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ग़ाज़ा अस्पताल हमले पर PM नरेंद्र मोदी ने कहा - 'जो ज़िम्मेदार हैं, सज़ा मिलनी चाहिए!'

इससे पहले हमास के रॉकेट हमलों के ठीक बाद प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा था कि भारत इज़रायल के साथ खड़ा है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ग़ाज़ा पट्टी में मल्बा (फ़ोटो - PTI/रॉयटर्स)

फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 अक्टूबर को जानकारी दी कि इज़रायली सेना ने ग़ाज़ा के अल-अहली अस्पताल पर रॉकेट बरसाए. बताया कि इस हमले में कम से कम 500 लोगों की मौत (Gaza Hospital Attack) हो गई. देश-विदेश के नेताओं ने से इस हमले पर प्रतिक्रिया दी. मरने वालों और पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति ज़ाहिर की. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले पर प्रतिक्रिया (PM Modi on Gaza) दी है. कहा कि उन्हें झटका लगा है. और जो ज़िम्मेदार हैं, उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए.

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PM मोदी ने X (पूर्व-ट्विटर) पर पोस्ट किया,

"ग़ाज़ा के अल-अहली अस्पताल में लोगों की क्षति से गहरा सदमा लगा है. पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना.

जारी संघर्ष में नागरिकों की हत्याएं गंभीर चिंता का विषय है. इसमें शामिल लोगों को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए."

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इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि इस हमले का ज़िम्मेदार 'इस्लामिक जिहाद' है. उनके मुताबिक़, हमास का ही एक रॉकेट मिस-फ़ायर होकर हॉस्पिटल पर गिरा है. इधर, इस्लामिक जिहाद ने इन आरोपों को निराधार बताया है.

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7 अक्टूबर की सुबह जब हमास ने इज़रायल के इलाक़ों पर रॉकेट दागना शुरू किए, तो भारत ने इसे आतंकवादी हमला कहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर की शाम को ही X पर पोस्ट कर दिया कि इस कठिन समय में हम इज़रायल के साथ खड़े हैं. ऐसे में PM मोदी के इस पोस्ट को ही भारत के स्टैंड की तरह देख लिया गया. हालांकि, 12 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय ने साफ़-साफ़ कह दिया कि भारत ने हमेशा से ही एक अलग और स्वतंत्र फ़िलिस्तीन राज्य का समर्थन किया है. साथ ही शांतिपूर्ण समाधान के लिए सीधी बातचीत की वकालत की है.

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