CBSE की अब कौन सी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं ये छात्र?
लिख रहे- हम भी देश के भविष्य हैं.

प्राइवेट छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. (सांकेतिक फोटो- PTI)
कोविड-19 (Covid-19) के चलते इस साल 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं लगभग सभी बोर्ड्स ने रद्द कर दीं. अलग-अलग मार्किंग सिस्टम तैयार किए गए और उसके हिसाब से बच्चों के रिज़ल्ट जारी किए जा रहे हैं. परीक्षा रद्द करने वाले बोर्ड्स में CBSE भी शामिल है. लेकिन CBSE के ही कुछ छात्र हैं, जो अभी भी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक में जा चुके हैं. ये हैं CBSE बोर्ड की प्राइवेट परीक्षा देने वाले छात्र. बता दें कि प्राइवेट स्टूडेंट्स की परीक्षा रद्द नहीं हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की
CBSE की 12वीं की प्राइवेट, कंपार्टमेंट और पत्राचार की परीक्षाएं भी रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगाई गई थी, जिसे 30 जुलाई को कोर्ट ने रद्द कर दिया है. यानी इन छात्रों की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. 22 जून को इस मामले में रिव्यू पिटीशन लगाई गई थी. छात्रों की तरफ से एडवोकेट ममता शर्मा का कहना था कि CBSE को इन छात्रों के लिए भी एक मार्किंग सिस्टम तैयार करके इनके रिज़ल्ट 31 जुलाई तक घोषित कर देने चाहिए ताकि ये आगे की उच्च शिक्षा के लिए अपनी तैयारी कर सकें, समय से कहीं दाखिला ले सकें. फिलहाल इन छात्रों के लिए परीक्षा की तारीख 16 अगस्त से 15 सितंबर तय है. हालांकि मसला कोर्ट में होने के चलते अभी CBSE की तरफ से एग्ज़ाम शेड्यूल जारी नहीं किया गया है. ममता शर्मा ने अदालत में तर्क दिया कि परीक्षा की तारीख़ अगस्त, सितंबर में है. उसके बाद कहीं रिज़ल्ट आएगा. इससे छात्रों का आने वाला एक साल ख़राब हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज की कि इन छात्रों के मूल्यांकन के लिए पिछले मार्क्स का कोई रिकॉर्ड या अन्य मूल्यांकन रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में इनके लिए मार्किंग सिस्टम तैयार करने का कोई आधार नहीं है और इसलिए परीक्षा कराना ज़रूरी है. ट्विटर पर छात्र लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं. एक छात्र ने लिखा कि हम भी देश के भविष्य हैं. परीक्षा लेने की बजाय हमें प्रमोट किया जाए.
छात्र शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को टैग करके अपनी बात रख रहे हैं. कह रहे हैं कि हमारे बारे में भी सोचिए.
लोग महामारी के बीच में इसे एक तार्किक मांग बता रहे हैं.
वहीं सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि CBSE जल्दी परीक्षा कराके परिणाम घोषित करे ताकि छात्र आगे की तैयारी कर सकें.