एक बार फिर से मिडिल ईस्ट में तनाव (Middle East Tension) बढ़ता नज़र आ रहा है. 13 जून को इज़रायल (Israel) ने ईरान (Iran) पर एयरस्टाइक की. इसे उसने ‘Operation Rising Lion’ का नाम दिया है. इज़रायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर अटैक किया है. एयरस्टाइक के बाद ईरान की राजधानी तेहरान के नॉर्थ-ईस्ट में विस्फोटों की आवाज़ सुनाई दी. अमेरिका ने इज़रायल के हमलों से किनारा किया है. उधर, ईरान ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया है. सभी एयरपोर्ट्स पर उड़ानें सस्पेंड कर दी गई हैं. हमले में ईरान के टॉप मिलिट्री अधिकारियों की मौत की ख़बर है.
इजरायल का ईरान पर बड़ा अटैक, दर्जनों मिलिट्री-न्यूक्लियर ठिकाने तबाह, कमांडर हुसैन सलामी की मौत
Middle East Tension: ईरान के सरकारी मीडिया ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर Hossein Salami की मौत की पुष्टि की है. इसके अलावा ईरान के सैन्य प्रमुख मोहम्मद बाघेरी, परमाणु ऊर्जा संगठन के पूर्व प्रमुख फेरीदून अब्बासी और सेना के अन्य टॉप अधिकारियों के भी हमलों में मारे जाने का दावा किया गया है.

टाइम्स ऑफ इज़रायल के मुताबिक, ईरान के सरकारी मीडिया ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर हुसैन सलामी की मौत की पुष्टि की है. इसके अलावा ईरान के सैन्य प्रमुख मोहम्मद बाघेरी, परमाणु ऊर्जा संगठन के पूर्व प्रमुख फेरीदून अब्बासी और सेना के अन्य टॉप अधिकारियों के भी हमलों में मारे जाने का दावा किया गया है. हमले के बाद तेहरान में इमारतों से धुआं उठता दिखा. इमारतों से आग उठती दिखी.
इज़रायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि उन्होंने ईरान के खिलाफ एक बड़ी सैन्य कार्रवाई की है. उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा,
IDF के दर्जनों लड़ाकू विमानों ने ईरान के कई सैन्य ठिकानों और परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों पर हमला किया है. यह हमला पहले से तैयारी करके और सटीक तरीके से किया गया है, जिससे ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोका जा सके.
इजरायल का कहना है,
ईरान पहले से कहीं ज़्यादा न्यूक्लियर हथियार बना रहा है. अगर ईरान के पास न्यूक्लियर हथियार आ जाते हैं तो वह इजरायल और पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा ख़तरा होगा. इसलिए इजरायल को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह हमला करना ज़रूरी था. अगर आगे भी ज़रूरत पड़ी तो हम फिर ऐसा करेंगे.
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में कहा,
हमने ईरानी बम बनाने पर काम कर रहे प्रमुख ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया. इज़रायली पायलट सक्रिय रूप से ईरान में कई साइटों को निशाना बना रहे हैं.
नेतन्याहू ने आगे कहा कि वो राष्ट्रपति ट्रंप को उनके नेतृत्व और ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सामना करने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं. ईरान 3 साल के भीतर 10,000 बैलिस्टिक मिसाइलों का उत्पादन करने की तैयारी कर रहा है. कल्पना कीजिए कि न्यू जर्सी के आकार के देश पर 10,000 टन विस्फोटक गिरे. यह एक असहनीय खतरा है. इसे भी रोका जाना चाहिए.
पूरे घटनाक्रम पर अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो का बयान सामने आया है. मार्को रुबियो ने कहा,
आज रात इजरायल ने ईरान के खिलाफ़ एकतरफ़ा कार्रवाई की. हम ईरान के खिलाफ़ हमलों में शामिल नहीं हैं. हमारी प्राथमिकता अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है. इजरायल ने हमें बताया कि उनकी यह कार्रवाई आत्मरक्षा के लिए ज़रूरी थी.
उन्होंने आगे कहा,
राष्ट्रपति ट्रंप और प्रशासन ने हमारी सेना की सुरक्षा के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाए हैं. मिडिल ईस्ट में हमारे भागीदारों के साथ संपर्क में हैं. मैं साफ कर दूं कि ईरान को अमेरिकी हितों या उसके लोगों को निशाना नहीं बनाना चाहिए.

उधर, इजरायल में इमरजेंसी के एलान के साथ पूरे इज़रायल में सायरन बज रहे हैं. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमलों के दौरान अपने डिफेंस कैबिनेट की तुरंत बैठक बुलाई.
ईरान के सरकारी अख़बार नूर न्यूज ने पुष्टि की कि शुक्रवार सुबह तेहरान के नॉर्थ-ईस्ट में विस्फोट की सूचना मिली. ईरान के सरकारी TV ने बताया है कि इज़रायल के साथ बढ़ते तनाव के बाद देश का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह अलर्ट पर है.

सीएनएन के अनुसार, बढ़ते हालात के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप भी कैबिनेट स्तर की बैठक बुला रहे हैं. यह ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका और ईरानी अधिकारी रविवार को ओमान में तेहरान के बढ़ते यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम पर छठे दौर की वार्ता करने वाले थे.
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