भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar Pakistan) हाल में पाकिस्तान में SCO समिट के लिए पहुंचे थे. विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा को लेकर अब पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) का एक बयान सामने आया है. उन्होंने इस को यात्रा को "एक शुरुआत" बताया है. नवाज ने ये भी कहा कि बेहतर होता अगर पीएम नरेंद्र मोदी इस यात्रा के लिए पाकिस्तान आते.
‘बेहतर होता PM मोदी पाकिस्तान आते...’, जयशंकर के दौरे के बाद नवाज़ शरीफ का बयान आया है
नवाज ने बताया कि दोनों पक्षों को बैठकर गंभीरता से बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते, हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए.

नवाज शरीफ का ये बयान भारतीय मीडिया से बातचीत के दौरान आया. इंडिया टुडे से जुड़ी गीता मोहन की रिपोर्ट के मुताबिक नवाज शरीफ ने कहा,
“आशा है कि भारत और पाकिस्तान अतीत को पीछे छोड़ेंगे और ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन जैसी भविष्य की समस्याओं से निपटने के लिए काम करेंगे.”
नवाज शरीफ ने विदेश मंत्री जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा को "एक शुरुआत" बताया. उन्होंने कहा,
“शांति प्रक्रिया बाधित नहीं होनी चाहिए. हमें धागे वहीं से उठाने चाहिए जहां से हमने छोड़ा था. ऐसे ही 75 साल बीत गए. अब 75 साल और बर्बाद न करें.”
नवाज शरीफ ने यात्रा को लेकर कहा कि अच्छा लगता अगर पीएम नरेंद्र मोदी पाकिस्तान आते. नवाज ने आगे कहा कि दोनों पक्षों को बैठकर गंभीरता से बात करनी चाहिए. नवाज बोले,
जयशंकर ने चीन-पाकिस्तान को क्या कहा?“हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते. हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए.”
जयशंकर SCO परिषद के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान गए थे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में SCO शिखर सम्मेलन पर जयशंकर का स्वागत किया. रूस, चीन, बेलारूस और मध्य एशियाई देशों के सात प्रधानमंत्रियों, ईरान के उपराष्ट्रपति और जयशंकर समेत बड़े नेता ग्रुप फोटो के लिए इकट्ठा हुए. इसके बाद 23वें SCO CHG (हेड ऑफ़ गवर्मेंट) का सेशन संपन्न हुआ.
SCO समिट के मंच से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधा था. जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद तीन बुराइयां हैं. ये व्यापार, यात्रा और लोगों के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचाती हैं. उन्होंने बताया कि SCO को अशांत दुनिया में आने वाली चुनौतियों का जवाब देने में सक्षम और निपुण होने की ज़रूरत है. इसके साथ ही उन्होंने साउथ ईस्ट एशिया क्षेत्र में ‘एकतरफा कनेक्टिविटी’ के कदमों की निंदा भी की.
वीडियो: दुनियादारी: SCO समिट पहुंचे एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को क्यों सुनाया?