्षा बल के जवान, इस पुलिस कैंप के आसपास के इलाके की घेराबंदी कर रहे थे. दोपहर करीब 12.30 बजे जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई, जो करीब चार घंटे तक चली. ऑपरेशन में CRPF की कमांडो बटालियन के अलावा, STF और डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के जवान शामिल थे. आगे और पीछे STF के जवान थे. बीच में कोबरा बटालियन 201 की टीम थी. जवान आगे बढ़ रहे थे तभी माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी.  

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अधिकारियों ने बताया कि माओवादियों की तादाद 400 से 500 की थी. इसमें उनकी सबसे खतरनाक बटालियनों में से एक - पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) के 200 लड़ाके शामिल थे. इस बटालियन को उसका नया चीफ़  बारसे देवा लीड कर रहा था.

हेलमेट और बुलेटप्रूफ जैकेट से लैस माओवादी लड़ाकों ने बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, AK47, इंसास राइफल और LMG जैसे आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया. अधिकारियों के मुताबिक, लड़कों में छह स्नाइपर टीमें भी शामिल थीं. 

एक अधिकारी ने कहा,

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“कोबरा बटालियन बहादुरी से लड़ने में कामयाब रही, लेकिन स्नाइपर टीम ने उनमें से दो को गोली मार दी, साथ ही एक CRPF के कांस्टेबल को भी गोली लगी.”

शहीद जवानों की पहचान, मध्य प्रदेश से आने वाले 30 साल के पवन कुमार, तमिलनाडु के 29 साल के देवन सी के बतौर हुई. दोनों कोबरा 201 बटालियन में शामिल थे. जबकि असम के 35 साल के लंबाधर सिंघा CRPF की 150 बटालियन से थे.

अधिकारी ने कहा,

"दो एंटी माइनिंग व्हीकल और CRPF और DRG के 100 जवानों को सुरक्षा बलों की मदद में भेजा गया था. हम माओवादियों की टीम को घेरने में कामयाब रहे. दोनों बुलेटप्रूफ व्हीकल माओवादियों के बीच घुस गए और गोलीबारी की. माओवादियों ने डरकर मोर्चा तोड़ दिया. कम से कम 4 माओवादी मारे गए हैं."

टेकलगुडेम में साल 2021 में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच एक भीषण मुठभेड़ हुई थी. इसमें PLGA ने 23 जवानों को मार दिया था. जिसके बाद सुरक्षाबलों को पीछे हटना पड़ा था. अब माओवादियों से निपटने के लिए नया पुलिस कैंप बनाया गया है. इससे पहले इस कैंप से लगभग छह किलोमीटर दूर सिलगेर में एक कैंप बनाया गया था.

मंगलवार की मुठभेड़ के बाद माओवादियों को पीछे हटना पड़ा है. सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, अभी भी सुकमा-बीजापुर-तेलंगाना की सीमा पर करीब 1,000 वर्ग किलोमीटर के इलाके पर माओवादियों का नियंत्रण है. अधिकारियों का मानना ​​है कि माओवादी नेता मदवी हिडमा जो कि दक्षिण बस्तर इलाके में नक्सलियों का कमांडर है वो इसी इलाके में छिपा हुआ है. जबकि माओवादी नेता हिडमा और देवा दोनों पुआरती गांव से हैं. ये गांव बीजापुर की एंट्री से पहले सुकमा जिले का आखिरी गांव है. और टेकलगुडेम से सिर्फ 3 किमी दूर है.

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