गुजरात के साबरकांठा जिले से एक IAS ऑफिसर को बंधक बनाकर पीटने का मामला सामने आया है. IAS नितिन सांगवान मत्स्यपालन विभाग के डायरेक्टर (Director of Fisheries) हैं. सोमवार, 6 मार्च को नितिन धरोई बांध के पास एक गांव में मछली पालन से जुड़े एक प्रोजेक्ट को लेकर अपनी टीम सहित विजिट पर थे. पुलिस के मुताबिक आशंका थी कि एक फिशरी प्रोजेक्ट में कुछ गड़बड़ी चल रही है. इस दौरान उन पर मछली पालन के काम से जुड़े कुछ लोगों ने हमला कर दिया. मामले में FIR दर्ज कर 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि अन्य आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की कोशिश जारी है.
प्रोजेक्ट में गड़बड़ी हुई, जांच को IAS आए, ठेकेदार ने डंडों से पीटा, फिर लिखवाया- कार्रवाई नहीं करोगे
IAS को बांध लिया, कागज पर लिखवाकर साइन करा लिए, तब छोड़ा
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जिले के DSP विशाल वाघेला ने समाचार एजेंसी PTI को जो बताया उसके मुताबिक घटना साबरकांठा जिले के अंबावड़ा गांव की है. ये साबरमती नदी पर बने धरोई बांध के पास है. इलाके के लोग मछली पालन के काम से जुड़े हैं. सरकार भी Cage Culture Fishing यानी की ‘बाड़े में कृत्रिम रूप से मछली पालन’ के प्रोजेक्ट्स के लिए सब्सिडी देती है. नितिन सांगवान और उनकी टीम ऐसे ही एक फिशरी प्रोजेक्ट के निरीक्षण के लिए अंबावड़ा गांव पहुंची थी.
FIR में क्या कहा गया?वडाली पुलिस थाने में दर्ज FIR के मुताबिक, 2016 बैच के IAS ऑफिसर नितिन के साथ पालनपुर के मत्स्यपालन विभाग के एक अधिकारी DN पटेल और कुछ जूनियर स्टाफ था.
DN पटेल की तरफ से दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया कि घटना का मुख्य आरोपी बाबू परमार फिशिंग कॉन्ट्रैक्टर है. और कंठापुरा गांव का रहने वाला है. बाबू को जब लगा कि IAS नितिन सांगवान ने उसकी गड़बड़ी पकड़ ली है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है तो उसने नितिन से बहस शुरू कर दी. और आपा खोकर नितिन के घुटने के पास काट लिया. तभी मौके पर 4 और लोग आए और नितिन के साथ मारपीट शुरू कर दी. इसके बाद नितिन ने 10 से 12 और लोग बुला लिए. ये सब लाठी-डंडे लेकर आए और टीम सहित नितिन को बंधक बना लिया.
इन लोगों ने नितिन से एक पेपर पर साइन करवाया कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. इसके बाद ही नितिन और उनकी टीम को छोड़ा गया. FIR के मुताबिक बाबू परमार और उसके लोगों ने सांगवान और उनकी टीम के लोगों को बांध में फेंकने की धमकी भी दी.
शिकायत के आधार पर वडाली थाने की पुलिस ने बाबू परमार और उसके साथ के करीब 15 लोगों पर IPC की धारा 386 (मौत का डर दिखाकर वसूली करना), धारा 147 (बलवा), 189 (सरकारी कर्मचारी पर हमले की धमकी), धारा 332 (सरकारी कर्मी पर हमला) और धारा 342 (बंदी बनाना) के तहत मामला दर्ज किया है. The Hindu की खबर के मुताबिक इस मामले में अब तक बाबू परमार के 3 साथी दिलीप परमार, नीलेश परमार और विष्णु को गिरफ़्तार किया गया है. बाकी की पहचान की जा रही है.
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