भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (CJI NV Ramana) ने 23 जुलाई को कहा कि देश में बहुत से मीडिया संस्थान उन मुद्दों पर कंगारू कोर्ट चला रहे हैं, जिनके ऊपर फैसला करने में जजों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इस तरह से देश के लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है. CJI झारखंड की राजधानी रांची में स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च में आयोजित एक इवेंट में अपनी बात रख रहे थे. कंगारू कोर्ट का मतलब ऐसी जगह से होता है, जहां कानूनी प्रकिया का पालन किए बिना अपनी मर्जी से किसी भी मुद्दे पर किसी भी तरह का फैसला सुना दिया जाता है. CJI ने कहा,
'एजेंडा डिबेट से लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रही मीडिया नापतौल कर बोले', बोले CJI रमना
CJI एनवी रमना ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की अब कोई जवाबदेही नहीं बची है. सोशल मीडिया की हालत तो और खराब है.
"न्यायपालिका की भूमिका वाले मुद्दों पर गलत जानकारी और एजेंडा से चलने वालीं डिबेट लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रही हैं. मीडिया जिस तरह के पक्षपाती विचार परोस रहा है, उससे लोगों पर असर पड़ रहा है, लोकतंत्र कमजोर हो रहा और व्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है. इस प्रकिया में न्याय देने की व्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है."
CJI ने आगे कहा कि मीडिया अपनी जिम्मेदारियों से भागकर और उल्लंघन कर लोकतंत्र को पीछे धकेल रही है. उन्होंने कहा,
"प्रिंट मीडिया में अभी भी कुछ हद तक जवाबदेही बनी हुई है. वहीं, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अब कोई जवाबदेही नहीं बची है. सोशल मीडिया की हालत तो और खराब है."
CJI एनवी रमना ने मीडिया को सेल्फ रेग्युलेशन की सलाह दी. उन्होंने कहा कि मीडिया को नाप तौलकर शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए और अपनी सीमाओं से बाहर जाकर ऐसी परिस्थितियां नहीं पैदा करनी चाहिए कि या तो सरकार या फिर न्यायपालिका को दखल देने की जरूरत पड़े. उन्होंने कहा कि जज भले ही तुरंत कोई जवाब ना दें, लेकिन इसे उनकी कमजोरी या लाचारी समझने की भूल नहीं करना चाहिए.
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रांची में आयोजित कार्यक्रम के दौरान CJI एनवी रमना ने जजों पर बढ़े शारीरिक हमलों के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि जजों के ऊपर शारीरिक हमले बढ़ रहे हैं. इससे पहले पिछले सप्ताह भी भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने लोकतंत्र को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि विपक्ष की जगह सिकुड़ रही है और ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने ये भी कहा था कि पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मान रहता था, आज राजनीतिक विरोध दुश्मनी में बदल गया है.
वीडियो- CJI NV Ramana ने लोकतंत्र पर जताई चिंता, कहा- राजनीतिक विरोध दुश्मनी में बदल गया