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मणिपुर हिंसा: SC ने सरकार-पुलिस को झंझोड़ दिया, DGP तलब, CJI बोले- 'जांच करने में सक्षम नहीं'

"अगर कानूनी मशीनरी लोगों की रक्षा नहीं कर सकती है, तो नागरिकों का क्या होगा?"

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मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बार फिर टिप्पणी की कि जांच में प्रगति की कमी के कारण काफी समय बीत जाने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. (फोटो- PTI)

मणिपुर में हो रही हिंसा और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने एन बीरेन सिंह की सरकार और राज्य पुलिस को खूब खरी-खोटी सुनाई है. मंगलवार, 1 अगस्त, को सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर मणिपुर को लेकर सुनवाई हुई. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में हुई इस सुनवाई में शीर्ष अदालत ने मणिपुर मामले की जांच की ‘सुस्त गति’ पर गंभीर चिंता व्यक्त की और राज्य के DGP को पेश होने का आदेश भी जारी किया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच की सुस्त रफ्तार के चलते यौन हिंसा मामले में काफी समय तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. इंडिया टुडे से जुड़ीं अनीशा माथुर की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर मामले पर बोलते हुए कहा,

"मामले की जांच सुस्त गति से चल रही है. राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति ने संवैधानिक व्यवस्था के कामकाज पर सवाल उठा दिए हैं."

इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य के DGP राजीव सिंह को 7 अगस्त को दोपहर 2 बजे व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा.

सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि मणिपुर पुलिस इस मामले में जांच करने में सक्षम नहीं है. कोर्ट ने ये भी सवाल किया कि 6 हजार से ज्यादा FIR रजिस्टर होने के बावजूद इतनी कम गिरफ्तारियां क्यों हुई हैं? अदालत ने कहा,

“राज्य पुलिस जांच करने में असमर्थ है. उन्होंने नियंत्रण खो दिया है. राज्य में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है. अगर कानूनी मशीनरी लोगों की रक्षा नहीं कर सकती है, तो नागरिकों का क्या होगा?”

इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि मणिपुर हिंसा को लेकर अब तक 6 हजार 523 FIR दर्ज की जा चुकी हैं. 252 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 11 FIR महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुए अपराध से संबंधित हैं.

CBI करेगी मणिपुर वायरल वीडियो मामले की जांच

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मणिपुर यौन हिंसा मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में मणिपुर पुलिस ने जो केस दर्ज किया था, CBI ने उसे रजिस्टर किया है. राज्य की तरफ से CBI को बताया गया है कि इस मामले में अब तक 7 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जिस मोबाइल से वीडियो शूट किया गया था, उसे भी बरामद कर लिया गया है. जितने भी आरोपी पकड़े गए हैं, अब CBI उनकी कस्टडी लेकर उनसे पूछताछ करेगी. जांच एजेंसी पीड़ित महिलाओं के बयान भी दर्ज करेगी.

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