नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल भ्रष्टाचार के एक मामले में बुरा फंस गए हैं. ये मामला योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि योगपीठ से जुड़ा है. मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद माधव 'नेपाल' की सांसदी भी चली गई है. हालांकि, उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से साफ इनकार किया है. उन्होंने केपी शर्मा ओली पर आरोप लगाया कि वह उनसे 'राजनैतिक बदला' ले रहे हैं. पतंजलि योगपीठ ने भी सफाई दी है कि उसने कोई ‘गलत काम नहीं किया है’.
बाबा रामदेव की पतंजलि, नेपाल के पूर्व PM और भ्रष्टाचार केस, एक क्लिक में जानिए क्या है पूरा मामला
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगा है. उन पर भारतीय योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि योगपीठ नेपाल को 15 साल पहले गैर-कानूनी तरीके से ज्यादा जमीन खरीदने की इजाजत देने का इल्जाम है.

बात 15 साल पुरानी है, जब माधव कुमार नेपाल प्रधानमंत्री हुआ करते थे. आरोप है कि उन्होंने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि योगपीठ को कथित तौर पर नियमों से ज्यादा जमीन खरीदने की इजाजत दी थी. यह जमीन जड़ी-बूटियां उगाने, प्रोसेसिंग और अस्पताल बनाने के लिए थी. नेपाल की भ्रष्टाचार रोकने वाली संस्था CIAA ने गुरुवार, 5 जून को काठमांडू की एक स्पेशल कोर्ट में इसे लेकर केस दायर किया था.
CIAA का कहना है कि कावरे जिले की कुछ जमीन को बाद में दूसरी जमीन से बदला गया या उन्हें महंगे दाम पर बेचा गया. इससे सरकार को तगड़ा नुकसान हुआ. संस्था ने कोर्ट से अपील की है कि माधव कुमार नेपाल से 18.5 करोड़ नेपाली रुपये (लगभग 11 करोड़ भारतीय रुपये) का जुर्माना वसूला जाए और 17 साल जेल की सजा सुनाई जाए.
मई 2009 से फरवरी 2011 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे माधव नेपाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री केपी ओली पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके खिलाफ साजिश रची है. नेपाल ने कहा,
ओली मुझे राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहते हैं.
पतंजलि ने भी आरोपों को गलत बताया है. ‘द हिंदू’ के मुताबिक, कंपनी के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने रॉयटर्स को एक टेक्स्ट संदेश में बताया कि पतंजलि ने कोई सरकारी जमीन नहीं खरीदी है. स्थानीय राजनीतिक बदले की कार्रवाई में हमारा नाम घसीटना अनुचित है.
आयोग ने 92 अन्य लोगों पर भी आरोप लगाए हैं, जिनमें कुछ पूर्व मंत्री और अधिकारी शामिल हैं. इनमें से कई लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है.
चार्जशीट में पतंजलि प्रमुख बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का कोई उल्लेख नहीं है. हालांकि, नेपाल के पूर्व कानून मंत्री प्रेम बहादुर सिंह, दिवंगत भूमि सुधार मंत्री डंबर श्रेष्ठ और पूर्व मुख्य सचिव माधव प्रसाद घिमिरे का नाम इसमें शामिल किया गया है.
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