साउथ अफ्रीका (South Africa) ने आखिरकार चोकर्स से चैंपियन्स तक का सफर तय कर लिया! प्रोटियास ने ICC ट्रॉफी जीतने का 27 साल का इंतजार खत्म कर लिया है. लॉर्ड्स में खेले गए WTC फाइनल में टीम ने गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया (Australia) को 5 विकेट से हराकर टेस्ट मेस को जीत लिया है. अंतिम बार टीम ने 1998 में ICC नॉकआउट ट्रॉफी जीती थी. तब चैंपियंस ट्रॉफी इसी नाम से जानी जाती थी. लेकिन, उसका फॉर्मेट अलग था. तब से ये टीम ICC टूर्नामेंट्स में डोमिनेट करती रही, लेकिन कभी चैंपियन नहीं बन सकी थी.
बावुमा ने साउथ अफ्रीका के लिए वो कर दिखाया जो स्मिथ, डी विलियर्स और पॉलक भी नहीं कर सके!
साउथ अफ्रीकन टीम में कई दिग्गज आए और चले गए. लेकिन, अब कप्तान Temba Bavuma की अगुवाई वाली टीम ने वो कर दिखाया है, जो कभी Graeme Smith, Shaun Pollock नहीं कर सके. AB De Viliers, Jacques Kallis, Allan Donald, Garry Kirsten सब आए खेले और रिटायर हो गए.

साउथ अफ्रीकन टीम में कई दिग्गज आए और चले गए. लेकिन, अब कप्तान तेंबा बावुमा (Temba Bavuma) की अगुवाई वाली टीम ने वो कर दिखाया है, जो कभी ग्रीम स्मिथ (Graeme Smith), शॉन पॉलक (Shaun Pollock) नहीं कर सके. एबी डी विलियर्स (AB De Viliers) , जैक्स कैलिस (Jacques Kallis), एलन डोनाल्ड (Allan Donald), गैरी कर्स्टन (Garry Kirsten) सब आए खेले और रिटायर हो गए.
इनके करियर पर गौर करें तो ग्रीम स्मिथ ने 2003 से 2014 तक टीम की कप्तानी की. बतौर कप्तान टेस्ट में 117 मैच खेले और 60 जीते, पर वह कभी ICC ट्रॉफी नहीं जीत सके. शॉन पॉलक भी तीन साल टीम के कप्तान रहे. अपने 13 साल के लंबे करियर में टेस्ट में 421 और वनडे में 393 विकेट चटकाए.
जैक्स कैलिस तो अब तक के सबसे सफल ऑलराउंडर हुए. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 13289 रन के साथ-साथ 292 विकेट हैं. एबी डी विलियर्स के नाम भी टेस्ट में 8765, वनडे में 9577 रन हैं, लेकिन इन सभी की ट्रॉफी कैबिनेट अब तक खाली ही थी.
इस मुकाबले से पहले साउथ अफ्रीकन टीम के साथ एक तमगा लगा था. चोकर्स यानी ऐसी टीम जो नॉकआउट स्टेज या यूं कहें मुश्किल परिस्थितियों में चोक कर जाए. लेकिन, कैप्टन बावुमा ने एडेन मार्करम (Aiden Markram) के साथ 147 रनों की ऐतिहासिक पार्टनरशिप कर टीम के नाम से ये तमगा हटा दिया है.
अगर हम उन हार्टब्रेक्स को याद करें तो वो लिस्ट बहुत लंबी है. 1991 में क्रिकेट में वापसी के बाद से साउथ अफ्रीकन टीम बहुत अनलकी रही है. 1992 में डीएलएस से मिली हार से ये सफर शुरू हुआ था. वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को 13 बॉल्स पर 22 रन चाहिए थे. लेकिन, बारिश हुई और टारगेट रिवाइज्ड हो गया. टीम को अब इस टारगेट को पाने के लिए 1 बॉल मिला और वो मैच 19 रन से हार गए.
