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ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों ने तिरंगा लहरा रहे भारतीयों को पीटा

खालिस्तान समर्थकों ने मेलबर्न में जनमत संग्रह का आयोजन किया था.

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खालिस्तान समर्थकों के हमले की तस्वीर (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट)

ऑस्ट्रेलिया में भारत का तिरंगा लिए कुछ लोगों के साथ मारपीट का एक वीडियो सामने आया है. हमला करने वाले खालिस्तानी समर्थक हैं और उन्होंने 'खालिस्तान' का झंडा ले रखा है. खालिस्तानी समर्थकों के हमले की ये घटना ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्क्वायर की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खालिस्तान समर्थित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने 29 जनवरी को खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करवाने की घोषणा की थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खालिस्तान समर्थकों के इस हमले में पांच लोग घायल हुए हैं. एक युवक को अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया. बताया जा रहा है कि तिरंगा लिए भारतीयों ने खालिस्तान समर्थकों के जनमत संग्रह का विरोध किया था. इसके बाद ही मारपीट शुरू हुई. हमला करने वालों ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए.

BJP नेता मनजिंदर सिंह सिरसा हमले का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, 

"ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों के इस भारत विरोधी गतिविधि का निंदा करता हूं. इस तरह के असामाजिक लोग देश की शांति और सद्भावना को बिगाड़ना चाहते हैं. इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. और दोषियों के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए."

हाल में खालिस्तान समर्थकों ने कई बार हिंदू मंदिरों पर भी हमले किए हैं. 17 जनवरी को मेलबर्न के स्वामीनारायण मंदिर पर हमला किया गया था. मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में नारे भी लिखे गए थे. इससे पहले विक्टोरिया में भी मंदिरों पर हमले हुए थे.

पिछले कुछ समय से खालिस्तान समर्थक अलग-अलग देशों में जनमत संग्रह कराने की कोशिश करते रहे हैं. इस कोशिश में सिख फॉर जस्टिस का बड़ा हाथ रहा है. संगठन के संस्थापक गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने मेलबर्न में 25 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उस दौरान पन्नू ने कहा था कि भारत सरकार सिखों के लिए अलग राज्य की मांग को "अपराध" बताने की कोशिश कर रही है. पन्नू मूल रूप से पंजाब के अमृतसर जिले का रहने वाला है. कई सालों से वो देश से बाहर खालिस्तान समर्थकों को जोड़ने की कोशिश में जुटा हुआ है.

गुरपतवंत सिंह पन्नू को जुलाई 2020 में भारत सरकार ने UAPA के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया था. उसके खिलाफ भारत में राजद्रोह सहित कई मामलों में केस दर्ज हैं. 6 जुलाई, 2017 से लेकर 28 अगस्त, 2022 तक आतंकवाद और देशद्रोह सहित विभिन्न धाराओं में कुल 22 मामले दर्ज किए गए. ये सभी मामले सिर्फ पंजाब में दर्ज हैं. साल 2019 में भारत सरकार ने उसके इस संगठन पर बैन लगाया था.

वीडियो: तारीख: स्वर्ण मंदिर में छिपे खालिस्तानी उग्रवादियों का कैसे किया सफ़ाया?