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बुराड़ी केस : क्या ललित ने 5 साल पहले ही रजिस्टर में लिख दी थी 11 लोगों की मौत की तारीख?

रजिस्टर के कुछ और पन्ने सामने आए हैं, जिनमें चौंकाने वाली बातें लिखी हैं.

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बुराड़ी केस में करीब 20 रजिस्टर मिले हैं.
बुराड़ी में भाटिया परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले का पूरा खुलासा अभी नहीं हुआ है. लेकिन जांच में जो बातें सामने आ रही हैं उनसे मामला धार्मिक अंधविश्वास का ही लग रहा है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक ललित भाटिया तंत्र-मंत्र में विश्वास करता था. वो कहता था कि मृत पिता आकर निर्देश देते हैं. वो इन निर्देशों को रजिस्टरों में लिखता था. घर में करीब 20 रजिस्टर मिले हैं. इन रजिस्टरों में जो बातें लिखी हैं वो बहुत अजीब सी हैं. साथ ही पड़ोस के बच्चों ने बताया कि घर के बच्चे जिक्र करते थे कि ललित अंकल में दादाजी आते हैं.
ललित के पिता भोपाल सिंह जिनकी 2007 में मौत हो गई.
ललित के पिता भोपाल सिंह जिनकी 2007 में मौत हो गई.

परिवार के दो करीबी लोग भी सामने आए हैं. परिवार के बहनोई अर्जुन ठकराल ने बताया कि एक हादसे में ललित की आवाज चली गई थी. इसके बाद उसके पिता की मौत हो गई. इन दोनों बातों से उसे गहरा सदमा लगा था. लेकिन कुछ महीनों बाद उसकी आवाज वापस आ गई थी. इसको ललित ने भगवान का चमत्कार बताया. इसके बाद परिवार का भक्तिभाव भी थोड़ा बढ़ गया था. हो सकता है कि इसी के चलते पूरा परिवार अंधविश्वासी हो गया हो.
नवनीत बत्रा जो भाटिया परिवार को करीब 25 साल से जानते हैं. उन्होंने बताया कि परिवार धार्मिक प्रवृति का जरूर था, लेकिन अंधविश्वासी जैसी बात होने का पता नहीं है. लेकिन अब रजिस्टर में ऐसी बातें लिखीं मिली हैं तो वो खुद भी हैरान हैं.
साथ ही एक सीसीटीवी फुटेज सामने आई है, जिसमें 30 जून को ललित का बड़ा भाई भूपेश मंदिर जाते हुए दिखाई दे रहा है. मंदिर के पुजारियों ने बताया की भूपेश रोज यहां आता था जबकि छोटा भाई ललित मंगलवार और शनिवार को यहां आता था. पूरा परिवार धार्मिक प्रवृति का था.
रजिस्टर्स में क्या है?
घर से बरामद हुए रजिस्टर्स के कुछ पन्ने मिले हैं जिनमें अजीब बातें लिखी हुई हैं. ललित के लिए कीवर्ड LT का इस्तेमाल हुआ है. इस रजिस्टर में रावतभाटा सीक्रेट और पानीपत सीक्रेट का अलग से पेज है. गौरतलब है कि परिवार का बड़ा बेटा दिनेश राजस्थान के रावतभाटा में और बेटी पानीपत में रहती है. कुछ सबूतों को देखकर लगता है कि ये रजिस्टर्स 2007 से लिखे जा रहे थे. 2007 में ही ललित के पिता की मौत हुई थी. करीब 200 पेज लिखे हुए हैं.
रजिस्टर का एक पन्ना.
रजिस्टर का एक पन्ना.

27 मई 2013 की डेट डालकर लिखे पन्ने में लिखा है - 'स्थान दिल्ली, ध्यान रखो अपनी गलती को सुन कर मन छोटा ना करो. जो गलती की है वो गलती स्वीकार कर आगे बढ़ो वर्तमान की बात करो. भविष्य अपने पास से अच्छा बनेगा. आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना तो एकजुट होकर किया जा सकता है. प्राप्ति इस पर निर्भर करती है कि तुम उसे किस तरह संभालने लायक हो. तुम्हारी उपलब्धि स्वयं है वो तुमसे दूर नहीं हो सकती. गलतियों से सुबह चिंतक होकर करो. समय बीत गया है.'
इस पन्ने में परिक्रमा के बारे में जिक्र है.
इस पन्ने में परिक्रमा के बारे में जिक्र है.

21 अक्टूबर 2013 की तारीख से लिखे पेज में कुछ चौंकाने वाली जानकारियां हैं. इसमें लिखा है - '5 वर्ष जो मिले हैं, उसका प्रथम वर्ष का आह्वान वर्ष का प्रथम एवं अंतिम सामूहिक आह्वान. आज मेरे जाने के बाद साधारण रोशनी में परिक्रमा करना. इसके बाद प्रथम से लेकर पांचवी तक हर एक को 25 मिनट परिक्रमा. आज का समय विशेष रावतभाटा पानीपत के लिए. मेरे जाने के बाद सो जाना चर्चा न करना. सावधानी का ध्यान रखना. मैंने कहा था मैं गलती बताने आऊंगा पर इसका मतलब यह नहीं कि तुम अच्छा काम नहीं करते थे पर अच्छा काम मे जो रुकावट आ रही है. वही दूर करने आऊंगा.'
रजिस्टर का आखिरी पन्ना.
रजिस्टर का आखिरी पन्ना.

रजिस्टर के आखिरी पन्ने पर सजा का जिक्र है. इसमें अनुष्ठान और टाइम टेबल लिखा हुआ है. टाइम टेबल में बुधवार और रविवार की एक टेबल बनी हुई है. इसमें रविवार के दिन को कलियुग बताया गया है. लिखा है - 'रविवार को सजा होगी. नवंबर माह से शुरू. 2014 दिसंबर माह से बुधवार पूरा वर्ष सजा बाधा आने पर अगले वर्ष में गिनती या अगले वर्ष में पूर्ण करना है.'
इन सब बातों का क्या अर्थ है ये सब तो जांच पूरी होने पर ही पता चल पाएगा. वैसे भी इन रजिस्टरों में जो लिखा है, उसे समझना काफी मुश्किल है. उधर, मृतक प्रियंका के मंगेतर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि प्रियंका अंधविश्वासी थी या तंत्र-मंत्र पर भरोसा करती थी. लेकिन सच जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.


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