पंजाब पुलिस की ‘खालिस्तानी’ अमृतपाल सिंह को पकड़ने की कोशिश जारी है. रविवार, 19 मार्च को पुलिस ने अमृतपाल सिंह की आखिरी लोकेशन के बारे में जानकारी दी थी. उसने अमृतपाल सिंह के घर पर तलाशी भी ली. इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई. पुलिस ने बताया है कि अमृतपाल सिंह खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) की तर्ज पर खुद की एक ‘सेना’ तैयार करने की योजना बना रहा था.
नशेड़ियों को लेकर 'सेना' बना रहा था अमृतपाल सिंह, नाम भी पता चला
अमृतपाल सिंह युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें 'खड़कू' बनाने में लगा था.
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इंडिया टुडे में छपी मंजीत सहगल की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब पुलिस ने जानकारी दी कि अमृतपाल सिंह ‘आनंदपुर खालसा फोर्ट’ (AKF) नाम की सेना बनाने की कोशिश कर रहा था. इसे भिंडरावाले की KTF की तर्ज पर बनाने की योजना थी. अमृतपाल सिंह और उसके साथियों/समर्थकों पर कार्रवाई के दौरान पुलिस को कई जैकेट बरामद हुई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इन जैकेट पर AKF का लोगो छपा हुआ है. जल्लूपुर खेड़ा में अमृतपाल के पैतृक घर की तलाशी के दौरान पता चला कि उसने घर के मेन गेट के पीछे बनी दीवार पर भी AKF का लोगो छपवा रखा है.
पुलिस ने अमृतपाल सिंह के एक गैर पंजीकृत नशा मुक्ति केंद्र को भी बंद कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक उसके पिता तरसेम सिंह ने बताया कि पुलिस ने लगभग 70-80 नशेड़ियों को गांव छोड़ने के लिए भी कहा है. सूत्रों से इंडिया टुडे को पता चला कि अमृतपाल सिंह इन्हीं लोगों को अपनी सेना में शामिल होने के लिए कहता था. इनमें से कई, जो बाद में अमृतपाल के सहयोगी बने, ड्रग एडिक्ट और पेडलर थे.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि अमृतपाल कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और विदेशों में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों के इशारे पर पिछले साल दुबई से लौटा था. रिपोर्ट में लिखा है कि वो मुख्य रूप से ‘खड़कू’ यानी मानव बम बनने के लिए युवाओं का ब्रेनवॉश करने में लगा हुआ था.
पिता का दावा, अमृतपाल गिरफ्तारइधर, अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने इंडिया टुडे से बात करते हुए बताया कि पुलिस ने उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इसका खुलासा नहीं किया है. उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके बेटे को जल्लूपुर खेड़ा से गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. तरसेम सिंह ने आगे बताया,
“मेरा बेटा ISI एजेंट नहीं है. वह सिर्फ धर्म का प्रचार कर रहा था और लोगों को ड्रग्स छोड़ने में मदद कर रहा था. पुलिस ने ड्रग तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन जो व्यक्ति लोगों को ड्रग्स के जाल में फंसने से बचा रहा था उसे परेशान किया जा रहा है.”
रिपोर्ट के मुताबिक तरसेम और उनके परिवार को डर है कि अमृतपाल सिंह को मुठभेड़ में मारा जा सकता है. परिवार की तरफ से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में 'हेबियस कार्पस' (Habeas Corpus) याचिका दायर की गई है. इस याचिका के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करना होता है.
थाने में किया था बवालखालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने फरवरी महीने में पंजाब के अमृतसर के अजनाला थाने में बड़ा हंगामा किया था. तब से ही अमृतपाल सिंह चर्चा में बना हुआ है. आरोप है कि अमृतपाल सिंह के कई समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों के साथ पुलिस बैरिकेड्स पर हमला किया था और उन्हें तोड़ दिया था.
पुलिस ने अमृतपाल सिंह के दो सहयोगियों लवप्रीत तूफान और बलदेव सिंह को किडनैप और हमले के केस में गिरफ्तार किया था. पुलिस थाने में ‘हिंसा’ करने वाले लोग इसका विरोध कर रहे थे. इस भीड़ में अमृतपाल सिंह भी शामिल था.
वीडियो: अमृतपाल सिंह की लास्ट लोकेशन पता चली, पंजाब पुलिस घर पहुंची तो पिता ने क्या बताया?