युद्ध के मुहाने पर खड़े भारत और पाकिस्तान पर अमेरिका का बयान आया है. अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वैंस ने दोनों देशों से शांति की अपील की है. लेकिन साथ ही दक्षिण एशिया के इस संकट से हाथ खींचने के संकेत भी दे दिए हैं. वैंस ने परमाणु संघर्ष को लेकर भी महत्वपूर्ण बात की है. उन्होंने कहा-
भारत-पाकिस्तान संघर्ष से US ने हाथ खींचे, लेकिन परमाणु युद्ध को लेकर बड़ी बात कह दी
अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने भारत-पाकिस्तान के मौजूदा संकट पर बयान दिया है. उन्होंने दोनों देशों से हालात सामान्य करने की अपील है.

“हम दोनों देशों से यह आग्रह कर रहें है कि थोड़ा तनाव कम करें. लेकिन हम इस युद्ध में शामिल नहीं होंगे. सैद्धांतिक तौर पर यह हमारी सीधी ज़िम्मेदारी नहीं है. अमेरिका भारत को यह नहीं कह सकता कि वह हथियार डाल दे. हम पाकिस्तान को भी ऐसा नहीं कह सकते. इसलिए हम इस मुद्दे को कूटनीतिक रास्तों से सुलझाने की कोशिश करते रहेंगे.
हम उम्मीद करते हैं कि हालात परमाणु संघर्ष की ओर न बढ़े."
वैंस ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया है कि फिलहाल अमेरिका भारत-पाकिस्तान के इस संघर्ष में दखल नहीं देगा.
इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान का भी बयान आया है. उन्होंने पाकिस्तान की तरफदारी करते हुए दोनों देशों से शांति की अपील की है. एर्दोगान ने कहा-
“हम जम्मू-कश्मीर में हुए भयावह आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय जांच कराने के प्रस्ताव को महत्वपूर्ण मानते हैं. हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि हालात ऐसे मोड़ पर न पहुंचें जहां वापसी मुश्किल हो जाए — इसलिए हम तनाव कम करने और संवाद के रास्ते खोलने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.”
हालांकि, तुर्की अपने बयानों में इससे पहले पाकिस्तान का समर्थन कर चुका है. साथ ही, तुर्की ने पाकिस्तान को मदद की भी पेशकश की है.
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