पश्चिम बंगाल के जंगलमहल इलाके की बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनावों में बढ़त दिलाने में अहम भूमिका थी. जंगलमहल इलाक़े में कुल चार ज़िलें हैं. इनमे पुरुलिया, बांकुडा, झाड़ग्राम और पश्चिम मिदनापुर शामिल हैं. ये ज़िले झारखंड और ओडिशा के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं. इन चार ज़िलों में 6 लोकसभा और 39 विधानसभा सीटें हैं. बीजेपी ने 2019 में इन 6 लोकसभा सीटों में से 5 पर जीत दर्ज़ की थी और तृणमूल महज़ एक सीट पर सिमट गई थी. यह चारों ज़िले आदिवासी बाहुल्य हैं और अगर इनके वोटिंग पैटर्न को गौर से देखें तो इनका झुकाव हमेशा से किसी एक पार्टी के तरफ़ ही रहा है. इस इलाक़े में पैठ बनाने से किसी भी पार्टी को सत्ता तक पहुंचने में मदद मिलती है. तो आइए देखते हैं इस इलाक़े और यहां के आदिवासी वोटों का पैटर्न और इतिहास क्या रहा है.
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पश्चिम बंगाल: जंगलमहल और यहां के आदिवासी वोटरों में किसका कितना है प्रभाव?
इस क्षेत्र के चारों ज़िले आदिवासी बाहुल्य हैं और अगर इनके वोटिंग पैटर्न को गौर से देखें तो...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी