पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ (Shehbaz Sharif) भारत के साथ ‘भारत के ही तरीके’ से बात करना चाहते हैं. उन्होंने सभी विवादों पर शांति वार्ता की इच्छा जताई है. इन मुद्दों में कश्मीर, आतंकवाद, जल बंटवारा और ट्रेड शामिल हैं. शहबाज शरीफ ने कहा है कि अगर भारत शांति के प्रस्ताव को मानता है, तो हम दिखा देंगे कि हम भी असल में शांति चाहते हैं.
ढीले पड़े शहबाज शरीफ के तेवर, कश्मीर से लेकर पानी तक पर 'भारत के तरीके' से बात करना चाहते हैं
पहलगाम आतंकवादी हमले और उसके जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. हालांकि, तीन दिन के सैन्य संघर्ष के बाद में दोनों देशों के बीच सीज़फ़ायर की सहमति बन गई थी. इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से बार-बार बातचीत के संकेत दिए गए हैं. इसी सिलसिले में पीएम शहबाज़ शरीफ़ का ये बयान आया है.

पहलगाम आतंकवादी हमले और उसके जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. हालांकि, तीन दिन के सैन्य संघर्ष के बाद में दोनों देशों के बीच सीज़फ़ायर की सहमति बन गई थी. इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से बार-बार बातचीत के संकेत दिए गए हैं. इसी सिलसिले में पीएम शहबाज़ शरीफ़ का ये बयान आया है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इस वक्त चार देशों तुर्की, ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान की यात्रा पर हैं. उनका दौरा 25 मई से 30 मई तक चलेगा. इसी क्रम में वो ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचे. उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ़्रेंस की. इस दौरान शहबाज़ बोले,
हम कश्मीर मुद्दे और पानी के मुद्दे समेत सभी विवादों को बातचीत के ज़रिए सुलझाना चाहते हैं. ट्रेड और काउंटर-टेररिज्म जैसे मुद्दों पर भी अपने पड़ोसी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
हालांकि, शहबाज़ ने साथ में धमकी भी दी कि अगर भारत युद्ध का रास्ता अपनाता है, तो पाकिस्तान जवाब देगा. उन्होंने कहा,
लेकिन अगर वो आक्रामक बने रहना चाहते हैं, तो हम अपने क्षेत्र की रक्षा करेंगे. जैसा कि हमने कुछ दिन पहले किया था.
शहबाज़ आगे बोले,
लेकिन अगर वो शांति के मेरे प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो हम दिखा देंगे कि हम वास्तव में शांति चाहते हैं. हम गंभीरता और ईमानदारी से शांति चाहते हैं.
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हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत PoK की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे तक ही सीमित रहेगी. उन्होंने एक बयान में कहा,
आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं हो सकते. आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं हो सकते. खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते. मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताना चाहता हूं कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होगी, तो वो सिर्फ़ आतंकवाद और PoK पर होगी.
भारत ने ये भी स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच कोई भी वार्ता द्विपक्षीय ही रहेगी. इसमें किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी नहीं होगी.
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