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चीन को उसी की भाषा में जवाब देगा इंडिया! तिब्बत के 30 जगहों का नाम बदलने की तैयारी में भारत सरकार

China के Arunachal Pradesh के कई जगहों के नाम बदलने के जवाब में India ने Tibet के 30 जगहों के नाम बदलने का फैसला किया है.

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चीन ने अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत बताया था. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)

भारत सरकार, चीन (China) के तिब्बत (Tibet) स्वायत्त क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक जगहों के नाम बदलने की योजना बना रही है. मीडिया संस्थान द डिप्लोमैट ने भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि उन्होंने ऐसा एक दस्तावेज देखा है. इस दस्तावेज में उन जगहों की सूची है जिनके नाम बदलने की योजना बन रही है. द डिप्लोमैट के अनुसार, अब जब देश में लोकसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं तो नई सरकार इन जगहों की सूची जल्द ही जारी कर सकती है. कुछ दिनों पहले चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों के नाम बदले थे. भारत सरकार के इस कदम को चीन के ‘नाम-बदलो अभियान’ का जवाब बताया जा रहा है.

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट की मुताबिक, PM मोदी के नेतृत्व वाली नव-निर्वाचित NDA सरकार ने 30 जगहों के नाम बदलने की अनुमति दे दी है. चुने गए नामों पर गहन शोध किया गया है. भारतीय सेना इन जगहों के नाम आधिकारिक रूप से प्रकाशित करेगी. साथ ही इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ अपडेटेड मैप में भी शामिल किया जाएगा.

नामों की इस सूची में विभिन्न भौगोलिक विशेषताएं शामिल हैं. जैसे- आवासीय क्षेत्र, पहाड़, नदियां, झील और पहाड़ी दर्रा. इससे पहले पूर्व खुफिया ब्यूरो अधिकारी बेनू घोष के हवाले से द डिप्लोमैट ने रिपोर्ट किया था कि PM मोदी अपनी मजबूत छवि के बल पर इन चुनावों को जीतना चाहते थे. ये स्वाभाविक है कि वो अपनी छवि को बनाए रखने के लिए तिब्बती स्थानों के नाम बदलने की अनुमति देंगे. भारत के साथ चीन के साथ सीमा मुद्दों पर लंबे समय से नजर रखने वाले घोष ने ये भी कहा कि जब भी नाम बदलने का अभियान शुरू होगा, ये भारत द्वारा तिब्बत पर फिर से सवाल उठाने जैसा होगा.

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भारत के इस कदम के लिए चीन के साथ तनावपूर्ण रिश्तों को कारण बताया जा रहा है. खासकर मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध की शुरुआत के बाद से दोनों देश के बीच तनाव और बढ़ गए हैं. दोनों देशों ने गतिरोध को दूर करने के लिए 21 बार सैन्य वार्ता की है. PM मोदी के तीसरे कार्यकाल में, भारत का लक्ष्य तिब्बत के कब्जे वाले स्थानों को अपना नाम देकर अपने क्षेत्रीय दावों को पुख्ता करना है.

चीन के लगातार दावों के बावजूद, भारत ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है. और कहा है कि ‘मनगढ़ंत’ नाम रखने से तथ्य नहीं बदलेगा. विदेश मंत्रालय ने इस रुख को दोहराया है.

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