इसके बाद आया साल 1999. वर्ल्ड कप का एक और सेमीफाइनल मुकाबला. एजबैस्टन में हुए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 213 रन बनाए. टारगेट को चेज करते हुए साउथ अफ्रीका ने 9 विकेट पर 213 रन बना लिए. 3 बॉल्स पर अब सिर्फ 1 रन बनाना था. तभी लांस क्लूजनर रन आउट हो गए. नतीजा ये हुआ कि सुपर 6 में ऊपर होने के कारण ऑस्ट्रेलिया फाइनल में चली गई.
2003 वर्ल्ड कप में होस्ट होने के बावजूद साउथ अफ्रीकी टीम फर्स्ट राउंड में ही बाहर हो गई. 2015 वर्ल्ड कप में एक बार फिर साउथ अफ्रीका सेमीफाइनल में पहुंची. ऑकलैंड में हुए मुकाबले में लेकिन उन्हें होस्ट न्यूजीलैंड ने 4 विकेट से हरा दिया. वर्ल्ड कप के नॉकआउट मुकाबलों में हार का सफर पिछले साल 29 जून को बारबाडोस तक जारी रहा था. जब इंडियन टीम ने टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में हारा हुआ मैच अंत में जीत लिया था.
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इन सारे हार्टब्रेक्स को भुलाकर अब साउथ अफ्रीका सिर्फ एक तारीख को याद रखना चाहेगी. 14 जून, 2025. जब सामने मिचेल स्टार्क, पैट कमिन्स और हेज़लवुड की तिकड़ी थी. बोर्ड पर 282 रन का टारगेट. और सारे ऑड्स खिलाफ होने के बावजूद रेनबो नेशन ने अंतत: ट्रॉफी तक वो जादूई सफर तय कर ही लिया. लेकिन, उनकी इस ऐतिहासिक जीत की पटकथा जैसे लिखी गई, वो भी वर्षों तक याद रखी जाएगी.
हालांकि, तेंबा बावुमा के लिए इस जीत का सफर आसान नहीं रहा है. 2023 वनडे वर्ल्ड कप के दौरान जब उनकी अगुवाई में साउथ अफ्रीका सेमीफाइनल में हार गई थी. तब उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. लोगों ने उनकी कप्तानी तक पर सवाल उठाया था. लेकिन, बावुमा ने इस साइकिल में लगातार मैच जीतकर न सिर्फ टीम को फाइनल में पहुंचाया. बल्कि टीम को चैंपियन भी बना दिया.
मैच में पहली इनिंग में ऑस्ट्रेलिया को 212 रन पर रोकने के बावजूद साउथ अफ्रीका 74 रन से पिछड़ गई. बॉलर्स ने दूसरी इनिंग में फिर कमाल दिखाया और ऑस्ट्रेलिया के 73 रन पर ही 7 विकेट चटका दिए. लेकिन, अंतिम 3 विकेट के लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा. जो ऑस्ट्रेलियन टीम 100 तक पहुंचती नहीं दिख रही थी, उसने 207 रन बना लिए. साउथ अफ्रीका को 282 रनों का टारगेट मिला. वो भी उस पिच पर जहां उन्होंने पहली इनिंग में सिर्फ 138 बनाए थे. पर तेंबा बावुमा की ये टीम इतिहास को ही तो पीछे छोड़ने उतरी थी.
टीम ने 70 रन पर ही दो विकेट गंवा दिया. लेकिन, इसके बाद कप्तान बावुमा ने मार्करम के साथ 147 रनों की ऐतिहासिक साझेदारी कर मैच का रुख पलट दिया. मार्करम ने 136 रनों की यादगार इनिंग खेली और बावुमा ने 66 रन बनाए. और पहाड़ जैसे दिख रहे टोटल को साउथ अफ्रीका ने 5 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया. इस मैच के कई नायक रहे. लेकिन, असली हीरो वो टीम रही, जिसने उन करोड़ों साउथ अफ्रीकन फैन्स के उस सपने को सच कर दिया जो 27 साल से इस दिन का इंतजार कर रहे थे.
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