
अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ में पत्रकारिता की शुरुआत की और वहीं से बाद में लंबे समय तक सांसद रहे.
इसी दौर का एक किस्सा सुनाते हुए पवनपुत्र बताते हैं कि अटलजी ने एक दिन तत्कालीन कार्यालय प्रमुख जगदंबा प्रसाद से पांच रुपये मांगे. उन्होंने तल्ख नजरों से देखा और पूछा- 'क्या करोगे पांच रुपये का?' अटल जी ने उन्हें अपनी टूटी चप्पल दिखा दी. बस फिर क्या था, रुपये मिल गए. अटल रुपये लेकर वचनेश त्रिपाठी संग चप्पल खरीदने के बजाए चले गए पेट पूजा करने. वहां दबा के भुट्टा खाए गए और लस्सी पी गई. जब खाने-पीने का कार्यक्रम पूरा हुआ तो वचनेश ने पूछा- चप्पल का क्या होगा? तो अटल ने जवाब दिया, इतने दिनों से काम चला रहे हैं, दो-तीन महीने और चला लेंगे.
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