बचपन में कछुए और खरगोश की कहानी सुनी थी कि कैसे दोनों में रेस होती है और इसमें खरगोश ओवर कॉन्फिडेंस के चलते हार गया था. अब तक तो ये कहानी (The Tortoise And The Hare) ही थी लेकिन अब इसका एक जीता जागता उदाहरण देखने को मिला है. मामला मध्य प्रदेश से सामने आया. यहां वनरक्षक की भर्ती के लिए दौड़ हुई. इसमें एक छात्र के साथ खरगोश (Boy Failed In Forest Guard Recruitment Race As Stopped For Rest) जैसा ही मामला हो गया.
भर्ती की दौड़ में सबसे आगे था, बीच रास्ते सुस्ताया, नींद टूटी तो रेस खत्म हो गई!
अब बहुत दुख हो रहा है

बात खंडवा की. यहां वनरक्षक भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट हो रहा था. प्रतिभागियों को 4 घंटे में 24 किलोमीटर की दौड़ करनी थी. एक साथ 61 कैंडिडेट दौड़े. इनमें पहाड़ सिंह नाम का एक कैंडिडेट था. डबरा से आया था. पहाड़ सिंह ने 3 घंटे में ही 21 किलोमीटर की दौड़ पूरी कर ली. थक गया. पीछे देखा तो दूर-दूर तक कोई नहीं था. सोचा कि थोड़ी देर आराम कर लेता हूं. आराम करने बैठा कि आंख लग गई. बाकियों ने रेस पूरी कर ली और वो सोता रहा.
बाद में जब अधिकारियों ने प्रतिभागियों को गिना तो एक कम निकला. वे खोजने गए तो पहाड़ सड़क किनारे सो रहा था. आलस के चलते वो सबसे तेज धावक होने के बाद भी भर्ती से बाहर हो गया. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले को लेकर पहाड़ सिंह बहुत दुखी है. उसने बताया कि एक साल से दौड़ की तैयारी कर रहा था. तेज दौड़ रहा था. इसके चलते थकान हो गई और छाले भी हो गए. इसलिए बैठा कि नींद लग गई. इस बात का दुख है कि मैं जीतते-जीतते हार गया.'
ये खबर काफी वायरल है और लोग इसे लेकर अलग-अलग कमेंट कर रहे हैं. वैसे आपका इस पूरे मामले पर क्या मानना है? हमें कॉमेंट करके बताइए और ऐसी ही वायरल खबरों के लिए पढ़ते रहिए द लल्लनटॉप.
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