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गौतम अडानी को बचाने वाले वकील ने इंटरव्यू में क्या बोलकर सबको चौंका दिया!

हरीश साल्वे के मुताबिक गौतम अडानी पर लगाए गए आरोप भारत और भारतीयों पर एक हमला है

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हरीश साल्वे गौतम अडानी के वकील रह चुके हैं | फाइल फोटो: आजतक

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से गौतम अडानी की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं. लेकिन, अब उनके लिए एक राहत देने वाली खबर आई है. देश के मशहूर वकील हरीश साल्वे ने अडानी का बचाव किया है. साल्वे अडानी के वकील और देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं. उनका कहना है कि कोई भी इस बात से खुश नहीं है कि भारतीय कारोबारी दुनिया में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. 

गुरूवार, 2 फरवरी को इंडिया टुडे के राजदीप सरदेसाई ने हरीश साल्वे से बातचीत की. इस दौरान पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने कहा,

'एक समय था जब हम ब्रिटिश उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित कर रहे थे. अब मैं देख रहा हूं कि ब्रिटिश सरकार ब्रिटेन में निवेश के लिए भारतीयों को लुभा रही है. भारत अपनी पुरानी छवि से बाहर आ गया है और दुनिया में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है. ये बदलाव दुनियाभर में हो रहा है. अब इसके ऐसे नतीजे तो सामने आने ही थे.'

हरीश साल्वे को हिंडनबर्ग की बात क्यों सही नहीं लगती?

हरीश साल्वे को हिंडनबर्ग के आरोप सही नहीं लगते. उन्होंने इंडिया टुडे को इसके पीछे की वजह भी बताई.

बोले,

‘गौतम अडानी की अधिकांश संपत्ति रेग्युलेट है. उनकी (अडानी ग्रुप की) ज्यादातर कंपनियां लिस्टेड हैं, उनके सारे रिकॉर्ड पब्लिक डोमेन में हैं. ऐसे में ये कैसे कहा जा सकता है कि आपने गहराई में जाकर कोई रिसर्च किया और उसमें बहुत कुछ गलत निकला.’

साल्वे के मुताबिक गौतम अडानी पर लगाए गए आरोप भारत और भारतीयों पर एक हमला है. इंडिया टुडे के इंटरव्यू में साल्वे ने ये भी कहा कि आज कोई भी कंपनी या शेल कंपनी ऐसी नहीं है, जो बैलेंस शीट पर ना दिखे. यानी सबका लेखा-जोखा मौजूद होता है.

उनके मुताबिक,

‘ऐसे में अगर किसी लिस्टेड कंपनी की अन्य देशों में सहायक कंपनियां हैं, तो वे सब दिखाई जाती हैं. अगर आज अडानी किसी लिस्टेड कंपनी में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्टॉक को नियंत्रित करते हैं. तो इसका खुलासा उन्हें करना ही होगा. इसलिए इसमें कुछ भी छिपा नहीं है.’

देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल के मुताबिक इस मामले में एक अहम बात ये भी है कि भारत में बैंक तब तक किसी को लोन नहीं देते, जब तक वे उसकी हर बात की गंभीरता से जांच नहीं कर लेते. जाहिर है बैंकों ने अडानी ग्रुप की भी अच्छे से जांच की होगी.

'SEBI को इसमें दखल देना चाहिए'

इंडिया टुडे से बातचीत में हरीश साल्वे ने सुझाव देते हुए ये भी कहा,

'भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को गौतम अडानी से जवाब मांगना चाहिए. 72 घंटों के लिए एजेंसी को अडानी के साथ बैठना चाहिए. इस दौरान उनसे हर एक आरोप पर बात की जाए.'

उन्होंने ये भी कहा कि इसके बाद सेबी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए. साल्वे के मुताबिक सेबी को निवेशकों से कहना चाहिए कि वे घबराएं नहीं, जांच की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट जल्द आएगी. साल्वे के अनुसार सेबी बाजारों को नियंत्रित करने और निवेशकों में विश्वास जगाने के लिए है.

गौतम अडानी को हिंडनबर्ग ने कैसे फंसाया?

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई, जो अभी भी जारी है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट के जरिए जनता को गुमराह किया गया है.

अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा कदम उठाया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक RBI ने देश की सभी बैंकों को निर्देश जारी कर अडानी ग्रुप को दिए लोन की जानकारी मांगी है.

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